चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना
![]() दुर्घटना के बाद रिएक्टर 4 और 3 | |
तिथि | 26 अप्रैल 1986 |
---|---|
समय | 01:23:40 MSD (UTC+04:00) |
स्थान | चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र, प्रीप्यत, यूक्रेनी SSR, सोवियत संघ |
कारण | रिएक्टर के डिज़ाइन में कमियाँ और सुरक्षा परीक्षण के समय प्रोटोकल का पालन न करना |
परिणाम | INES लेवल 7 (प्रमुख दुर्घटना) |
मृत्यु | दुर्घटना से सीधे हुए 100 से कम मृत्युएँ। बाद के समय में मृत्युओं के स्तर के भिन्न अनुमान। |
चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना एक परमाणु दुर्घटना थी जो सोवियत संघ के युक्रेनी सोवित समाजवादी संघ के उत्तरी नगर प्रीप्यत के पास 26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चौथे रिएक्टर में हुई थी। [1] , [2] , [3] यह लागत और हताहत, दोनों के मामले में आज तक का सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना रहा है।[4] यह उन मात्र दो दुर्घटनाओं में से एक है जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय परमाणु घटना स्केल के सातवें स्थान पर पद दिया गया है—जो सबसे ज़्यादा है—और दूसरा है जापान का फूकूशीमा डाईची परमाणु दुर्घटना। हादसे के बाद पर्यावरण को विकिरण से मुक्त करने और हादसे को बिगड़ने से रोकने के लिए कुल 1.8 करोड़ सोवियत रूबल (वर्तमान 5 खरब भारतीय रुपए)।[5]
2016 में, चर्नोबिल एनपीपी के बहिष्करण क्षेत्र में, यूक्रेन के क्षेत्र में सबसे बड़ी पर्यावरण संरक्षण इकाई बनाई गई थी - चेरनोबिल विकिरण-पारिस्थितिक बायोस्फीयर रिजर्व, जहां 2021 के अनुसार, रिज़र्व के वैज्ञानिक विभाग के प्रमुख डेनिस वैष्णव्स्की : [6]
मूल में - पर यूक्रेनियाई भाषा :
“Відновились дикі тварини, які мешкали тут 100-200 років тому, весь цей набір: хижаки, великі і малі, вовки, рисі, борсук, лисиці, копитні, ведмеді".
मूल-अर्थात्-यूक्रेनी भाषा-अनुवाद का हिन्दी में अनुवाद :
"यहां 100-200 साल पहले रहने वाले जंगली जानवरों को बहाल कर दिया गया है, पूरा सेट: शिकारी ,बड़े और छोटे, भेड़िये, लिनेक्स, बिज्जू, लोमड़ी, अनगुलेट्स, भालू।"
विवरण
[संपादित करें]यह दुर्घटना तब हुई जब एक RBMK-प्रकार परमाणु रिएक्टर में एक स्टीम टर्बाइन में एक परीक्षण की जा रही थी। परीक्षण के समय पावर में कमी की योजना बनाने पर पावर आउटपुट अचानक शून्य के बराबर हो गया। चालक परीक्षण के अनुसार पावर को वापस ऊपर नहीं ले आ पाए थे, जिससे रिएक्टर एक अस्थिर स्थिति में आ पहुँचा। परीक्षण की विधि में इस बात को कोई उल्लेख नहीं था, तो चालक परीक्षण में आगे बढ़ते रहे। परीक्षण के पूरे होने के बाद चालकों ने संयंत्र को बंद करने का फैसला किया। मगर बंद होने के बजाय एक अनियंत्रित परमाणु श्रृंखला अभिक्रिया की शुरुआत हुई जिससे अधिक मात्रा में ऊर्जा छोड़ी जाने लगी।
अंतर्भाग पिघलने लगा जिसके बाद दो या अधिक विस्फोटों की वजह से रिएक्टर का अंतर्भाग और रिएक्टर बिल्डिंग तबाह हो गया। इसके तुरंत बाद अंतर्भाग में आग लग गई जिससे अगले नौ दिनों तक हवा में रेडियोधर्मी प्रदुषण छोड़ा गया जो USSR के कुछ भागों और पश्चिमी यूरोप तक पहुँच गया जिसके बाद यह आखिरकार 4 मई 1986 को खत्म हुआ।[7][8] 70 प्रतिशत प्रदूषण 16 किलोमीटर (52,000 फीट) दूर बेलारूस में जा पहुँचा।[9] अंतर्भाग में लगे आग ने उतनी ही मात्रा में प्रदूषण छोड़ी जितनी विस्फोट ने छोड़ी थी।[10]
