जवाबदेही
उत्तरदायित्व, नैतिकता और शासन की एक ऐसी संकल्पना है, जिसके कई अर्थ हैं। इसका इस्तेमाल अक्सर जिम्मेदारी, जवाबदेही, दोषारोपण, दायित्व जैसी संकल्पनाओं तथा जवाबदेही से जुड़े अन्य शब्दों के पर्यावाची के तौर पर भी किया जाता है।[1]जवाबदेही का अर्थ सरकारी अधिकारियों में निहित विवेकाधिकारो तथा प्राधिकारों की राज्य व्यवस्था के विभिन्न अंगों द्वारा बाह्य समीक्षा करना है| शासन के एक पहलू के तौर पर, यह सार्वजनिक क्षेत्र, गैर-लाभकारी और निजी क्षेत्रों की समस्याओं से जुड़ी बहस का केंद्र रहा है। नेतृत्व की भूमिका में जवाबदेही के अंतर्गत कार्यों, उत्पादों, फैसलों को स्वीकार करना और उनकी जिम्मेदारी लेने के साथ-साथ प्रशासन, शासन और उन्हें अपनी भूमिका के दायरे में लागू करने तथा उसकी परिणति के प्रति जवाबदेह होना भी शामिल है।
प्रशासन से संबंधित शब्द के तौर पर जवाबदेही को परिभाषित करना मुश्किल है।[2][3] अक्सर इसका वर्णन अलग-अलग व्यक्तियों के बीच जवाबदेह रिश्ते के तौर पर किया जाता है, जैसे, "ए बी के प्रति जवाबदेह है जहां ए बी को ए के (भूत और भविष्य के) कार्यों और फैसलों की सूचना देता है, उसे न्यायोचित करार देता है और अगर कोई गलती होती है, तो उसकी सजा भी भुगतता है".[4]जवाबदेही बिना उचित जिम्मेदारी के अस्तित्व में नहीं रह सकती, दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि जहां जिम्मेदारी नहीं होगी, वहां जवाबदेही नहीं होगी.
इतिहास और व्युत्पत्ति
[संपादित करें]"जवाबदेही" लैटिन शब्द accomptare (हिसाब करना) से निकला है, ये computare (गिनती करना) का एक उपसर्ग है, जो कि putare (to reckon) से निकला है।[5] हालांकि अंग्रेजी में यह शब्द तब तक सामने नहीं आया था जब तक कि 13वीं सदी के नॉर्मैन इंग्लैंड[6][7] में इसका इस्तेमाल शुरु नहीं हो गया था, हिसाब रखने की ये संकल्पना शासन और रुपये के लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड रखने की प्राचीन गतिविधियों से जुड़ी है जिसे कि पहली बार प्राचीन इजराइल[8], बेबिलोन[9], मिस्र[10], यूनान[11] और बाद में रोम में विकसित किया गया।[12]
जवाबदेही के प्रकार
[संपादित करें]ब्रूस स्टोन, ओमप्रकाश द्विवेदी और जोसफ जी जाबरा ने 8 प्रकार की जवाबदेही के बारे में बताया है, इनमें नैतिक, प्रशासनिक, राजनैतिक, प्रबंधकीय, बाजार, कानूनी/न्यायिक, निर्वाचन क्षेत्र के संबंध और पेशेवर शामिल हैं।[13] नेतृत्व की जवाबदेही इनमें से कइयों में शामिल होती है।
राजनीतिक जवाबदेही
[संपादित करें]राजनीतिक जवाबदेही सरकार, नौकरशाहों और राजनेताओं की जनता और कांग्रेस अथवा संसद जैसी विधायिका के प्रति जवाबदेही है।
कुछ मामलों में चुने हुए अधिकारी को हटाने के लिए पुनर्मतदान का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि आमतौर पर मतदाताओं के पास चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके चुने हुए कार्यकाल के दौरान प्रत्यक्ष तौर पर जवाबदेह ठहराने का कोई तरीका नहीं होता है। इसके अतिरिक्त कुछ अधिकारियों और विधायकों को चुनने के बजाए नियुक्त किया जा सकता है। संविधान अथवा कानून एक विधायिका को ये अधिकार दे सकता है कि वो अपने सदस्यों, सरकार और सरकारी निकायों को जवाबदेह ठहरा सके. ऐसा आंतरिक या स्वतंत्र जांच के माध्यम से किया जा सकता है। आमतौर पर किसी कदाचार या भ्रष्टाचार के आरोप पर ही जांच कराई जाती है। इस मामले में शक्ति, प्रक्रिया और प्रतिबंध अलग-अलग देशों में अलग होते हैं। विधायिका के पास ये अधिकार हो सकता है कि वो किसी व्यक्ति पर महाभियोग चलाए, उन्हें हटा दे या फिर उन्हें उनके पद से कुछ समय के लिए निलंबित कर सके. आरोपी व्यक्ति सुनवाई से पहले खुद भी इस्तीफा देने का फैसला कर सकता है। अमेरिका में महाभियोग का इस्तेमाल चुने हुए प्रतिनिधियों और जिला अदालत के जजों जैसे अन्य सार्वजनिक दफ्तरों के प्रतिनिधियों पर भी किया जाता है।
