जीरा राइस
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यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
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क्षेत्रीय व्यंजन पंजाबी • उत्तर प्रदेश • केरल • तमिल • उड़ीसा • छत्तीसगढ़ • सिक्किम • असमिया • गोआ • गुजराती • मराठी •
इंडो-चाइनीज • फास्ट-फूड · |
सामग्री एवं प्रकार |
इन्हें भी देखें |
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जीरा राइस एक पंजाबी व्यंजन है जो चावल और जीरे को मिला कर बनाया जाता है। इसी कारण इसे यह नाम मिला है।
जीरा राइस प्रत्येक दिन के भोजन के रूप में उत्तर भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय व्यंजन है। इसे बनाना बिरयानी की तरह मुश्किल नहीं है। यह आसानी से बनाया जाने वाला व्यंजन है। जीरा Cumin Seeds का हिंदी अर्थ है।
जीरे की खुशबू इस रेसिपी को लाजवाब बना देती है।
विधि[संपादित करें]
जीरा राइस बनाने के लिए मुख्यतः चावल, साबुत जीरा और वनस्पति तेल की आवश्यकता होती है।
एक पैन में तेल गर्म करके साबुत जीरा तड़का लिया जाता है। फिर इसमें लम्बे दाने वाले बासमती चावल धो कर डाले जाते हैं। साथ ही इसमें नमक भी डाला जाता है। फिर इसे चावल से करीब दुगुनी मात्रा में पानी में कम आंच पर उबलने दिया जाता है। [1]
भारत के अलग-अलग प्रान्तों में जीरा राइस में वहां के स्थानीय मसाले, पाक-कला और क्षेत्रीयता भी शामिल होती गयी और इसकी विभिन्न वेरायटीज़ समय के साथ बनती चली गयी। उदाहरण के लिए अवध क्षेत्र में जीरा राइस में काजू भी डाला जाने लगा तो पंजाब में इसे पकाते समय इसमें लम्बा और पतला कटा प्याज भी इस्तेमाल किया जाने लगा। वहीँ दक्षिण भारत में जब यह रेसिपी पहुंची तो इसमें कुछ साबुत मसालों जैसे लौंग और तेज पत्ता भी डालने लगा। लेकिन सर्वाधिक प्रचलित तौर पर तो इसे चावल, साबुत जीरा और वनस्पति तेल से ही बनाया जाता है।
जीरा राइस एक मुख्य आहार के रूप में भी परोसा जाता है और इसे दूसरे अन्य व्यंजनों जैसे कि दाल, कढ़ी या फिर सादा दही के साथ भी खाया जाता है।
सजावट[संपादित करें]
जीरा राइस प्रायः ताजे हरे धनिये की पत्तियों को बारीक काट कर गार्निश किया जाता है। [2]
आजकल कुछ होटल और रेस्टोरेंट में इसे सुनहरे भूरे किये हुए प्याज के लच्छों से भी सजा कर परोसा जाता है।
इतिहास[संपादित करें]
भारतीय पाक-कला की प्राचीन पुस्तकों और पद्धतियों में जीरा राइस का उल्लेख नहीं मिलता है।
जीरा राइस की चर्चा भारतीय पुस्तकों में मुग़ल शासन के समय से मिलती है। मुगलों को चावल के व्यंजन बेहद पसंद थे जिसके चलते भारत में मुग़ल शासनकाल में उनके लिए काम करने वाले रसोइयों, बावर्चियों और खानसामों ने कई तरह की पुलाव और बिरयानी की रेसिपी तैयार की। जीरा राइस रेसिपी भी मुग़ल शासन के साथ ही भारत में आई और इतनी प्रचलित हो गयी कि आज वर्तमान में यह भारत में चावल की घर-घर में बनायी जाने वाली रेसिपी के रूप में जानी जाती है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "जीरा राइस रेसिपी". jaipurthepinkcity.com. मूल से 15 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 सितंबर 2016.
- ↑ "Jeera Rice Hindi". khanakhazana.org. मूल से 14 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 सितंबर 2016.