रिएक्टर के अंतर्भाग के विस्फोट में दो इंजीनियरों की मृत्यु हुई और दो और बहुत बुरी तरह से जल गए। आग को बुझाने के लिए एक आपातकालीन सूचना घोषित की गई जिसमें अंतर्भाग को साफ़ किया गया और रिएक्टर को स्थिर किया गया। इस कार्य के दौरान 134 स्टाफ सदस्यों को तीव्र विकिरण सिंड्रोम के साथ अस्पताल में ले जाया गया क्योंकि उन्होंने आइनाइज़ करने वाली विकिरण को अधिक मात्रा में सोख लिया था। 134 लोगों में से 28 लोगों की मृत्यु कुछ ही दिनों और महीनों के अंदर हो गई, और बाकियों की मृत्यु अगले कुछ 10 वर्षों में विकिरण से जुड़े कैंसर से हुई।[11][12] दुर्घटना के आम जनता पर स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। 2011 में इस क्षेत्र के 15 बच्चों को थाइरॉइड कैंसर हुआ था जिससे उनकी मृत्यु हो गई।[13][14]
दिसंबर 1986 तक USSR ने चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर एक सरकोफैगस की रचना कर ली थी। इससे रेडियोधर्मी प्रदुषण कम फैलता है और रिएक्टर को कोई हानि नहीं पहुँचती।
संकट प्रबंधन
[संपादित करें]आग की रोकथाम
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सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए रिएक्टर बिल्डिंग और टर्बाइन हॉल के छत को बनाने के लिए ऐस्फाल्ट का इस्तेमाल किया गया था जो कि एक ज्वलनशील सामग्री है। विस्फोट से छोड़े गए सामग्री से काम कर रहे 3 नं. रिएक्टर के छत पर करीब पाँच जगहों पर आग लग गए। उन आगों को बुझाकर रिएक्टर 3 के ठंडक प्रणाली को सही सलामत रखना ज़रूरी था। रिएक्टर 3 के स्टाफ यूरी बागडासारोव ने रिएक्टर को तुरंत बंद कर देना चाहा मगर चीफ़ इंजीनियर निकोलाई फ़ोमिन ने इसकी अनुमति नहीं दी। कर्मचारियों को रेस्पिरेटर और पोटासियम आयोडाइड टैब्लेट दिए गए और काम करते रहने को कहा गया। सुबह 5 बजे बागडासारोव ने अपने फैसले पर रिएक्टर को बंद कर दिया, जो चीफ़ इंजीनियर अनातोली डायटलोव द्वारा सुनिश्चित किया गया था।
दुर्घटना के कुछ ही समय बाद अग्निशमन आग को बुझाने के प्रयास में स्थान पर आए। प्रथम अग्निशमन समूह था लेफ्टिनेंट वलोडिमिर प्रावीक के कमांड में चेर्नोबिल ऊर्जा स्टेशन का अग्निशमन ब्रिगेड। प्रावीक की मृत्यु 11 मई 1986 को विकिरण के चलते हुई। उन्हें यह नहीं बताया गया था कि वहाँ का धुआँ कितना खतरनाक था और विकिरण-पूर्ण था, और उन्हें यह भी बताया गया कि यह हादसा एक विद्युतीय आग से बढ़के कुछ नहीं था: "हमें नहीं पता था कि यह रिएक्टर ही था। हमें किसी ने नहीं बताया।"[15] एक फायर ट्रक के चालक ग्रिगोरी ख्मेल के अनुसार:
हम सुबह के 2 बजने से 10 या 15 मिनट पहले पहुँचे ... हमने आस पास ग्रैफ़ाइट बिखरा पड़ा देखा। मीशा ने पूछा: "क्या ये ग्रैफ़ाइट है?" मैंने उसे लात मारकर हटा दिया। पर दूसरे ट्रक के एक अग्निशमन ने उसे उठाया। उसने कहा "ये गर्म है।" ग्रैफ़ाइट के टुकड़े अलग-अलग आकार के थे, कुछ बड़े, कुछ हाथ में लेने लायक छोटे [...] हमें रेडिएशन के बारे में ज़्यादा कुछ पता नहीं था। और ना ही उन्हें पता था जो वहाँ काम करते थे। ट्रक्स में ज़रा-सी भी पानी बची नहीं थी। मीशा ने एक टंकी भरी और हमने पानी से ऊपर की तरफ निशाना लगाया। और जो लोग छत पर गए—वाशिक, कोल्या, और दूसरे, और वलोडिया प्रावीक—सब चल बसे ... वो सीढ़ी से ऊपर गए ... और मैंने उन्हें दोबारा कभी नहीं देखा।[16]