संसदीय प्रक्रियाओं में सरकार समर्थन या संसद पर निर्भर रहती है, जिससे संसद को सरकार को जवाबदह ठहराने का अधिकार मिल जाता है। जैसे कुछ संसदों में सरकार के प्रति अविश्वास प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
नैतिक जवाबदेही
[संपादित करें]नैतिक जवाबदेही समग्र निजी और सांगठनिक प्रदर्शन को जिम्मेदार उपायों और पेशेवर विशेषज्ञता विकसित और उसे प्रचारित कर उन्नत करने का तरीका है और इसके साथ ही प्रभावी माहौल की वकालत कर लोगों तथा संगठनों को टिकाऊ विकास अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी तरीका है। नैतिक जवाबदेही में व्यक्ति के साथ-साथ छोटे व बड़े कारोबार, गैर-लाभकारी संगठनों, शोध संस्थानों और शिक्षाविदों तथा सरकार को शामिल किया जा सकता है। किसी विद्वान ने अपने लेख में लिखा है कि सामाजिक बदलाव के लिए लोगों की जानकारी और ज्ञान की खोज किए बिना किसी योजना पर काम शुरू करना अनैतिक होगा, क्योंकि उस कार्य योजना को लागू करने की जिम्मेदारी लोगों की होगी, साथ ही उससे उन्हीं की जिंदगी प्रभावित होगी.[14]
प्रशासनिक जवाबदेही
[संपादित करें]सरकार के प्रशासन में नौकरशाहों को जवाबदेह बनाने के लिए आंतरिक नियमों और मानदंडों के साथ-साथ कुछ स्वतंत्र आयोग भी होते हैं। विभाग या मंत्रालय के अंदर सबसे पहले बर्ताव नियमों और विनियमों से घिरा होता है; दूसरे नौकरशाह पदों के मुताबिक अपने वरिष्ठों के मातहत होते हैं और उन्हीं के प्रति जवाबदेह होते हैं। फिर भी विभागों पर नजर रखने और उन्हें जवाबदेह बनाने के लिए कुछ स्वतंत्र निगरानी ईकाइयां होती हैं; इन आयोगों की वैधता उनकी स्वतंत्रता पर निर्भर होती है, जो हितों के टकराव होने से बचाती है। आंतरिक जांच के अलावा कुछ निगरानी ईकाइयां होती हैं जो नागरिकों से शिकायतें लेती हैं, इससे सरकार और समाज नौकरशाहों को सिर्फ सरकारी विभागों के प्रति नहीं बल्कि नागरिकों के प्रति भी जवाबदेह बनाते हैं।
बाजार जवाबदेही
[संपादित करें]सरकार की विकेंद्रीकरण और निजीकरण की आवाज के तहत इन दिनों ग्राहकों को केंद्र कर सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं और इसका उद्देश्य नागरिकों को सुविधा और विभिन्न विकल्प मुहैया कराना होना चाहिए; इस परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक और निजी सेवाओं के बीच तुलना और प्रतिस्पर्धा होती है और इससे सेवा की गुणवत्ता उन्नत होती है। जैसा कि ब्रूस स्टोन ने उल्लेख किया है कि जवाबदेही का मूल्यांकन संप्रभू ग्राहकों के प्रति सेवा प्रदाताओं प्रभावनीय हो और जो उन्नत क्वालिटी की सेवा मुहैया कराए. बाहर से सेवा हासिल करना बाजार की जवाबदेही अपनाने का एक माध्यम हो सकता है। आउटसोर्स सेवा के लिए सरकार चिन्हित की हुई कंपनियों में से चुन सकती है; सरकार करार की अवधि के दौरान करार की शर्तें बदलकर कंपनी को रोक सकती है अथवा उस काम के लिए किसी दूसरी कंपनी का चयन कर सकती है।
निर्वाचन क्षेत्र के संबंध
