जस्सा सिंह रामगढ़िया
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जस्सा सिंह रामगढ़िया (1723 -1803) सिक्ख रामगढ़िया मिसल के संस्थापक कमांडर थे। 11 मार्च 1783 को उन्होंने सिख नेता बाबा बघेल सिंह और अपनी सेना के साथ दिल्ली के लाल किला को जीत कर उस पर एक निशान साहिब (झंडा) फहराया।[1]
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]जस्सा सिंह रामगढ़िया का जन्म ज्ञानी भगवान सिंह के घर सन् 1723 ईस्वी में भाम्ब्रा उपनाम के साथ एक सिख परिवार में हुआ था।[2] डब्ल्यू एच मैकलियोड के अनुसार,[3] उनका जन्मस्थान लाहौर के पास इचोगिल गांव था, जबकि एच एस सिंघा केवल लाहौर और पूर्णिमा धवन को संदर्भित करता है।[4] या तो गूगा या सूर सिंह में उत्पत्ति का उल्लेख है, दोनों अमृतसर के पास। सूत्रों के बीच सहमति है कि वह तारखान मूल के थे और मूल रूप से उनका नाम जस्सा सिंह ठोकर (जस्सा सिंह बढ़ई) था। उनके चार भाई थे - जय सिंह, खुशाल सिंह, माली सिंह रामगढ़िया और तारा सिंह - और जब उनके पिता ज्ञानी भगवान सिंह की मृत्यु हुई, तो वे परिवार के मुखिया बने।
सन्दर्भ
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- ↑ "महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया जयंती: रामगढ़िया ने औरंगजेब से लालकिला जीतकर फहराया था निशान साहिब का झंडा". अभिगमन तिथि 19 मई 2022.
- ↑ "रामगढ़िया मिसल".
- ↑ W. H, McLeod (2005). Historical dictionary of Sikhism. Lanham, Md. : Scarecrow Press.
- ↑ पूर्णिमा, धवन. When Sparrows Became Hawks The Making of the Sikh Warrior Tradition, 1699-1799. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, यूएसए. अभिगमन तिथि 3 नवंबर 2011.