चुम्बकीय संतृप्ति
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कुछ चुम्बकीय पदार्थों में चुम्बकीय संतृप्ति (Magnetic saturation) का गुण देखने को मिलता है। जब किसी चुम्बकीय पदार्थ पर आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र H के बढाने पर भी पदार्थ के अन्दर मौजूद चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व (B) लगभग अपरिवर्तित रहता है तो पदार्थ की इस अवस्था को 'चुम्बकीय संतृप्ति' कहते हैं। वास्तव में इस अवस्था में फ्लक्स घनत्व बिल्कुल नियत नहीं होता बल्कि बहुत कम मात्रा में बढता रहता है तथा B में वृद्धि की मात्रा उतनी ही होती है जो निर्वात में उतना ही H बढाने पर होती। चुम्बकीय संतृप्ति का यह गुण लौहचुम्बकीय तथा फेरीचुम्बकीय पदार्थों (जैसे सिलिकॉन स्टील, निकल, कोबाल्ट, और उनकी मिश्रातुओं में देखने को मिलता है।
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