चिली भूकंप 2010
चिली भूकंप 2010 चिली के मौले क्षेत्र में समुद्र तट से दूर महसूस किया गया। यह भूकंप 27 फ़रवरी 2010 को स्थानीय समय के अनुसार, 6 बजकर 34 मिनट पर आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.8 मापी गई। ये झटके करीब तीस सेकेंड तक महसूस किए गए। जिन शहरों पर भूकंप का असर सबसे ज्यादा हुए उनमें तालकहुआनो, अरौको, लोटा, चिगुआयांटे, केनेट और सैन अंटोनियो शामिल हैं। राजधानी सांटियागो में भी तीव्र झटके महसूस किए गए। बुईनोस आयरेस, कोरडोबा, मेंडोजा और ला रिओजा सहित अर्जेटीना के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप के बाद 53 देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई।[1] चिली के वालपैरैसो में में 2.6 मीटर की तीव्रता वाले सुनामी रिकॉर्ड भी किए गए। चिली के राष्ट्रपति ने भूकंप को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया. उन्होंने इस भूकंप में कम से कम 708 लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर दी. इसमें कई लोगों को लापता होने की भी खबर है।[2] भूकंप का अभिकेंद्र मौले क्षेत्र में समुद्र तट से दूर स्थित था।
भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]
चिली भूकंप नाजका प्लेट और दक्षिणी अमेरिकी प्लेट के मध्य आया। इस क्षेत्र में भूकंप का अपना इतिहास रहा है। इससे पहले 1960 में भूकंप आया था जिसमें करीब 2000 लोगों की मौत हो गई थी।
बाद की स्थिति[संपादित करें]
आरंभिक भूकंप के बीस मिनट पर 6.2 की तीव्रता वाले झटके महसूस किए गए। 5.4 और 5.6 तीव्रता वाले दो और झटके महसूस किए गए। एक मार्च के सबेरे तक यहां एक सौ से भी ज्यादा झटके महसूस किए गए जिनमें आठ झटकों की तीव्रता 6.0 से ज्यादा थी। आरंभिक झटके के नब्बे मिनट बाद 185 मीटर दूर 6.9 तीव्रता वाला एक झटका महसूस किए गया।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ चिली में भूकंप के बाद जापान और रूस में सुनामी की चेतावनी[मृत कड़ियाँ]। प्रभा साक्षी। 28 फ़रवरी 2010
- ↑ चिली में 8.8 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी Archived 2010-03-02 at the Wayback Machine। राजस्थान पत्रिका। 1 मार्च 2010