मृत्यु से पहले अग्निशमनों के अनुभवों (जैसे CBC टीवी धारावाहिक 'Witness' पर बताया गया था) के आधार पर, एक आदमी ने कहा कि "विकिरण का स्वाद धातु जैसा है", और यह कि उसके चेहरे पर उसे पिन और सुई लगने वाली भाव महसूस हो रही थी। (यह मैनहटन के वैज्ञानिक लूई स्लोटिन द्वारा दिए गए विवरण से मेल खाता है, जिसकी मृत्यु परियोजना में अधिक मात्रा में विकिरण सोक लेने के बाद हुई थी।)[17]
निष्क्रमण
[संपादित करें]पास प्रीप्यत नगर को जल्द खाली कर दिया गया। करीब 01:23 स्थानीय समय में शहर के निवासी अपने सामान्य कार्यों में जुटे थे क्योंकि उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि संयंत्र में क्या हुआ। पर विस्फोट के कुछ घंटों के अंदर ही दर्जनों लोग बीमार पड़ गए। बाद में उन्हें तेज़ सिरदर्द होने लगे और वे खाँसने या उल्टी करने से अपने आप को रोक नहीं पाते। क्योंकि संयंत्र को मॉस्को के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता था, यूक्रेन सरकार को त्वरित रूप से दुर्घटना के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई थी।
दुर्घटना को जाँचने के लिए दिन के समय एक कमिशन को नियुक्त किया गया। इसके नेता थे वलेरी लिगासोव, कुरचटोव परमाणु ऊर्जा संस्थान के पहले उप निदेशक; और इसमें परमाणु विशेषज्ञ एवगेनी वेलिकोव, जल मौसम विज्ञानी यूरी इज़रायल, विकिरण विज्ञानी लियोनिड ईलिन और दूसरे थे। वे बोरिस्पिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गए और 26 अप्रैल के शाम तक ऊर्जा संयंत्र तक पहुँच गए। तब तक दो लोगों की मृत्यु हो चुकी थी और 52 अधिक अस्पताल में थे। समूह के पास जल्द ही काफी सबूत था कि रिएक्टर तबाह हो चुका था और भीषण मात्रा में विकिरण सोकने की वजह से लोग बीमार हो रहे थे। 27 अप्रैल की सुबह को प्रीप्यत को निष्क्रमित करने की सूचना दी गई। पहली योजना थी जनसंख्या को 3 दिनों के लिए प्रीप्यत से दूर ले जाना, मगर बाद में इसे स्थायी कर दिया गया।
27 अप्रैल के दोपहर 11 बजे तक निष्क्रमण शुूरू हो चुका था। निष्क्रमण सूचना का एक अनुवादित अंश है:
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रूसी भाषा में सूचना |
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प्रीप्यत के निवासी, कृपया ध्यान दें! नगर सभा आपको सूचित करती है कि प्रीप्यत नगर के चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में हुए दुर्घटना की वजह से आस-पड़ोस में विकिरण की अवस्था बिगड़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी, इसके अधिकारियाँ, और सेना इससे निपटने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं। मगर, लोगों को पूरी सुरक्षा देने के लिए, खासकर कि बच्चों को, यह ज़रूरी है कि शहर के वासियों को कीव ओब्लास्ट में निष्क्रमण स्थानों पर ले जाया जाए। ऐसा करने के लिए, हर अपार्टमेंट घर को आज, २७ अप्रैल, दोपहर दो बजे से बस दी जाएगी जहाँ पुलिस और नगर अधिकारियाँ उनकी मदद करेंगे। हम सलाह देते हैं कि आप अपने साथ अपने दरख़्वास्त, कुछ ज़रूरी संबद्ध, और कुछ खाना ले लें। नगर के सार्वजनिक तथा औद्योगिक सुविधाओं के कार्यपालकों ने उन कर्मचारियों की एक सूची बनाई है जो संयंत्र को कार्य के हालत में रखने के लिए प्रीप्यत में रहेंगे। निष्क्रमण के समय आपके घरों की रक्षा पुलिस करेगी। साथियों, अपने घर को कुछ समय के लिए छोड़ने से पहले जाँचें कि आपने सभी लाइट और विद्युतीय के साथ पानी बंद किए हैं कि नहीं, और अपने घर के सभी खिड़कियाँ लगा दें। कृपया इस अस्थायी निष्क्रमण के समय शांत और अनुशासन में रहें।[18]

