जयसिंहवर्मन द्वितीय
जयसिंहवर्मन द्वितीय | |||||
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राजाधिराज | |||||
चम्पा के राजा | |||||
शासनावधि | 1041-1044 | ||||
राज्याभिषेक | 1041 | ||||
पूर्ववर्ती | विक्रान्तवर्मन चतुर्थ | ||||
उत्तरवर्ती | जय परमेश्वरवर्मन प्रथम | ||||
जन्म | ? चम्पा | ||||
निधन | 1044 उत्तरी चम्पा | ||||
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पिता | विक्रान्तवर्मन चतुर्थ | ||||
माता | ? |
जयसिंहवर्मन द्वितीय (चीनी भाषा: 刑卜施離值星霞弗; पिनयिन: Xíng Bǔ Shīlí Zhíxīngxiáfú[i]) चम्पा के राजा थे और सम्भवतः उनका शासनकाल सन् 1041 से 1044 तक रहा। वो अपने पिता शिली पिलांडेजियाबामादी सम्भवतः विक्रांतवर्मन चतुर्थ (शासनकाल सन् 1030–1041) के उत्तराधिकारी बने। सन् 1042 के अंत में उन्होंने सोंग राजवंश के दरबार में श्रद्धांजलि के साथ एक दूत भेजा।[1]
सिंहवर्मन द्वितीय को अपने अल्पकालिक शासनकाल के दौरान गंभीर संकट का सामना करना पड़ा। उत्तर से दाई वियत के राजा ली थाई टोंग ने चाम राज्य पर कथित आरोप लगाया और चम्पा के विरुद्ध युद्ध भड़क गया। जनवरी 1044 में दाई वियत ने समुद्र से तटीय हु-दा नांग क्षेत्र में एक भूस्खलन किया। उत्तरी हमलावरों ने नगर को लूटा, क्षेत्र को तबाह कर दिया। फिर चाम राजा के नेतृत्व में एक तरफ और युद्ध आरम्भ हो गया।[2] सिंहवर्मन की सेना युद्ध के लिए तैयार नहीं थी अतः सेना भाग गयी और सिंहवर्मन की कथित तौर पर दाई वियत द्वारा हत्या कर दी गई।[3]
जब जुलाई में ली थाई टोंग अपने सैनिकों को लेकर फात थी (इन्द्रपुर/डोंग डुओंग) में पहुँचा[4] तबतक हमलावरों ने नगर को लूट लिया था और मी ई नामक चाम रामकुमारी सहित 5000 महिलायें, कारीगर और मजदूर उत्तर की ओर चले गये थे।[5]
बहुत उठापटक और अराजकता के पश्चात् नये चाम-शासक सत्ता में आये जिनका राजसी नाम जय परमेश्वरवर्मन प्रथम था और वो एक कुलीन परिवार के योद्धा थे।[5]
काफी आश्चर्य और अराजकता के बाद, एक नया चाम शासक सत्ता में आया, जिसका राजसी नाम जय परमेश्वरवर्मन प्रथम था - जो एक कुलीन परिवार में जन्मा योद्धा था।
टिप्पणी
[संपादित करें]- ↑ पहला अक्षर "यांग" के लिए एक लिपिगत त्रुटि हो सकती है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Wade, Geoff (2005). Champa in the Song hui-yao: A draft translation. Asia Research Institute, Singapore.
- ↑ Vickery, Michael Theodore (2005). Champa revised. Asia Research Institute, Singapore. pp. 48–49.
- ↑ Lafont 2007, p. 156.
- ↑ Vickery, Michael Theodore (2005). Champa revised. Asia Research Institute, Singapore.
- ↑ अ आ Coedès 1975, p. 140.
स्रोत
[संपादित करें]- Coedès, George (1975), Vella, Walter F. (ed.), The Indianized States of Southeast Asia, University of Hawaii Press, ISBN 978-0-824-80368-1
- Lafont, Pierre-Bernard (2007), Le Campā: Géographie, population, histoire, Indes savantes, ISBN 978-2-84654-162-6
पूर्वाधिकारी विक्रान्तवर्मन चतुर्थ 1030?–1041? |
चम्पा के राजा 1041?–1044? |
उत्तराधिकारी जय परमेश्वरवर्मन प्रथम 1044?–1060 |
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