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गदान्स्क प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

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गदान्स्क प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
Gdańsk University of Technology
Politechnika Gdańska
Gmach glowny pg.jpg

आदर्श वाक्य:“इतिहास ज्ञान है, भविष्य एक चुनौती है” यह नया सिद्धान्त विश्वविद्यालय सिनेट द्वारा दिनांक २१ जनवरी सन् २०१५ मे अंगीकृत किया गया।
स्थापित1904
प्रकार:Public
अध्यक्ष:prof. Krzysztof Wilde
विद्यार्थी संख्या:25,000
अवस्थिति:Gdańsk, Poland
जालपृष्ठ:www.pg.edu.pl


गदान्स्क प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गदान्स्क-व्ज़ेश्च क्षेत्र में स्थित पोलैण्ड के प्राचीनतम  विश्वविद्यालयों में से एक है। इसके कुल नौ संकायों में २५०० कर्मचारी कार्यरत हैं ,जिनमें से १२०० शिक्षक हैं। सन् २०१५ में इसे प्रतिष्ठित CESAER सदस्यता प्राप्त हुई।

सन् १९०४-२०१४ के बीच में १११,००० से भी अघिक विद्यार्थी शिक्षा गृहण करके स्नातक की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की उपलब्धियां (जिनमे विख्यात कम्पनियों में सी.ई.ओ, सार्वजनिक कार्यालयों में उच्च पदों में कार्यरत, उधमी,उद्योग जगत के मशहूर ब्रांडों के रचनाकार, प्रख्यात वास्तुकार जैसी हस्तियां शामिल हैं।) हमारे लिये  गर्व  का विषय है। परन्तु उससे भी कहीं अधिक ख़ुशी इस बात की हैं कि वो अपनी सफलता का श्रेय कहीं न कहीं विद्यालय से प्राप्त ज्ञान और प्रायोगिक कौशल को देते हैं।

विश्वविद्यालय में पढ़ाये जाने वाले  कुछ डिग्री कोर्सेस और कई विशेषज्ञताएं का माध्यम इंग्लिश है।

विद्यार्जन के लिए यहाँ पर विद्यार्थिओं को कई सुविधाएँ प्राप्त हैं जिनमे विशेष प्रयोगशालाएं,लेक्चर थिएटर्स,मल्टीमीडिया सुविधाएं, मुख्य लाइब्रेरी( १.२ करोड़ किताबें) जैसी सुविधाएं शामिल हैं। शारीरिक और मानसिक हेल्थ के लिए एक विशेष स्पोएट्स काम्प्लेक्स है जहाँ पर स्विमिंग, फुटबॉल,जुडो,जैसे कई अन्य गेम्स की सुविधा उपलब्ध है। विद्यार्थी यहाँ पर ६० से भी अधिक उपलब्ध साइंटिफिक एंड लैंग्वेज सोसाइटीज अथवा अन्य आर्गेनाईजेशन की सदयस्ता प्राप्त कर सकते हैं।

हाल के वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने कई  महत्वपूर्ण चेंज किये हैं जिनमे एक तकनीकी विश्वविद्यालय की परंपरा के संरक्षण और आर्थिक और सामाजिक मांगों के लिए खुला किया जाना शामिल है। विश्वविद्यालय एक नए परिवर्तन की और अग्रसर है- डिजिटल यूनिवर्सिटी से स्मार्ट यूनिवर्सिटी बनाना जिससे की इंटरनेशनल परियोजनाओं और इन्नोवेटिवेनेस को बढ़ावा मिल सके।

महान जोर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने पर रखा गया है जी यू टी  पहली और एकमात्र पोलिश यूनिवर्सिटी है जो की  CDIO पहल की एक सदस्य है इस पहल की स्थापना मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा स्वीडन में  स्थित चाल्मेर्स प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहयोग से हुई है। इस  इनिशिएटिव का उद्देश्य इंजीनियर्स को टेक्नोलॉजी के चारो आस्पेक्ट्स जैसे की इमेजिनेशन, डिज़ाइन, इम्प्लीमेंट ,एंड ऑपरेट में शिक्षित करना है।

इसके अलावा विश्वविद्यालय वर्तमान में आर्गेनाईजेशन जैसे की बाल्टिक साइंस रिसर्च, बाल्टिक स्टूडेंट नेटवर्क बाल्टिक सी रीजन यूनिवर्सिटी नेटवक एवं अन्य कई आर्गेनाईजेशन का सक्रिय सदस्य है।

विश्वविद्यालय की स्थापना सं १९०४ में क्योलीगलीचे टेक्नीची हॉस्चुले जू डेंजिग के रूप मैं हुई। इस समय का ग्दांस्क उस वक़्त डेंजिग के रूप में जर्मन एम्पायर का हिस्सा था।  ग्दांस्क शहर विभिन्न समय पर जर्मनी और पोलैंड का हिस्सा  रहा है। अन्तर वॉर के समय पर  ये स्वतंत्र शहर भी बना। शहर की इस बदलती स्थिति का प्रभाव यहाँ के शैक्षिक संस्थानों पर भी पड़ा। विश्वविद्यालय के कई नाम परिवर्तन इसका उदाहरण हैं

