जव्हार रियासत
Jawhar State | |
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ब्रिटिश भारत का रियासत | |
1343–१९४८ | |
![]() | |
राजधानी | जव्हार |
Demonym | आदिवासी |
Area | |
• 1901 | 804.45 कि॰मी2 (310.60 वर्ग मील) |
Population | |
• 1901 | 5,47,538 |
• Type | राजघराना सरकार |
Legislature | |
• Upper house | मुकने राजवंश |
एतिहासिक युग | उन्नीसवीं शताब्दी |
• स्थापना | १३४३ 1343 |
• विस्थापना | १९४८ |
आज इन देशों का भाग है | ![]() |
जव्हार रियासत भारत की एक रियासत थी। एक रियासत के रूप में, यह ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा बन गया।[1][2] यह ठाणे एजेंसी से संबंधित एकमात्र राज्य था। जव्हार रियासत के अंतिम कोली महाराजा यशवंतराव मुकने थे।[3][4]


इतिहास
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6 जून 1306 को जव्हार रियासत की स्थापना जयवा मुकने ने की थी और उसके बड़े बेटे नेमशाह मुकने ने २२ किले जीतकर रियासत के क्षेत्रफल को बढ़या और ५ जून १३४३ को दिल्ली सल्तनत के सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने नेमशाह को शाह की उपाधि से सम्मानित किया और राजा स्वीकार किया। यह पल जव्हार के इतिहास मे लिख दिया गया।[5]
नेमशाह के पौत्र देववरराव मुकने ने बहमनी सल्तनत के सुल्तान मुहम्मद शाह से विदार किले पर युद्ध किया । युद्ध के दौरान ही वह सल्तनत की राजकुमारी से प्रेम कर बेठे और उनसे विवाह करके जव्हार वापस आ गए और अपनी मृत्यु तक शांतिपूर्ण ढंग से राज किया। उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटे मुहम्मद शाह मुकने को राजा नही बनाया गया कयोंकी जागीरदार विरोध में थे तो नेमशाह मुकने के भाई होलकरराव मुकने को राजा बना दिया गया।[5][6]
1664 मे शिरपामल पर विक्रम साह मुकने की मुलाकात छत्रपति शिवाजी महाराज से हुई और दोनो ने मिलकर सूरत पर आक्रमण कर दिया। लेकिन जैसे तैसे बाद में उनकी मराठाओं के साथ बिगड़ गई। तब से, मराठों ने धीरे-धीरे और लगातार मुकने शासकों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। उन्होंने 1742, 1758 और 1761 में राज्य पर अधिकार कर लिया। हर बार मुक्ने परिवार को इस शर्त पर नियंत्रण जारी किया जाता था कि प्रदेशों को सीज किया जाए और श्रद्धांजलि बढ़े। 1782 मे रियासत मराठाओं के नियंत्रण से बहार हो गई और कोली राजा ने काबु किया।
मलहारराव मुकने एक प्रबुद्ध और सुशिक्षित शासक, उन्होंने तुरंत परिस्थितियों को सुधारने, सरकार को सुव्यवस्थित करने, सड़कों, स्कूलों और औषधालयों के निर्माण के बारे में निर्धारित किया। 1905 में उनकी मृत्यु के बाद, स्थितियों में सुधार से परे सुधार हुआ था।[7]
मलहारराव के दो पुत्रों कृष्णा शाह और मार्तंडराव मुकने ने अपने शासनकाल में भी लगातार सुधार देखा गया। मार्तंडराव ने कृषि क्षेत्र में सुधार, कुओं का निर्माण, भूमि अधिकारों को सुरक्षित रखने और राज्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करने में विशेष रूप से मेहनती था। पृथम विश्व युद्ध के भाग लेने के लिए अंग्रेजों ने उन्हे 9 बंदूकों की वंशानुगत सलामी दी। उसकी मृत्यु के बाद उसके दस बर्ष की आयु मे भार संभाला। दस बर्ष के पुत्र का नाम यशवंतराव मुकने था जिसने 1938 मे व्यशक होने के बाद रियासत की सिरी ताकत अपने हाथों मे ली और वो ही अपने खानदान