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जुरशीतल

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जुरशीतल,जुडशीतल(जुड़िशीतल जो शीतलाष्टमी पर मनाये जाने की परंपरा है मिथिला की) मैथिली नव वर्ष के पहले दिन का उत्सव है। मैथिल इस दिन भात (उबले हुए चावल) के साथ बारी (बौरी जो चने के बेसन के मोटे घोल को सरसों के तेल में छान या तल कर बनायी जाती है ) एवं गुड़ से बनी पूरी का सेवन करते हैं। आमतौर पर ये दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर पर 14 अप्रैल को पड़ता है, भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में मैथिलों द्वारा मनाया जाता है। इसे निरयण मेष संक्रांति और तिरहुत नव वर्ष भी कहते हैं। [1] उत्सव का अवसर मैथिल पंचांग के साथ होता है, जो कि मिथिला क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाला एक कैलेंडर है। मैथिली कैलेंडर भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र का पारंपरिक कैलेंडर है। लंबे समय की मांग के बाद, बिहार सरकार ने 2011 में इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। आधिकारिक तौर पर, मैथिली नव वर्ष दिवस को बिहार सरकार द्वारा मिथिला दिवस के रूप में कहा जाता है। हर साल जुरशीतल के महान त्योहार के कारण भारतीय राज्य बिहार में 14 अप्रैल को मिथिला दिवस के लिए अवकाश रहेगा। [2]

इन्हें भी देखेंं

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सन्दर्भ

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  1. "MITHILA PANCHANG". Angelfire.com. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |1= (help)
  2. "India (Bihar) - bank and public holidays of the world - 1970-2070". Bank-holidays.com. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |1= (help)