[संपादित करें]किसी निर्वाचन क्षेत्र या इलाके की विभिन्न एजेंसियों, समूहों या संस्थानों के जो कि सार्वजनिक क्षेत्र से अलग और नागरिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वालों के परिप्रेक्ष्य में जो आवाज उठती है और सुनी जाती है, उसके लिए विशेष एजेंसी या सरकार जवाबदेह होती है। फिर भी सरकार एजेंसियों के सदस्यों को ये अधिकार प्रदान करने के लिए बाध्य है जिससे कि उन्हें चुनाव में खड़ा होने और चुने जाने का राजनीतिक अधिकार मिले. या फिर उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र में सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त करे और नीति-निर्धारण की प्रक्रिया में सभी निर्वाचन क्षेत्रों की आवाज को शामिल किए जाने को सुनिश्चित करे.
सार्वजनिक/निजी ओवरलैप
[संपादित करें]पिछले कुछ दशकों के दौरान सार्वजनिक सेवा के प्रावधानों में निजी संस्थाओं की, खासकर ब्रिटेन और अमेरिका में बढ़ती भागीदारी की वजह से कई लोग मांग करने लगे हैं कि गैर-राजनीतिक संस्थाओं पर भी राजनीतिक जवाबदेही का ये तंत्र लागू किया जाए. उदाहरण के लिए कानून की विद्वान एन्ने डेविस का तर्क है कि यूनाइटेड किंगडम में सार्वजनिक सेवा के प्रावधानों में सरकारी संस्थानों और निजी संस्थानों के बीच का फर्क कुछ खास क्षेत्रों में घटता जा रहा है और इससे उन क्षेत्रों में राजनीतिक जवाबदेही में समझौता किया जा सकता है। उनके साथ-साथ दूसरों का भी तर्क है कि जवाबदेही के इस खालीपन को भरने के लिए प्रशासनिक कानून में कुछ सुधार की जरूरत है।[15]
अमेरिका में हाल ही में सार्वजनिक/निजी ओवरलैप की वजह से सरकारी सेवाओं का निजी क्षेत्रों में जाने और उससे जवाबदेही में कमी आने के मामले पर लोगों की चिंता तब जाहिर हुई थी, जब इराक की सुरक्षा संस्था ब्लैकवाटर में गोलीबारी की घटना हुई थी।[16]
समकालीन विकास
[संपादित करें]जवाबदेही में जवाब देने के बर्ताव की उम्मीद अथवा धारणा शामिल होती है। एक सामाजिक कार्य के तौर पर हिसाब देने संबंधी अध्ययन के बारे में हाल ही में मार्विन स्कॉट, स्टैनफोर्ड लायमैन[17] तथा स्टीफेन सोरोका[उद्धरण चाहिए] के 1968 के "एकाउंट्स" लेख में जिक्र किया गया था; हालांकि इसे जे. एल. ऑस्टिन के 1956 के लेख "ए प्ली फॉर एक्सक्यूजेज"[18] ("A Plea for Excuses") में भी देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने बहाना बनाने को भाषण-बाजी के उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल किया था।
संचार क्षेत्र के विद्वानों ने इस कार्य को व्यक्तियों तथा कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले बहानों, प्रमाणिकता, तर्कों, क्षमा-याचना तथा जवाबदेही संबंधी बर्ताव के अन्य रूपों के सामरिक उपयोगों के परीक्षण के माध्यम से विस्तारित किया है; फिलिप टेटलॉक तथा उनके सहयोगियों ने जवाबदेही की मांग करने वाली विभिन्न परिस्थितियों तथा परिदृश्यों में व्यक्तियों द्वारा किये जाने वाले बर्ताव पर प्रयोगात्मक डिजाइन तकनीकों का इस्तेमाल किया है।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की वैधता के बारे में होने वाली बहस में जवाबदेही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है।