निष्क्रमण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए निवासियों से सिर्फ वही सामान लाने को कहा गया जो उनके लिए ज़रूरी था, और उन्हें यह बताया गया कि वे करीब तीन दिनों के लिए प्रीप्यत से दूर रहेंगे। इस वजह से ज़्यादातर निजी संबद्धों को लोग घरों में ही छोड़ गए थे, जो आज भी वहाँ मौजूद हैं। तीन बजे तक 53,000 लोगों को कीव ओब्लास्ट के कई दूसरे गाँवों में निष्क्रमित कर दिया गया था। अगले दिन लोगों को 10-किलोमीटर (33,000 फीट) के क्षेत्र से निष्क्रमित कर देने के बारे में चर्चाएँ होने लगे। विस्फोट के दस दिन बाद निष्क्रमण क्षेत्र को 30 किलोमीटर (98,000 फीट) कर दिया गया।[19] चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र अपवर्जन क्षेत्र तब से वैसा ही रहा है, हालाँकि इसके आकार को थोड़ा और बढ़ाया गया है।
विकिरण
[संपादित करें]हालाँकि चेर्नोबिल दुर्घटना और एक जानबूझकर हवा में किए गए विस्फोट के बीच तुलना करना मुश्किल है, यह अनुमान लगाया गया है कि चेर्नोबिल से छोड़ी गई विकिरण की मात्रा हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी से चार सौ गुना ज़्यादा था। मगर यह शीत युद्ध के समय परमाणु परीक्षणों के दौरान छोड़े गए विकिरण का सिर्फ करीब एक-सौवाँई से एक-हज़ारवाँई हिस्सा है; कारण यह बताया गया है कि शीत युद्ध के समय कई तरह के आइसोटोप्स भी छोड़े गए थे। चेर्नोबिल दुर्घटना के बाद सबसे दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र थे यूक्रेन, बेलारूस और रूस। इबेरिया प्रायद्वीप के अलावा यूरोप के अधिकांश हिस्से में कम मात्रा में हो, फिर भी विकिरण का पता लगाया गया था।[20][21][22]
28 अप्रैल के दोपहर के समय स्वीडन के विकिरण के खोज और वहाँ के संयंत्र में किसी खामी के न होने के जाँच से पहला अंदेशा हुआ कि पश्चिमी सोवियत संघ में कुछ गड़बड़ था। इसीलिए विस्फोट के 36 घंटे बाद 27 अप्रैल 1986 को प्रीप्यत के निष्क्रमण की शुरुआत हुई, जिससे पहले यह खबर सोवियत संघ से बाहर पहुँची ही नहीं थी। विकिरण की मात्रा में बढ़ौती को फ़िनलैंड ने पहले ही नाप लिया था मगर एक सिविल सेवा हड़ताल की वजह से दरख़्वास्तों को समय पर प्रकाशित नहीं किया जा सका।[23]
राष्ट्र | 37–185 kBq/मी.2 | 185–555 kBq/मी.2 | 555–1,480 kBq/मी.2 | > 1,480 kBq/मी.2 | ||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
कि.मी.2 | देश का % | कि.मी.2 | देश का % | कि.मी.2 | देश का % | कि.मी.2 | देश का % | |
बेलारूस | 29,900 | 14.4 | 10,200 | 4.9 | 4,200 | 2.0 | 2,200 | 1.1 |
यूक्रेन | 37,200 | 6.2 | 3,200 | 0.53 | 900 | 0.15 | 600 | 0.1 |
रूस | 49,800 | 0.3 | 5,700 | 0.03 | 2,100 | 0.01 | 300 | 0.002 |
स्वीडन | 12,000 | 2.7 | — | — | — | — | — | — |
फ़िनलैंड | 11,500 | 3.4 | — | — | — | — | — | — |
ऑस्ट्रिया | 8,600 | 10.3 | — | — | — | — | — | — |
नॉर्वे | 5,200 | 1.3 | — | — | — | — | — | — |
बुल्गारिया | 4,800 | 4.3 | — | — | — | — | — | — |
स्विज़रलैंड | 1,300 | 3.1 | — | — | — | — | — | — |
यूनान | 1,200 | 0.9 | — | — | — | — | — | — |
स्लोवेनिया | 300 | 1.5 | — | — | — | — | — | — |
इटली | 300 | 0.1 | — | — | — | — | — | — |
[[मोल्डोवा] | 60 | 0.2 | — | — | — | — | — | — |
कुल | 162,160 कि.मी.2 | 19,100 कि.मी.2 | 7,200 कि.मी.2 | 3,100 कि.मी.2 |
नतीजे
[संपादित करें]पर्यावरणीय प्रभाव
[संपादित करें]जल समिति
