जगदीश गुप्त
जगदीश गुप्त (१९२४-२००१) शिक्षाविद तथा हिन्दी के आधुनिक कवि थे। हिन्दी कविता में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिन्दी नयी कविता के प्रमुख कवियों-जगदीश गुप्त, रामस्वरुप चतुर्वेदी और विजयदेवनरायण साही में से एक हैं।[1]
डॉ जगदीश गुप्त का जन्म ०३ अगस्त १९२४ ई॰ को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद में हुआ। आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. तथा डी.फिल. की उपाधि प्राप्त की और १९५० में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए। १९८७ में डा॰ गुप्त हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष पद से सेवा निवृत्त हुए। १९५४ में "नई कविता" के सम्पादन के साथ आरम्भ की गई अपनी साहित्य यात्रा में डा॰ गुप्त ने ३५ ग्रंथों की रचना की। गुप्त जी का निधन २६ मई २००१ में हुआ।[2]
प्रमुख कृतियाँ[संपादित करें]
- नाव के पाँव
- शम्बूक
- आदित्य एकान्त
- हिम-विद्ध
- शब्द-दंश
- युग्म
- गोपा गौतम
- बोधिवृक्ष
- नयी कविता
- स्वरूप और समस्याएँ
- प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला व भारतीय कला के पद-चिह्न
पुरस्कार व सम्मान[संपादित करें]
डा॰ गुप्त को उत्तर प्रदेश के भारत भारती (पुरस्कार) तथा मध्य प्रदेश के मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ नयी कविताएँ एक साक्ष्य, रामस्वरुप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, १५-ए, महात्मा गांधी मार्ग, इलाहाबाद, संस्करण १९७६
- ↑ भारतीय चरित कोश, सम्पादक लीलाधर शर्मा पर्वतीय, शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली-११०००६, प्रथम संस्करण २००९, पृष्ठ-२९४