चीन-पाकिस्तान समझौता

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पूरा कश्मीर के इस नक़्शे में देखी जा सकती है

चीन-पाकिस्तान समझौता (Sino-Pakistan Agreement), जिसे चीन-पाकिस्तान सीमा समझौता (Sino-Pak Boundary Agreement) भी कहा जाता है, चीन और पाकिस्तान के बीच 1963 में हस्ताक्षरित करा गया एक दस्तावेज़ है जो उन दोनों देशों द्वारा कश्मीर में नियंत्रित क्षेत्रों के बीच की सीमा निर्धारित करता है। भारत इस समझौते का खण्डन करता है और उसके अनुसार पूरा जम्मू और कश्मीर राज्य भारत का अटूट अंग है और किसी भी अन्य देश को उसे बांटने का अधिकार नहीं। भारत के अनुसार पाकिस्तान और चीन में आधिकारिक रूप से कोई सीमा है ही नहीं क्योंकि भारतीय क्षेत्र बीच में आता है।[1][2][3]

क्षेत्रीय नियंत्रण[संपादित करें]

समझौते कि शर्तो में पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा नियंत्रित शिंजिआंग प्रान्त के बीच की सीमा तय की गई। कश्मीर के उत्तरी भाग में पाकिस्तान ने कश्मीर की शक्सगाम घाटी (जो ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट भी कहलाती है) को कश्मीर से अलग कर के चीन के नियंत्रण में कर दी।[4]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Syed, 89.
  2. Press Trust of India (2006-12-04). "China illegally occupying land". expressindia.com. मूल से 23 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-13.
  3. "Factbox: India and China border dispute festers". Reuters. 2006-11-15. मूल से 7 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-13.
  4. The Geographer. Office of the Geographer. Bureau of Intelligence and Research. Department of State, United States of America (November 15, 1968), China – Pakistan Boundary (PDF), International Boundary Study, 85, Florida State University College of Law, मूल (PDF) से 11 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 18 फ़रवरी 2017