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चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पिपरियात नदी के बगल में स्थित है, जो नीपर जलाशय प्रणाली में पानी भरती है, जो यूरोप की सबसे बड़ी सतही जल प्रणालियों में से एक है, जो उस समय कीव के 2.4 को पानी की आपूर्ति करती थी। ===लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए लाखों निवासी, और जब दुर्घटना हुई तब भी वसंत की बाढ़ में थे।इसलिए दुर्घटना के तुरंत बाद जलीय प्रणालियों का रेडियोधर्मी संदूषण एक बड़ी समस्या बन गया [25] ।
वनस्पति, जीव और कवक
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आपदा के बाद, four वर्ग किलोमीटर (1.5 वर्ग मील) पाइन का जंगल सीधे रिएक्टर के नीचे की ओर लाल-भूरा हो गया और नष्ट हो गया, जिससे "रेड फॉरेस्ट" का नाम मिला।सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में कुछ जानवर भी मर गए या प्रजनन करना बंद कर दिया। अधिकांश घरेलू जानवरों को बहिष्करण क्षेत्र से हटा दिया गया, लेकिन घोड़ों को पिपरियात नदी के एक द्वीप पर छोड़ दिया गया 6 कि॰मी॰ (4 मील) बिजली संयंत्र से मृत्यु हो गई जब उनकी थायरॉयड ग्रंथियां 150-200 Sv।की विकिरण खुराक से नष्ट हो गईं [26] उसी द्वीप पर कुछ मवेशी मर गए और जो बच गए वे थायराइड क्षति के कारण बौने हो गए। अगली पीढ़ी सामान्य दिखाई दी।
तीव्र विकिरण बीमारी
[संपादित करें]चौथी इकाई में आपातकालीन कार्य करने वाले लोगों में तीव्र विकिरण बीमारी के 134 मामलों की पुष्टि की गई। कई मामलों में, विकिरण से होने वाली त्वचा की जलन से विकिरण बीमारी जटिल हो गई थी β-विकिरण ।इस संख्या में से 28 की 1986 के दौरान विकिरण बीमारी से मृत्यु हो गई।दुर्घटना के दौरान विकिरण से असंबंधित कारणों से दो और लोगों की मृत्यु हो गई, और एक की मृत्यु, संभवतः कोरोनरी थ्रोम्बोसिस से हुई। 1987 और 2004 के बीच अन्य 19 लोगों की मृत्यु हो गई, लेकिन जरूरी नहीं कि उनकी मृत्यु विकिरण बीमारी के कारण हुई हो [27] ।
आनुवंशिक रोग
[संपादित करें]जनवरी 1987 में बेलारूस गणराज्य में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में डाउन सिंड्रोम के मामले सामने आए, लेकिन बाद में घटनाओं में वृद्धि की प्रवृत्ति नहीं देखी गई-यह संभवतः चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में इस दुर्घटना के कारण हुआ होगा [28] ।
मुकदमा
[संपादित करें]सप्ताहांत को छोड़कर, यह प्रक्रिया 18 दिनों तक चली। डायटलोव, फोमिन और ब्रायुखानोव को दस साल जेल की सजा सुनाई गई, रोगोज़किन को पांच साल की सजा, कोवलेंको को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई, लौश्किन को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई। फ़ोमिन को 1988 में एक मनोरोग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ से उन्हें 1990 में रिहा कर दिया गया। ब्रूखानोव को 1991 में पैरोल पर रिहा किया गया था। डायटलोव को भी 1991 में स्वास्थ्य कारणों से रिहा कर दिया गया था [29] , [30] ।
चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का आगे भाग्य