[19] चूंकि दुनिया में लोकतांत्रिक तरीके से चुना हुआ कोई निकाय नहीं है जिसके प्रति संगठन जवाबदेह हो, इसलिए सभी क्षेत्रों के वैश्विक संगठनों की गैर-जवाबदेही को लेकर अक्सर आलोचना की जाती है। वन वर्ल्ड ट्रस्ट के नेतृत्व वाले वैश्विक लोकतंत्र के चार्टर 99[20] में पहली बार विभिन्न क्षेत्रों में लोगों और उनकी कानूनी स्थिति की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले जवाबदेही के नियमों का संस्थानों द्वारा अध्ययन और पालन कराने का प्रस्ताव दिया था। वैश्विक संदर्भ में विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड जैसी संस्थाओं की समस्या काफी अद्भुत है; ये संस्थाएं अमीर देशों द्वारा स्थापित और समर्थित हैं और ऋण तथा अनुदान के रूप में विकासशील देशों को मदद मुहैया कराती हैं। तो क्या उन संस्थानों को उनके संस्थापकों और निवेशकों या फिर उन लोगों या देशों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए जिनकी वो मदद करते हैं। वैश्विक न्याय और इसके वितरण के परिणामों पर बहस में विश्वराजनीतिकविद पारंपरिक तौर पर हाशिए पर रही आबादियों और विकासशील देशों के अवहेलना किए हुए हितों के लिए ज्यादा से ज्यादा जवाबदेही तय करने की वकालत करते हैं। वहीं दूसरी ओर, जो राष्ट्रवादी और राज्यों की समाज परंपरा में हैं वो नैतिक सार्वभौमिकतावाद की विशेषताओं से इंकार करते हैं और ये तर्क देते हैं कि वैश्विक विकास की कोशिशों के लाभार्थियों को किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था को उनके प्रति जवाबदेह होने की मांग करने की पात्रता नहीं है। 2006 से 2008[21] में प्रकाशित दि वन वर्ल्ड ट्रस्ट ग्लोबल एकाउंटैबिलिटी रिपोर्ट वैश्विक संगठनों को उनके लाभार्थियों के प्रति जवाबदेह बनाने की एक कोशिश थी।
गैर-लाभकारी क्षेत्र के लिए जवाबदेह तेजी से एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। 2005 में विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने एकाउंटेबिलिटी चार्टर पर हस्ताक्षर किए. मानवतावाद के क्षेत्र में एचएपीआई (मानवीय जवाबदेह भागीदारी इंटरनेशनल) (Humanitarian Accountability Partnership International) जैसी कुछ पहल दिखाई दी हैं। व्यक्तिगत गैर-सरकारी संगठनों ने खुद की जवाबदेह प्रणालियां (उदाहरण के लिए दि एएलपीएस, एकाउंटैबिलिटी और एकशन-एड की प्लानिंग सिस्टम) विकसित की हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में जवाबदेही
[संपादित करें]सडब्यूरी स्कूल्स मानते थे कि छात्र अपने कार्यों के लिए निजी तौर पर खुद ही जिम्मेदार होते हैं, ये धारणा आज के दूसरे स्कूलों के बिलकुल उलट है जो इससे इंकार करते हैं। ये इंकार तीन पराक्र से है: स्कूल छात्रों को पूरी तरह से अपने तरीके का चयन करने की इजाजत नहीं देता है; एक बार तय करने के बाद स्कूल छात्रों को कोर्स शुरू करने की इजाजत नहीं देते हैं और एक बार स्वीकार करने के बाद स्कूल छात्रों को कोर्स के परिणाम भुगतने की इजाजत नहीं देते हैं। चुनने की आजादी, काम करने की आजादी, काम का नतीजा सहन करने की आजादी-ऐसी तीन महान आजादी हैं जिनसे निजी जिम्मेदारी बनती है। सडब्यूरी स्कूल्स का दावा है कि "एथिक्स" यानी आचार एक ऐसा पाठ्यक्रम है जिसे जिंदगी के अनुभव से ही सीखा जाता है। उन्होंने मूल्यों को हासिल करने और नैतिक कार्य के लिए जो सबसे जरूरी घटक पेश किया है वो है निजी जिम्मेदारी. स्कूलों को तब नैतिकता की सीख देने में शामिल हो जाना चाहिए जब वो लोगों का समुदाय बन जाते हैं और जो एक-दूसरे के विकल्प चुनने के हक का आदर करते हैं। सही मायने में स्कूलों को नैतिक मूल्यों का पैरोकार बनने के लिए सही तरीका यही है कि अगर वो छात्रों और वयस्कों को नैतिक मूल्यों को आयात करने वाले जिंदगी के अनुभवों से सीखने का मौका मुहैया कराए. छात्रों को उनकी शिक्षा के लिए पूरी जिम्मेदारी दी जाती है और स्कूल प्रत्यक्ष लोकतंत्र से संचालित किया जाता है जहां छात्र और कर्मचारी समान होते हैं।[22][23][24][25][26][27]
