जसराणा, सोनीपत

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जसराणा हरियाणा के सोनीपत जिले की गोहाना तहसील में एक मध्यम आकार का गाँव है। यह गिवाना ( सोनीपत ), फरमाना माजरा (सोनीपत), गोरार (सोनीपत), मुंगन ( रोहतक ) और पोलांगी (रोहतक) नामक गांवों से घिरा हुआ है। यह गांव काफी पुराना है लेकिन इसका इतिहास अच्छी तरह से ज्ञात नहीं है। यह गाँव कभी अपने पहलवानों और जौहरी सिंह नाम के एक आर्य समाजी कवि के लिए प्रसिद्ध था।[1] इसके निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। मुख्य फसलें गेहूं और चावल हैं। कोई 30 साल पहले यहां के किसान गन्ने की खेती भी खूब करते थे, लेकिन अब वे चावल की खेती करने लगे हैं क्योंकि यह अधिक लाभ देता है। कालीरामन और मलिक इस गांव के जाटों के गोत्र हैं। जाटों के अलावा इस गांव में कई अन्य जाति के लोग भी रहते भी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव की जनसंख्या 3836 है। गांव की पुरुष जनसंख्या 2106 और महिला संख्या 1730 है। इस प्रकार, लिंगानुपात 821:1000 है।

यह गांव बड़ौदा विधानसभा क्षेत्र और सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। रोहतक और सोनीपत इस गांव से निकटतम शहर हैं। इस गांव से पोलंगी, रुड़की, भलौत और बोहर होते हुए रोहतक शहर पहुंचा जा सकता है। फरमाना माजरा, महिपुर, सलीमसर माजरा, लोहारी टिब्बा, भटगांव, बगरू, सागरपुर और मेहलाना होते हुए सोनीपत सिटी पहुंचा जा सकता है। इस गांव से रोहतक शहर की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। इस गांव से सोनीपत शहर की दूरी करीब 27 किलोमीटर है।

सन्दर्भ[संपादित करें]