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चौथी बिजली इकाई में दुर्घटना के बाद, खतरनाक विकिरण की स्थिति के कारण बिजली संयंत्र का संचालन निलंबित कर दिया गया था; चालू करने की योजना बनाई गई 5वीं और 6वीं बिजली इकाइयाँ कभी पूरी नहीं हुईं। हालाँकि, पहले से ही अक्टूबर 1986 में, क्षेत्र के परिशोधन और "सरकोफैगस" के निर्माण पर व्यापक काम के बाद, पहली और दूसरी बिजली इकाइयों को फिर से परिचालन में लाया गया; दिसंबर 1987 में तीसरी बिजली इकाई का काम फिर से शुरू किया गया। 1991 में, टरबाइन के दोषपूर्ण इन्सुलेशन के कारण दूसरी बिजली इकाई में आग लग गई; इस दुर्घटना के बाद, दूसरी बिजली इकाई को बंद कर दिया गया। हालाँकि, अगले वर्षों में, स्टेशन की दो शेष बिजली इकाइयाँ - पहली और तीसरी - चलती रहीं और बिजली पैदा करती रहीं। 1995 में, यूक्रेनी सरकार ने बड़े सात देशों की सरकारों और यूरोपीय आयोग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए: स्टेशन को बंद करने का एक कार्यक्रम तैयार किया गया था। पहली बिजली इकाई 30 नवंबर 1996 को, तीसरी 15 दिसंबर 2000 को बंद कर दी गई थी [31] , [32] ।
स्मरणोत्सव
[संपादित करें]स्मारक
[संपादित करें]चेरनोबिल त्रासदी की स्मृति के सम्मान में, खार्किव दक्षिणी रेलवे निदेशालय का लुबोटिन मोटरकार डिपो एक स्मारक इलेक्ट्रिक ट्रेन "चेरनोबाइलेट्स" से सुसज्जित है।
-
कीव के ओबोलोंस्की जिले में फायर स्टेशन के पास चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में दुर्घटना के परिसमापकों के लिए स्मारक , कीव
अन्य
[संपादित करें]- डैनिलो पर्टसोव —"कड़वी सुबह", वक्ता [1] (2016) ।
सांस्कृतिक प्रभाव
[संपादित करें]चेरनोबिल त्रासदी ने दुनिया भर के कई कलाकारों को आपदा के बारे में कला, एनीमेशन, वीडियो गेम, थिएटर और सिनेमा के काम करने के लिए प्रेरित किया है। एचबीओ श्रृंखला चेरनोबिल और यूक्रेनी-बेलारूसी लेखक स्वेतलाना अलेक्सिएविच की पुस्तक वॉयस फ्रॉम चेरनोबिल दो प्रसिद्ध रचनाएँ हैं उस आपदा के बारे में बात करें जिसने लाखों जिंदगियां नष्ट कर दीं [33] ।
चेरनोबिल आपदा के परिसमापक से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्ति
[संपादित करें]- यूक्रेनी कवि यूरी इज़ड्रिक ने मई 1986 के अंत से चेरनोबिल आपदा के परिणामों के परिसमापक के रूप में काम किया [34] ।
- पिता ज्ञात यूक्रेनी मुक्केबाजों क्लिट्स्को बंधु — वलोडिमिर क्लिट्स्को और विटाली क्लिट्स्को , वलोडिमिर रोडियोनोविच क्लिट्स्को ,चेरनोबिल आपदा के परिणामों पर काबू पाने में भाग लिया]] [35] ।
- यूक्रेनी इलेक्ट्रो-फोक बैंड «पोती» के गायक के पिता नेटी ज़िज़चेंको परमाणु ऊर्जा संयंत्र में त्रासदी के परिणामों के परिसमापक में से एक थे [36] ।
आपदा क्षेत्र का पैनोरमा
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इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र". livehindustan.com. 25 फरवरी 2022. 09 अप्रैल 2022 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 25 फरवरी 2022.
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timestamp mismatch; 22 जून 2015 suggested (help) - ↑ Mettler Jr., Fred A. "Medical decision making and care of casualties from delayed effects of a nuclear detonation" (PDF). The National Academies of Sciences, Engineering, and Medicine. मूल से (PDF) से 12 जुलाई 2018 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 8 नवंबर 2018.
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People with symptoms of acute radiation syndrome: 134 (237 were hospitalized), 28 died within 3 months, 14 died within the subsequent 10 years (2 died of blood disease)
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