चिल्ला-ए-कलां

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चिल्ला-ए-कलां एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ है 'बड़ी सर्दी'।[1][2] यह हर साल 21 दिसंबर से 29 जनवरी तक कश्मीर में सबसे कठोर सर्दियों की अवधि होती है। 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि है। चिल्ला-ए-कलां के बाद 20 दिन की लंबी चिल्लाई खुर्द (छोटी सर्दी) होती है जो 30 जनवरी से 18 (Chillai Baccha) तक होती है और इसके बाद 10 दिनों तक चलने वाली चिल्लाई बच्चा (बेबी कोल्ड) अवधि जो 19 फरवरी से 28 फरवरी तक होती है।[3]

दैनिक जीवन पर प्रभाव[संपादित करें]

कश्मीरियों के दैनिक जीवन पर प्रभाव:

  • फेरन (कश्मीरी पोशाक) और कांगेर (Kanger) नामक पारंपरिक फायरिंग पॉट का उपयोग बढ़ जाता है।[4]
  • तापमान शून्य से नीचे होने के कारण इस दौरान नल की पाइपलाइन में पानी आंशिक रूप से जम जाता है और विश्व प्रसिद्ध डल झील भी जम जाती है।
  • कश्मीरी हरिसा (Harissa) के साथ जश्न मनाते हैं जो चावल में मिश्रित सौंफ, इलायची, लौंग एवं नमक जैसे मसालों के स्वाद के साथ पतले मटन से बना पकवान होता है।[5][6]
  • इसके अलावा वे अक्सर सूखी सब्जियों का सेवन करते हैं क्योंकि भारी बर्फबारी के बाद सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण ताज़ा सब्जियों की आपूर्ति में कमी आती है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "तस्वीरें : जम्मू कश्मीर में 'चिल्ला कलां' का कहर, मैदानी इलाके भी ठिठुरे".
  2. "जम्मू कश्मीर मौसम अपडेट: घाटी चिल्ले कलां के लिए तैयार, जल स्रोत जमना शुरू, हड्डियां कंपकंपाने वाली हवाएं जारी".
  3. "Kashmir's harshest winter period 'Chilla-i-Kalan' starts".
  4. Ashiq, Peerzada (2020-12-21). "Kashmiris welcome 'chillai kalan' with cool pictures". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2021-01-03.
  5. "As Chillai Kalan sets in, Kashmiris turn to 'Harissa' to keep themselves warm - YouTube". www.youtube.com. अभिगमन तिथि 2020-12-25.
  6. Ashiq, Peerzada (2017-12-21). "Harissa is a hot favourite in freezing Kashmir". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2020-12-25.