जसवंत सिंह
![]() | इस जीवित व्यक्ति की जीवनी में कोई भी स्रोत अथवा संदर्भ नहीं हैं। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर इसे बेहतर बनाने में मदद करें। जीवित व्यक्तियों के बारे में विवादास्पक सामग्री जो स्रोतहीन है या जिसका स्रोत विवादित है तुरंत हटाई जानी चाहिये, खासकर यदि वह मानहानिकारक अथवा नुकसानदेह हो। (जून 2014) |
जसवंत सिंह 'जसोल'
| |
![]()
| |
कार्यकाल 2002-2004 | |
प्रधान मंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
---|---|
पूर्व अधिकारी | यशवंत सिन्हा |
उत्तराधिकारी | पी. चिदम्बरम |
कार्यकाल 1996-1996 | |
प्रधान मंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्व अधिकारी | मनमोहन सिंह |
उत्तराधिकारी | पी. चिदम्बरम |
कार्यकाल 1998-2002 | |
प्रधान मंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्व अधिकारी | अटल बिहारी वाजपेयी |
उत्तराधिकारी | यशवंत सिन्हा |
कार्यकाल 2000-2001 | |
प्रधान मंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्व अधिकारी | जॉर्ज फ़र्नान्डिस |
उत्तराधिकारी | जॉर्ज फ़र्नान्डिस |
जन्म | 3 जनवरी 1938 गांव/ठिकाना - जसोल वाया - बालोतरा तहसील - पचपदरा जिला - बाड़मेर राज्य - राजस्थान , राजपूताना, ब्रिटिश भारत |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
धर्म | जाति - राजपूत
गौत्र - राठौर, हिन्दू धर्म |
वेबसाइट | http://www.jaswantsingh.com |
जसवंत सिंह (जन्म - ३ जनवरी १९३८) भारत के एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। वे मई 16, 1996 से जून 1, 1996 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं। ५ दिसम्बर १९९८ से १ जुलाई २००२ के दौरान वे वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री बने। फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और इस पद पर मई २००४ तक रहे। वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे। १५वीं लोकसभा में वे दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे राजस्थान में बाड़मेर के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेना में अधिकारी रहे। पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे।[कृपया उद्धरण जोड़ें] वे जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह के करीबी माने जाते हैं। जसवंत सिंह मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवास्ला के छात्र रह चुके हैं। 2001 में उन्हें "सर्वश्रेष्ठ सांसद" का सम्मान मिला। १९ अगस्त २००९ को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस में नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें उनके राजनीतिक दल भाजपा से निष्कासित कर दिया गया और फिर वापस लिया गया।
2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बाड़मेर-जैैैसलमैैर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के विरोध में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्हें इस बगावत के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया।
राजनीतिक यात्रा[संपादित करें]
जसवंत सिंह भारतीय राजनीति के उन थोड़े से राजनीतिज्ञों में से हैं जिन्हें भारत के रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला। वे वाजपेयी सरकार में भारत के विदेश मंत्री बने, बाद में यशवंत सिन्हा की जगह उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया।