जीवोत्पत्ति
जीवोत्पत्ति या पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति एक वैज्ञानिक समस्या है जो अब तक हल नहीं हुई है। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई, इसके बारे में प्राचीन काल से ही अनेकानेक विचार प्रस्तुत किये जाते रहे हैं किन्तु इन सबमें तथ्य नहीं के बराबर हैं। [1] पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में वर्तमान समय का सबसे प्रबल विचार यह है कि जीवन की उत्पत्ति निर्जीव पदार्थों, जैसे सरल कार्बनिक यौगिकों से हुई है। प्रचलित वैज्ञानिक परिकल्पना यह है कि पृथ्वी पर निर्जीव से सजीव में परिवर्तन कोई एकल घटना नहीं थी। बल्कि यह बढ़ती हुई जटिलता की प्रक्रिया थी जिसमें निवास करने योग्य ग्रह का निर्माण, कार्बनिक अणुओं का प्रीबायोटिक संश्लेषण, आणविक स्व-प्रतिकृति, स्व-संयोजन, स्व-उत्प्रेरक और कोशिका झिल्लियों का उद्भव शामिल था।
अवलोकन
[संपादित करें]जीवन में (वंशानुगत) विविधताओं के साथ प्रजनन शामिल है। नासा जीवन को "डार्विनियन [यानी, जैविक] विकास में सक्षम एक आत्मनिर्भर रासायनिक प्रणाली" के रूप में परिभाषित करता है।[2] यह एक ऐसी जटिल प्रणाली है; जो प्रारंभ में संभवतः एककोशिकीय जीव था और जो लगभग 4 अरब वर्ष पहले रहता था। के DNA आनुवंशिक कोड में पहले से ही सैकड़ों जीन कूटबद्ध थे, जो आज सार्वभौमिक है। [3] जीवोत्पत्ति शोधकर्ताओं के लिए चुनौती यह समझाना है कि इस तरह की जटिल और कसकर परस्पर जुड़ी प्रणाली विकासवादी चरणों द्वारा कैसे विकसित हो सकती है। इसके सभी भाग इसे कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- अजीवात् जीवोत्पत्ति (निर्जीव पदार्थों से सजीवों की उत्पत्ति का सिद्धान्त)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Schopf, J. William (ed) 2002. Life's origin: the beginnings of biological evolution. University of California Press. ISBN 0-520-23391-3. A recent survey of the field.
- ↑ "NASA Astrobiology". astrobiology.nasa.gov (अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 30 जनवरी 2025.
- ↑ Trifonov, Edward N. (17 March 2011). "Vocabulary of Definitions of Life Suggests a Definition". Journal of Biomolecular Structure and Dynamics. 29 (2): 259–266. डीओआई:10.1080/073911011010524992. आईएसएसएन 0739-1102. पीएमआईडी 21875147. S2CID 38476092.