चेम्मीन
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चेम्मीन | |
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[[चित्र:|]] चेम्मीन | |
लेखक | तकष़ी शिवशंकर पिळ्ळै |
देश | भारत |
भाषा | मलयालम भाषा |
चेम्मीन मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार तकष़ि शिवशंकर पिल्लै द्वारा रचित एक मलयाली उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1957 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
[1] chemmeen (उपन्यास) 1956 में तकष़ि शिवशंकर पिल्लै/ पिल्लई द्वारा लिखा गया एक मलयाली उपन्यास है, जो आजकल सन् 2023 ईस्वी तक विश्व तथा भारत की लगभग 19 से अधिक भाषाओं में अनुवादित होकर पाठकों का अपरंपार प्रशंसा प्राप्त कर रही है। चेम्मीन उपन्यास "एक हिंदू मछुआरे की बेटी करुथम्मा या करुत्तम्मा और एक मुस्लिम मछली थोक व्यापारी के बेटे परिकुट्टी के बीच सात्विक प्रेम संबंधों की कहानी कहता है जिसपर उसके लालची पिता का ग्रहण लग जाने की कथा के साथ ही एक समाज में गरीब को और गरीब और अमीर को और अमीर कैसे नियमों और परंपराओं के माध्यम से बनाया जाता है। पिता चेंबनकुंजु ने कैसे अपने समृद्धि के लिए अपने समाज के अकर्मण्य नियमों को चुनौती देता है और साथ ही अपने समृद्ध होने के स्वार्थ के लिए अपनी बड़ी पुत्री कुरुतम्मा के सात्विक प्रेम की बलि चढ़ा देता है। उसका चित्रण बड़े कलात्मक रुप में इस उपन्यास में किया गया है।
उपन्यास का विषय दक्षिणी भारत के तटीय राज्य केरल के मछुआरे समुदायों के बीच प्रचलित एक मिथक है।
यह मिथक शुद्धता के बारे में है।
मिथक के अनुसार " यदि विवाहित मछुआरन महिला अपने पति के समुद्र में रहने के दौरान व्यभिचारी होती है तो, समुद्र की देवी कदलम्मा (सागर माता) उसके पति को खा जाएगा। (खाने का संदर्भ है समुद्र में डुब कर मर जाने का )" इसी मिथक को कायम रखने के लिए तकष़ि ने यह उपन्यास लिखा था। इसे कई भाषाओं में अनुवादित किया गया तथा इसपर एक फिल्म बनी थी थाइसी नाम की फिल्म, जिसे समीक्षकों की प्रशंसा और तथा दर्शकों के स्नेह के रुप में व्यवसायिक सफलता मिली।
इस उपन्यास को साथ ही भारत तथा विदेशों में कला और भाषा संबंधी विषयों के स्नातक और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। इस उपन्यास को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने वाले विश्वविद्यालयों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का नाम अग्रणीय है। जो संपूर्ण भारत के साथ विश्व भर के कई देशों में अपनी उत्कृष्ट शिक्षण सेवाएं प्रदान करती हैं। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली के मैदानगढ़ी में स्थित है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. Archived from the original on 15 सितंबर 2016. Retrieved 11 सितंबर 2016.
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