सामग्री पर जाएँ

चुनाव सुधार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
चुनाव सुधार
[[Image:
Alex Tan, Kenneth Jeyaretnam and Hazel Poa at a Reform Party rally, Speakers' Corner, Singapore - 20110115
|225px]]
जब चुनाव मे सुधार आएगा, तभी तो देश का विकास होगा।

चुनाव की प्रणाली में करने योग्य उन परिवर्तनों को चुनाव सुधार कहते हैं जिनके करने से जनता की आकांक्षा चुनाव परिणामों के रूप में अधिकाधिक परिणत होने लगें। चुनाव सुधारों में शामिल कुछ चीजें निम्न हैं -

  • मत-पत्र के प्रयोग के बजाय इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन द्वारा मतदान
  • स्वैच्छिक मतदान के बजाय अनिवार्य मतदान
  • नकारात्मक मत का विकल्प
  • 'किसी को मत नहीं' (नोटा) का विकल्प
  • चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने या बुलाने की व्यवस्था
  • मत-गणना की सही विधि का विकास
  • स्त्रियों एवं निर्बल समूहों के लिए सीटों का आरक्षण
  • प्रत्याशियों के लिए समुचित आवश्यक योग्यता एवं अहर्ताएं निर्धारित करना
  • मतदाता के लिए अर्हताओं में परिवर्तन
  • चुनाव क्षेत्रों का सम्यक निर्धारण
  • मतदान पत्रों की डिजाइन ऐसी हो जिससे लोगों को समझने एवं खोजने में कठिनाई न हो।
  • निष्पक्ष निर्वाचन आयोग का सम्यक गठन
  • चुनाव खर्चों का निर्धारण एवं उस पर नियन्त्रण
  • चुनाव प्रचार एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन
  • मतदाताओं के लिए भयमुक्त वातावरण
  • घूस देकर, शराब पिलाकर या जबरदस्ती मत डलवाने के विरुद्ध नियन्त्रण
  • अवैध मतदान पर रोक
  • चुनाव की ऋतु, दिन एवं समय निर्धारण में सावधानी
  • जेल से चुनाव लड़ने पर रोक
  • कोई भी भारतीय अधिकतम 65 साल की आयु तक ही प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या सांसद या विधायक या पार्षद या सरपंच निर्वाचित हो ।
  • अगर कोई भी भारतीय एक ही पद (प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या सांसद या विधायक या पार्षद या सरपंच) पर अधिकतम चार पंचवर्षीय कार्यकाल पूर्ण चुका है तो अगले कार्यकाल के लिये उसकी व उसकी सभी पत्नी व बच्चों की उस पद के लिय दावेदारी स्वत निरस्त हो जाए तथा वे सभी नामांकन नही भर पाएंगे।

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]

साँचा:Election Organizations