में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा था। उन्होंने विकास गतिविधि का विस्तार करके, रासायनिक, कागज, कपड़ा, रंगाई, छपाई, शराब और स्टार्च उद्योगों को प्रोत्साहित करके अच्छे काम को जारी रखा एवं राज्य ने मुफ्त प्राथमिक विद्यालय और चिकित्सा राहत प्रदान की, दोनों मध्य और उच्च विद्यालय, एक केंद्रीय पुस्तकालय और संग्रहालय, अस्पताल और मातृत्व घर, और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भ्रमण औषधालय प्रदान किए। जब दुसरा विश्व युद्ध अपने प्रकोप पर था उसी दौरान महाराजा यशवंतराव मार्तंडराव मुकने ने युद्ध मे भाग लिया एवं चार साल तक शाही भारतीय वायुसेना मे बतौर सेनापति सेवा की और 1947 मे भारत के विभाजन के समय जव्हार रियासत को भारत मे सामिल कर दी। राज-पाट छोड़ने के बाद वो राजनीति में चले गए। 1978 मे उनकी मृत्यु हो गई उस समय उनका एक हु पुत्र था जिसका नाम दिग्विजयसिंह था।[8]
शासकों की सुची
[संपादित करें]जव्हार रियासत के शासकों की सुची[9][10]
- जयवा मुकने
- नेमशाह मुकने
- भीमराव मुकने
- देववरराव मुकने
- कृष्णाराव मुकने
- नेमशाह मुकने द्वितिय
- विक्रमशाह मुकने
- पतंगशाह मुकने
- मालोजीराव मुकने
- गंगाधरराव मुकने
- विक्रमशाह मुकने तिसरे
- हनुमंतराव मुकने
- माधवराव मुकने
- पतंगशाह मुकने चौथे
- मलहारराव मुकने
- मार्तंडराव मुकने
- यशवंतराव मुकने
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Imperial Gazetteer2 of India, Volume 23, page 299 -- Imperial Gazetteer of India -- Digital South Asia Library". dsal.uchicago.edu. Archived from the original on 4 मार्च 2016. Retrieved 2020-04-19.
- ↑ "1911 Encyclopædia Britannica/Jawhar - Wikisource, the free online library". en.m.wikisource.org. Retrieved 2020-04-19.
- ↑ Elison, William (2018). The Neighborhood of Gods: The Sacred and the Visible at the Margins of Mumbai (in अंग्रेज़ी). University of Chicago Press. ISBN 978-0-226-49490-6.
- ↑ Tribhuwan, Robin D.; Savelli, Laurence (2003). Tribal Masks and Myths (in अंग्रेज़ी). Discovery Publishing House. ISBN 978-81-7141-636-3.
- ↑ अ आ "Imperial Gazetteer2 of India, Volume 14, page 87 -- Imperial Gazetteer of India -- Digital South Asia Library". dsal.uchicago.edu. Archived from the original on 4 मार्च 2010. Retrieved 2020-04-19.
- ↑ Lethbridge, Sir Roper (2005). The Golden Book of India: A Genealogical and Biographical Dictionary of the Ruling Princes, Chiefs, Nobles, and Other Personages, Titled Or Decorated of the Indian Empire (in अंग्रेज़ी). Aakar Books. ISBN 978-81-87879-54-1. Archived from the original on 14 अगस्त 2018. Retrieved 19 अप्रैल 2020.
- ↑ Not Available (1931). List Of Ruling Princes And Chiefs In Political Relations.
- ↑ "Members Bioprofile". loksabhaph.nic.in. Archived from the original on 17 मई 2019. Retrieved 2020-04-19.
- ↑ "Indian Princely States before 1947 A-J". www.worldstatesmen.org. Archived from the original on 5 जनवरी 2020. Retrieved 2020-04-19.
- ↑ "Indian states before 1947 A-J". rulers.org. Archived from the original on 15 जुलाई 2015. Retrieved 2020-04-19.