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गीतिका छन्द

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गीतिका छन्द । यह सम मात्रिक छंद है । इसके चार चरण होते हैं,प्रत्येक चरण में 26-26 मात्राएं होती है ।तथा 14 एवं 12 मात्राओं पर यति होती है । अंत मैं लघु-गुरु (।S) आता है।

उदाहरण :-
हे प्रभो !आनन्ददाता, ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को,दूर हमसे कीजिये।
लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बने।
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक,वीर व्रतधारी बनें।