प्रतीकात्मकता
[संपादित करें]न्यूरोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक, लोगो थेरेपी के संस्थापक और एग्जीस्टेंशियल (अस्तित्वपरक) थेरेपी के अहम शख्सियत विद्वान विक्टर फ्रैंकल ने अपनी किताब मैन्स सर्च फॉर मीनिंग में अनुशंसा की है कि "पूर्वी तट पर स्थित स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (जो स्वाधीनता और आजादी का प्रतीक बन चुकी है) के एक पूरक के रूप में पश्चिमी तट पर स्टेच्यू ऑफ रेस्पोंसिबिलिटी की स्थापना की जानी चाहिए. उनकी सोच के अनुसार, "आखिरकार, स्वतंत्रता अंतिम वस्तु नहीं है। वह कहानी का एक हिस्सा मात्र है और अर्ध-सत्य के समान है। स्वतंत्रता, उस पूरे तथ्य का एक नकारात्मक पहलू है जिसका सकारात्मक पहलू जिम्मेदारी है। वास्तव में, जिम्मेदारीपूर्वक निर्वाह न किये जाने पर स्वतंत्रता के मनमानेपन में तब्दील होने के खतरा बना रहता है।[28][29]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]जवाबदेही को विक्षनरी में देखें जो एक मुक्त शब्दकोश है। |
- चुनाव खर्च संबंधी सुधार
- सार्वजनिक जीवन में मानकों पर समिति
- सूचना कानून की स्वतंत्रता
- सरकारी जवाबदेही कार्यालय
- वन वर्ल्ड ट्रस्ट
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
- जवाबदेह
- विश्वव्यापी शासन के सूचक
- विश्व बैंक के निरीक्षण कक्ष
- विशेष-प्रयोजन के क्षेत्र
पादलेख
[संपादित करें]- ↑ Dykstra, Clarence A. (1939). "The Quest for Responsibility". American Political Science Review. The American Political Science Review, Vol. 33, No. 1. 33 (1): 1–25. डीओआइ:10.2307/1949761. मूल से 7 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 फ़रवरी 2011. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Mulgan, Richard (2000). "'Accountability': An Ever-Expanding Concept?". Public Administration. 78 (3): 555–573. डीओआइ:10.1111/1467-9299.00218.
- ↑ Sinclair, Amanda (1995). "The Chameleon of Accountability: Forms and Discourses". Accounting, Organizations and Society. 20 (2/3): 219–237. डीओआइ:10.1016/0361-3682(93)E0003-Y.
- ↑ Schedler, Andreas (1999). "Conceptualizing Accountability". प्रकाशित Andreas Schedler, Larry Diamond, Marc F. Plattner (संपा॰). The Self-Restraining State: Power and Accountability in New Democracies. London: Lynne Rienner Publishers. पपृ॰ 13–28. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-55587-773-7.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: editors list (link)
- ↑ ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश दूसरा संस्करण
- ↑ Dubnick, Melvin (1998). "Clarifying Accountability: An Ethical Theory Framework". प्रकाशित Charles Sampford, Noel Preston and C. A. Bois (संपा॰). Public Sector Ethics: Finding And Implementing Values. Leichhardt, NSW, Australia: The Federation Press/Routledge. पपृ॰ 68–8l.
