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चौधरी खुर्शीद अहमद

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खुर्शीद अहमद
आधिकारिक चित्र, 1996

पद बहाल
1988 – 1989 (अपचुनाव द्वारा)
पूर्वा धिकारी चौधरी रहीम खां
उत्तरा धिकारी भजन लाल

जन्म 20 जून 1934
गांव धुलावत, तावड़ू, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 17 फ़रवरी 2020(2020-02-17) (उम्र 85 वर्ष)
राजनीतिक दल लोकदल
अन्य राजनीतिक
संबद्धताऐं
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बच्चे 4, जिनमें अफताब अहमद (पुत्र)
शैक्षिक सम्बद्धता दिल्ली विश्वविद्यालय
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, वकील

चौधरी खुर्शीद अहमद (20 जून 1934 – 17 फरवरी 2020) एक भारतीय राजनेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता थे। वे लोकदल पार्टी से लोकसभा सदस्य चुने गए थे, यह चुनाव पिछले कार्यालयधारी चौधरी रहीम खान की मृत्यु के बाद हुआ था। अहमद लोकसभा के सदस्य के रूप में आठ महीने से कम समय तक सक्रिय रहे। इसके अलावा, वे पंजाब और हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में पांच बार चुने गए थे।

प्रारंभिक जीवन

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खुर्शीद अहमद का जन्म चौधरी कबीर अहमद और फैजान बेगम के घर हुआ था। स्वतंत्रता के बाद, उनके पिता को हरियाणा विधानसभा में दो बार चुना गया था।

व्यक्तिगत जीवन

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खुर्शीद अहमद ने 1961 में फिरदोस बेगम से विवाह किया। उनके तीन बेटे और एक बेटी थी – अफ़ताब अहमद, मेहताब अहमद, अनजुम अहमद और रुखसाना। अफ़ताब अहमद हरियाणा के नूह निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे और हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष भी थे। मेहताब अहमद एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं, जबकि उनके छोटे बेटे अनजुम अहमद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिसिंग वकील हैं।

राजनीतिक करियर

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खुर्शीद अहमद ने हरियाणा विधानसभा में पांच बार चुनाव जीतने के साथ-साथ लोकसभा में भी अपना योगदान दिया। उन्होंने लोकसभा के उपचुनाव में लोकदल पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे हरियाणा विधानसभा में कई बार मंत्री भी रहे, साथ ही योजना बोर्ड हरियाणा के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति में भी विभिन्न पदों पर कार्य किया:

1972–75 हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव
1985–86 हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष
1997–2000 जिला कांग्रेस समिति, गुड़गांव के अध्यक्ष

1993 मिवात दंगे में प्रर्वोकन

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1993 में मिवात दंगे हरियाणा के गुड़गांव जिले के दक्षिणी क्षेत्र (वर्तमान नूह जिला) में बाबरी मस्जिद के ध्वंस के बाद हुए थे। इन दंगों में खुर्शीद अहमद पर आरोप लगा कि उन्होंने युवाओं को उकसाया और मंदिरों को जलवाया। इसके परिणामस्वरूप मिवात क्षेत्र में दोनों समुदायों के बीच हिंसा बढ़ गई।

इंदिरा गांधी के साथ असंवैधानिक राजनीतिक भ्रष्टाचार घटना

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खुर्शीद अहमद के बारे में यह आरोप लगे थे कि उन्होंने राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और हरियाणा विधानसभा के विधायकों को इंदिरा कांग्रेस में शामिल करने के लिए उन्हें लालच दिया। इस संदर्भ में उनका नाम मालोय कृष्णा धर की किताब “ओपन सीक्रेट्स” में आया है, जिसमें उनके भ्रष्टाचार में शामिल होने की बात कही गई है।

रहीम खान बनाम खुर्शीद अहमद 8 अगस्त 1974

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1972 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौधरी रहीम खान ने खुर्शीद अहमद को हराया था। चुनाव के बाद, खुर्शीद अहमद ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनाव परिणाम को चुनौती दी। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार की और रहीम खान के चुनाव को रद्द कर दिया। यह मामला भारतीय कानूनी इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है और भारतीय कानून विद्यालयों में इसे पढ़ाया जाता है।

सन्दर्भ

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