जयध्वज सिंह

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जयध्वज सिंह या सुताम्ल (1648-1663) अहोम साम्राज्य के २०वें राजा थे। इनके शासनकाल बंगाल में मुगल वाइसराय मीर जुमला द्वितीय ने इनके राज्य पर आक्रमण किया और इनकी राजधानी गढ़गाँव पर अधिकार कर लिया।परिणामस्वरूप जयध्वज को नामरूप लौटना पड़ा। इसी कारण इन्हें 'भगनिया राज' भी कहा जाता है। जयध्वज सिंह के शासनकाल में औनियति सत्र और दक्षिणपाट सत्र की स्थापना हुई थी।

जयध्वज सिंह (1648-1663 ई.) कामरूप (आसाम) का अहोम राजा था। उसके राज्य काल में मुग़ल सिपहसलार मीर जुमला ने आसाम पर चढ़ाई की थी।

  • आसाम की रक्षा के लिए जयध्वज सिंह ने मीर जुमला की फ़ौज को खदेड़ देने का भारी प्रयास किया, किंतु उसे सफलता नहीं मिली।
  • जयध्वज सिंह राजधानी छोड़कर कामरूप भाग गया और बाद में 1662 ई. में मीर जुमला ने उस पर अधिकार कर लिया।
  • बाद में विवश होकर जनवरी, 1663 ई. में जयध्वज सिंह को आक्रमणकारियों से सन्धि करनी पड़ी।
  • सन्धि के द्वारा जयध्वज सिंह ने हर्जाने के रूप में एक बड़ी रकम तथा दक्षिणी आसाम बादशाह को सौंप देना मंजूर कर लिया।
  • अब जयध्वज सिंह अपनी राजधानी लौट आया, लेकिन कुछ ही महीने बाद नवम्बर, 1663 में ही उसकी मृत्यु हो गई।

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