- ↑ Seidman, Gary I (2005). "The Origins of Accountability: Everything I Know About the Sovereign's Immunity, I Learned from King Henry III". St. Louis University Law Journal. 49 (2): 393–480. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Walzer, Michael (1994). "The Legal Codes of Ancient Israel". प्रकाशित Ian Shapiro (संपा॰). the Rule of Law. NY: New York University Press. पपृ॰ 101–119.
- ↑ Urch, Edwin J. (1929). "The Law Code of Hammurabi". American Bar Association Journal. 15 (7): 437–441. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Ezzamel, Mahmoud (1997). "Accounting, Control and Accountability: Preliminary Evidence from Ancient Egypt". Critical Perspectives on Accounting. 8 (6): 563–601. डीओआइ:10.1006/cpac.1997.0123. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Roberts, Jennnifer T. (1982). Accountability in Athenian Government. Madison, WI: University of Wisconsin Press.
- ↑ Plescia, Joseph (2001). "Judicial Accountability and Immunity in Roman Law". American Journal of Legal History. The American Journal of Legal History, Vol. 45, No. 1. 45 (1): 51–70. डीओआइ:10.2307/3185349. मूल से 7 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 फ़रवरी 2011. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ जब्बरा, जे.जी और द्विवेदी, ओ. पी. (एड्स.), पब्लिक सर्विस एकाउंटबिलीटी: ए तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य, कुमारियन प्रेस, हार्टफोर्ड, सीटी, 1989, आईएसबीएन 0783775814
- ↑ कम्यूनिकेशन प्रेक्सिस फॉर एथिकल एकाउंटबिलीटी[मृत कड़ियाँ] वाई. लॉरियस, आर. लॉरी और एलेको क्रिसटेकिस; साइप्रस न्यूरोसाइन्स एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, साइप्रस; जुलाई 2008
- ↑ "oxford law - the faculty and its members : anne davies". Competition-law.ox.ac.uk. मूल से 13 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-26.
- ↑ Harriman, Ed (2007-09-28). "Blackwater poisons the well". London: Commentisfree.guardian.co.uk. मूल से 12 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-26.
- ↑ Scott, Marvin B.; Lyman, Stanford M. (1968). "Accounts". American Sociological Review. American Sociological Review, Vol. 33, No. 1. 33 (1): 46–62. PMID 5644339. डीओआइ:10.2307/2092239. मूल से 7 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 फ़रवरी 2011. नामालूम प्राचल
|month=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ ऑस्टिन, जे.एल. 1956-7. बहाने के लिए एक दलील. अरस्तु सोसायटी की कार्यवाही. जे. ओ. उर्मसन और जी.जे. वार्नॉक, आदि में पुनःप्रकाशित, 1979, जे.एल. ऑस्टिन: फिलोसोफिकल पेपर्स, 3 संस्करण. ऑक्सफोर्ड: क्लेंरेंडन प्रेस, 175-204.
- ↑ Grant, Ruth W.; Keohane, Robert O. (2005). "Accountability and Abuses of Power in World Politics". American Political Science Review. 99 (1): 29–43. डीओआइ:10.1017/S0003055405051476.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जून 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जून 2020.
