चिकित्सीकरण
चिकित्सकीकरण (मेडिकलाइजेशन) एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ जीवन के अचिकित्सीय (नॉन-मेडिकल) आयामों को मेडिकल की शब्दावली के अंतर्गत देखा जाता है।
एक विस्तृत परिघटना के साथ इसे मेडीकलाइज किया जाता है, जिसमें सामान्य जीवन की घटनाएं (जीवन, मृत्यु), जैविकीय प्रक्रियाएं (वृद्धावस्था, परित्यक्तता), सामान्य मानसिक समस्याएँ (सीखना, सेक्सुअल मुश्किलें), विचलन के सभी स्वरूपों को इसमें शामिल किया गया है। विचलन के चिकित्सकीकरण की प्रक्रिया में नॉन-नोर्मेटिव्ह या नैतिक अपराध बोध की उपस्थिति (obesity, unattractiveness, shortness), विश्वास (mental disorder, racism) और आचरण (drinking, gambling, sexual practice) इन सभी को मेडिकल अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सुपुर्द किया जाता है। बुरी प्रवृत्ति के मानसिकता को अनैतिकता, पाप, अपराधी के रूप में देखा जता है। इतिहास के दौर में देखे तो परिवर्तन आए हैं किन्तु वह मानवतावादी से ज्यादा चिकित्सकीकरण को पुष्ट करने वाले हैं। आज के समय में ज्यादातर विद्वान इस बात को समर्थन भी देते हैं और इसकी बढ़ोतरी से सम्मत भी है। जो इस बात से सम्मत नहीं हैं वह सवाल करते हैं कि चिकित्सकीकरण क्यों? किस दशा के लिए? और किसके साथ? और इस परिघटना का परिणाम क्या है?
पीटर कॉनराड
[संपादित करें]पीटर कॉनराड (Peter Conrad) के अनुसार 1970 के बाद, पिछले दो दशकों में सोशल मूवमेंट, इंटरेस्ट ग्रुप, अंतर-व्यावसायिक एवं संगठन का ज्यदातर झुकाव मेडिकल व्यवसाय के अध्ययन के अंतर्गत मेडीकलायजेशन की ओर बढ़ा है। यह आर्टिकल पिछले दो दशकों में आ रहे मेडीकलायजेशन के प्रक्रिया में आए बदलाओं को दर्शाता है जिसमें मेडिसिन प्रक्रिया महत्त्वपूर्ण है। लेखक ने इस आर्टिकल में विविध मामलों का उपयोग कर यह तर्क दिया है कि चिकित्सा और उसके संगठनात्मक रूप में तीन महत्त्वपूर्ण बदलाव आए हैं जो मेडीकलायजेशन की प्रक्रिया को चलायमान किए हैं: बायोटेक्नोलाजी (विशेष रूप से दवा उद्योग और आनुवंशिकी), उपभोक्ता, और प्रबंधित देखभाल(managed care). डॉक्टर द्वारपाल की तरह चिकित्सात्मक उपचार में खड़े है, परन्तु मेडीकलायजेशन के संकुचन या फैलाव में इनकी भूमिका अधीनस्थ की तरह हो गयी है। मेडीकलायजेशन अब ज्यादातर वाणिज्यिक एवं बाजार के हितों या उनके दावों-निर्माताओं( Claim-makers) द्वारा प्रेरित हो रहा है। मेडीकलायजेशन पारिभाषिकी के केंद्र में लगातार बनी रही है, लेकिन नयी फार्मास्यूटिकल एवं अनुवांशिक उपचार की क्षमता के बढ़ोतरी ने इसे नयी चिकित्सा वर्गीकरणों में वर्गीकृत कर, इन नए चालकों द्वारा चलायमान किया है। इक्कीसवी सदी में मेडीकलायजेशन के जांच के लिए समाजशास्त्रीय फोकस के साथ इसका अध्ययन करने की आवश्यकता है।