ग़ज़वा ए बुवात
ग़ज़वा -ए- बुवात (अंग्रेज़ी:Patrol of Buwat) रबीउल अवल 2 हिजरी (सितंबर या अक्टूबर 623 ईस्वी) के महीने में हुआ एक गश्ती अभियान था जिसमें मुहम्मद सल्ल॰ ने व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया था। मुहम्मद ने 200 आदमियों की एक सेना के साथ कुरैश कारवां को रोकने के बुवात नामक स्थान पर पहुँचे परन्तु दोनों पक्ष आमने-सामने न हो सके। अभियान के दौरान, साद इब्न मुआज़ को मदीना के अमीर के रूप में नियुक्त किया गया था। सआद इब्न अबी वक़्क़ास ने सेना का सफेद झंडा उठाया। यह ग़ज़वा ए अबवा के एक महीने बाद हुआ था।[1] [2][3]
ग़ज़वा
[संपादित करें]अरबी शब्द ग़ज़वा [4] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है [5]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ सफिय्युर्रहमान मुबारकपुरी, अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "ग़ज़वा बुवात". www.archive.org. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ Mubarakpuri, Saifur Rahman Al (2005), The sealed nectar: biography of the Noble Prophet, Darussalam Publications, पृ॰ 244, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9960899558
- ↑ Haykal, Husayn (1976), The Life of Muhammad, Islamic Book Trust, पपृ॰ 217–218, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789839154177
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English