- ↑ ग्रीनबर्ग, डी. (1992), अमेरिका में शिक्षा - सुड्बुरी वैली से एक दृश्य, "'एथिक्स' इज ए कोर्स टॉट बाय लाइफ एक्सपीरियंस." Archived 2014-05-02 at the वेबैक मशीन 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
- ↑ ग्रीनबर्ग, डी. (1987) सुड्बुरी वैली स्कूल का अनुभव "बैक टू बेसिक्स - मोरल बेसिक्स." Archived 2011-05-11 at the वेबैक मशीन 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
- ↑ फेल्ड्मन, जे. (2001) "दी मोरल बिहेवियर ऑफ चिल्ड्रेन एंड ऐडोलेसन्टस एट ए डेमोक्रेटिक स्कूल." Archived 2013-06-19 at the वेबैक मशीन पीडीएफ. Archived 2013-06-19 at the वेबैक मशीन इस अध्ययन ने एक स्कूल समुदाय में लॉरेंस कोलबर्ग द्वारा वर्णित प्रक्रिया के समान ही एक प्रक्रिया द्वारा नैतिकता, विचार, तथा विकास का परीक्षण किया। डेटा को सडबरी वैली स्कूल (फ्रामिंघिम, एमए में स्थित एक स्नातक, तथा लोकतान्त्रिक तरीके से संरचित स्कूल) में किये गए एक नृवंशविज्ञान अध्ययन के व्यापक काफी विस्तृत नोट्स से उठाया गया, जहां 4 से 19 वर्ष की आयु के छात्रों को अपनी गतिविधियों तथा साथियों को चुनने की आजादी है। गुणात्मक विश्लेषण की ग्राउन्डेड थ्योरी एप्रोच का इस्तेमाल कर लघुचित्रों का विश्लेषण किया गया और बैठकों के विश्लेषण के आधार पर परिदृश्यों को विकसित किया गया। प्रत्येक परिदृश्य, प्रक्रिया में छात्रों की भागीदारी स्तर तथा एक समुदाय के भीतर व्यक्तिगत अधिकारों और जिम्मेदारियों के संतुलन की समझ को विकसित और गहन करने के लिए मिलने वाले अवसरों को वर्णित करता है। यह अध्ययन, अपने तौर-तरीकों में व्यापक शैक्षिक समुदाय से काफी अलग स्कूल के वर्णन तथा नैतिक तर्क के विकास के बारे में कोलबर्ग की थीसिस के प्रमाणीकरण के माध्यम से शिक्षा और बाल विकास संबंधी समझ को आगे बढ़ाता है। 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
- ↑ सुड्बुरी वैली स्कूल (1970), "लॉ ऑर्डर: फाउन्डेशन्स ऑफ डिसिप्लिन" दी क्राइसिस इन अमेरिका एजुकेशन - एन एनालिसिस एंड ए प्रपोजल. Archived 2019-10-11 at the वेबैक मशीन (पी. 49-55). 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
- ↑ ग्रीनबर्ग, डी. (1992) "डेमोक्रेसी मस्ट बी एक्सपीरियंस्ड टू बी लर्नड!" अमेरिका में शिक्षा - सुड्बुरी वैली से एक दृश्य. 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
- ↑ रिस, एस. (2010), वॉटएवर हैपेंड टू प्रपोजल रेस्पॉन्सिबिलीटी? [मृत कड़ियाँ]. 18 अगस्त 2010 को प्राप्त किया गया।
- ↑ फ्रेंकल, विक्टर एमिल (1956) मैन्स सर्च फॉर मीनिंग, पी. 209-210.
- ↑ वार्नोक्क, सी. (2005) "स्टैचू ऑफ रेस्पॉन्सबिलीटी," Archived 2017-06-02 at the वेबैक मशीन डेली हेराल्ड. 24 अक्टूबर 2009 को प्राप्त किया गया।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- हंट, जी. 'दी प्रिंसिपल ऑफ कंप्लेमेंटेरिटी: फ्रीडम ऑफ इन्फोर्मेशन, पब्लिक एकाउंटबिलिटी एंड विसिलब्लोइंग', आर ए चैपमेन और एम हंट (आदि) में ओपन गवर्नमेंट इन ए थ्योरेटिकल एंड प्रेक्टिकल कॉन्टेस्ट. एश्गेट, एल्डरशोट, 2006.
- हंट, जी. (आदि) विसिलब्लोइंग इन दी सोशल सर्विसेज: पब्लिक एकाउंटबिलिटी एंड प्रोफेशनल प्रेक्टिस, अर्नोल्ड (होडर), 1998.
अग्रिम पठन
[संपादित करें]- स्टर्लिंग हारवुड, "एकाउंटबिलिटी," जॉन के.रोथ, आदि में, एथिक्स: रेडी रेफरेन्सेस (सेलम प्रेस, 1994), स्टर्लिंग हारवुड आदि में पुनःप्रकाशित, बिजनेस एज़ एथिकल एंड बिजनेस एज़ यूज्वल (वेड्सवर्थ पब्लिशिंग कंपनी, 1996).