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घोड़ा-चलित ट्रॉली

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घोड़े के साथ ट्रॉली खींचने वाला चीथड़े और हड्डी इकट्ठा करने वाला व्यक्ति

घोड़े से खींची जाने वाली ट्रॉली एक प्रकार का मालवाहक वाहन होता था। इसे विशेष रूप से सामान के परिवहन के लिए तैयार किया गया था।[1] इसमें एक समतल आधार ढ़ाँचा आधार के रूप में चार बराबर आकार के छोटे पहियों पर स्थित होता था। इनमें से आगे के दो पहिए घूर्णी प्लेट अर्थात् टर्नटेबल अंडरकैरिज पर लगे होते थे जिससे वाहन को मोड़ना (घुमाव) आसान होता था। ट्रॉली के पहिए आमतौर लॉरी की तुलना में बड़े होते थे और उसका फर्श (डेक) एक सामान्य लॉरी की तुलना में अधिक ऊँचाई पर होता था। बड़ी ट्रॉली में अक्सर एक हेडबोर्ड (सिरहाना या विशेष गद्दी) लगा होता था, जिस पर चालक (घोड़े को हांकने वाला) के बैठने के लिए सीट होती थी, जबकि छोटी ट्रॉली में फर्श के सामने एक साधारण बॉक्स होता था या चालक सीधे फर्श के कोने पर बैठता था, जहाँ से वह शाफ्ट पर पैर रखता था। बहुत ही छोटी ट्रॉली के मामले में चालक कभी-कभी पैदल चलकर घोड़े का रास्ता दिखाने का कार्य करता था। इन ट्रॉली वाहनों को आमतौर पर एक ही टट्टू या घोड़े द्वारा खींचा जाता था लेकिन बड़ी ट्रॉली के लिए घोड़ों की एक जोड़ी की ज़रूरत होती थी।

घोड़े से खींची जाने वाली ट्रॉली मुख्य रूप से एक शहरी वाहन थी, जिसे पक्की सड़कों के लिए डिज़ाइन किया गया था, जहाँ इसके छोटे पहिए किसी बाधा का कारण नहीं बनते थे। सामान्यतः इसकी धुरी को उछाल (spring) के साथ बनाया जाता था ताकि सवारी या माल को झटकों से बचाया जा सके। इन ट्रॉलियों का उपयोग अक्सर बाज़ार में फल और सब्जी बेचने वाले विक्रेताओं द्वारा किया जाता था, लेकिन कोयला व्यापारी भी इन्हें सामान ढोने के लिए अपनाते थे। कोयले की बोरियों को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए ट्रॉली में एक हेडबोर्ड होता था, जो बोरियों की पहली पंक्ति को सहारा देता था और फिर वही अगली पंक्ति को थामता था। ट्रॉली का डेक आमतौर पर इतनी ऊंचाई पर होता था कि कोयला व्यापारी अपनी पीठ पर बैग लादकर उसे आसानी से उठा और उतार सकें, और पीछे कोई पहिया न होने से यह कार्य और भी सहज हो जाता था।

समय के साथ, रैग और बोन व्यापारी (पुराने सामान और कबाड़ इकट्ठा करने वाले) भी इन्हीं ट्रॉलियों का उपयोग करने लगे। वे अपनी वस्तुएं ट्रॉली पर सुरक्षित रखने के लिए साइड और टेल बोर्ड लगाते थे। ट्रॉली की सबसे बड़ी और मज़बूत किस्में लिफ्ट वैन (moveable storage van) के साथ उपयोग की जाती थीं, जिन्हें भारी सामान की ढुलाई के लिए तैयार किया जाता था।

जैसा कि अक्सर कई क्षेत्रों में देखा जाता है, समय के साथ "ट्रॉली" शब्द का उपयोग उसके मूल और विशिष्ट अर्थ से हटकर होने लगा। लोग इसका विस्तृत अर्थ समझे बिना इसका उपयोग करने लगे, जिससे इसका प्रयोग कम सटीक और अधिक सामान्य बन गया। परिणामस्वरूप, कई ऐसे वाहनों को भी "ट्रॉली" कहा जाने लगा जो पारंपरिक ट्रॉली की परिभाषा में पूरी तरह फिट नहीं होते। इसी तरह, कुछ वास्तविक ट्रॉली जैसे वाहनों को अन्य नामों से पहचाना जाने लगा। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक मिल्क फ्लोट तकनीकी रूप से एक ट्रॉली की तरह अधिक है, फिर भी इसे "फ्लोट" कहा जाता है। इसी तरह, हॉर्स शो में दिखने वाला ब्रूअर का 'ड्रे' (brewery dray) भी एक ट्रॉलीनुमा वाहन है, लेकिन उसे आमतौर पर ट्रॉली नहीं कहा जाता। इस भाषाई बदलाव ने ट्रॉली शब्द के पारंपरिक और तकनीकी उपयोग को धुंधला कर दिया है।

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Parry, David (1979). "Trolleys and Flats". English Horse Drawn Vehicles. फ्रेडरिक वार्न एंड कंपनी. p. 36. ISBN 0723221723. OL 4485663M.