घनश्याम सिंह गुप्त

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घनश्‍याम सिंह गुप्‍त (जन्‍म 22 दिसंबर 1885, दुर्ग छत्‍तीसगढ़ - मृत्यु 13 जून 1976 दुर्ग छत्‍तीसगढ़)

वरिष्ठ कांग्रेसी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, 1915 में मध्य प्रांत एवं बरार के प्रांतीय परिषद के सदस्य चुने गए। 1923 से 1926 सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार विधानसभा के निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए, 1927-1930 के कार्यकाल में भी आप निर्वाचित हुए और प्रदेश विधान सभा के कांग्रेस दल के नेता चुने गए। इस बीच आप सन् 1926 में दुर्ग नगर निगम के भी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। सन् 1930 में दिल्ली के सेंट्रल असेंबली सदस्‍य के लिए हुए चुनाव में आप सदस्‍य निर्वाचित हुए जहां सन् वे 1937 तक सदस्‍य रहे। 31 अप्रेल 1937 से 1952 तक सीपी और बेरार (CP & Berar) के विधान-सभा अध्‍यक्ष रहे। सन् 1939-50 - संविधान सभा में संविधान के हिन्‍दी ड्राफ्ट कमेंटी के अध्‍यक्ष रहे। 24 जनवरी, 1950 को घनश्याम सिंह गुप्त नें संविधान के हिन्दी अनुवाद की प्रति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के समक्ष प्रस्तुत की। सन् 1933 में गांधी जी जब दुर्ग आए तब इनके घर में ठहरे थे।

शिक्षा - जबलपुर के राबर्टसन कॉलेज से बीएससी गोल्ड मेडल के साथ 1906 में, सन् 1908 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएल बी।


सन्दर्भ[संपादित करें]

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  1. "गणतंत्र दिवस: देश के संविधान को दुर्ग में मिली हिन्दी भाषा, संविधान सभा के इस सदस्य ने किया था अंग्रेजी से हिंदी ट्रांसलेट". पत्रिका न्यूज़. अभिगमन तिथि 2021-02-15.
  2. "भारतीय संविधान के निर्माण में छत्‍तीसगढि़या सिपाही धनश्‍याम सिंह गुप्‍त". आरंभ छत्‍तीसगढ़ समग्र.