१९१८-१९२१ - Technische Hochschule in Danzig

१९२१-१९३९ - Technische Hochschule der Freien Stadt Danzig

१९३९-१९४१ - Technische Hochschule Danzig

१९४१-१९४५ - Reichshochschule Danzig

ग्दांस्क तकनिकी विश्वविद्यालय (जी यू टी) ग्दांस्क शहर मैं स्थित है जो की १००० साल पुरानी परंपरा का प्रतीक है। यह शहर बाल्टिक सागर पर वित्सुला नदी के मुहाने पर स्थित है।शहर के उद्योग ज्यादातर  जहाज निर्माण  और शिपिंग से संभंधित है। ग्दांस्क शहर पोमेरेनिअन छेत्र की राजधानी है और  लगभग ५००,००० लोंगो का निवास स्थान है। इस छेत्र मैं कई उच्च स्तरीय शैक्षिक संस्थान है। ग्दांस्क तकनिकी विश्वविद्यालय इस छेत्र की सबसे बड़ी और पोलैंड की प्राचीनतम तकनिकी विश्वविद्यालयों में से है।

पेट्रॉन्स

जोहानिस

हैवेलियस (1611-1687) ने दुनिया की पहली महान खगोलीय वेधशाला ( जो की दूरबीन से लैस  थी) को बनाया। हैवेलियस एक भौतिक विज्ञानी भी थे , क्योंकि उन्होंने ने  सदियों पुरानी चुंबकीय अस्वीकृति में परिवर्तन की खोज की थी। वे एक टेक्नीशियन भी थे क्यों की उन्होंने पोलैंड की पहली पेंडुलम क्लॉक बनायीं। उन्हीने दुनिया का पहला पेरिस्कोप भी बनाया जो की एक बड़ी उपाधि थी उन्होंने दुनिआ का पहला माइक्रोमीटर स्क्रू भी बनाया जो की अब गदांस्क सिटी कौंसिल की प्रॉपर्टी है।

डेनियल गेब्रियल फ़ारेनहाइट (१६८६ -१७३६) का जन्म ग्दांस्क में हुआ था। उनको मर्क्युरी को टेम्प्रेचर मपक यन्त्र में प्रयोग एवं ०-२१२ डिग्री स्केल के अविष्कार के लिए जाना जाता है।

हवेलियस एवं फ़ारेनहाइट  दोनों महान भौतिकविदों को पोलिश विज्ञान के प्रतिनिधि के रूप में माना जाता है, ग्दांस्क विश्वविद्यालय में अपने स्मरण स्थान रखते हैं। सीनेट के संकल्प के आधार पर, ग्दांस्क विश्वविद्यालय के  मुख्य भवन में  स्थित  दो आंगनों को  वैज्ञानिकों के नाम पर रखा गया है। उन्होंने दुनिआ का पहला माइक्रोमीटर स्क्रू भी बनाया जो की अब गदांस्क सिटी कौंसिल की प्रॉपर्टी है।

डेनियल गेब्रियल फ़ारेनहाइट (१६८६ -१७३६) का जन्म ग्दांस्क में हुआ था। उनको मर्क्युरी को टेम्प्रेचर मपक यन्त्र में प्रयोग एवं ०-२१२ डिग्री स्केल के अविष्कार के लिए जाना जाता है।हवेलियस एवं फ़ारेनहाइट  दोनों महान भौतिकविदों को पोलिश विज्ञान के प्रतिनिधि के रूप में माना जाता है,ग्दांस्क विश्वविद्यालय में अपने स्मरण स्थान रखते हैं। सीनेट के संकल्प के आधार पर, ग्दांस्क विश्वविद्यालय के  मुख्य भवन में  स्थित दो आंगनों को वैज्ञानिकों के नाम पर रखा गया है।

ऐतिहासिक स्थान

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जी यू टी  के मुख्य भवन को  हरमन एग्जॉट  और अल्बर्ट कार्स्टन ने डिज़ाइन किया था और १९०० -१९०४ के बीच  विद्युत तकनीकी संस्थान, मशीन प्रयोगशाला और रसायन विज्ञान के संकाय के रूप में एक ही समय में निर्माण हुआ। सभी भवन आर्ट नोव्यू के तत्वों के साथ उत्तरी पुनर्जागरण की शैली में डिजाइन किए गए थे।

विश्वविद्यालय कैंपस में स्थित कई भवन  पिछले सौ सालों की विभिन्न वास्तुकला शैलियों का प्रतीक हैं।स्मारकीय मुख्य भवन का डिज़ाइन एवं निर्माण अल्बर्ट कार्स्टन  (जो कि एक प्रख्यात वास्तुकार एवं विश्वविद्यालय   प्रोफेसर थे)द्वारा डच नव- पुनर्जागरण शैली में 20 वीं सदी की शुरुआत में हुआ था।

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान लगभग ६० % भवन और ७० % छत आग द्वारा नष्ट हो गए थे।

घड़ी टॉवर का सिर्फ इस्पात ढांचा ही बचा था। विश्वयुद्ध से हुई छति को फिर से पुनर्निर्मित किया गया पर टावर निर्माण का निर्णय कई बार स्थगित हुआ अंततः इसका निर्माण मुख्य भवन पर १३ मई सन २०१२ को हुआ।

विश्वविद्यालय के परिसर को लगातार विकसित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर सुरुचिपूर्ण, आधुनिक, और पर्यावरण के अनुकूल इमारतों  एवं आकर्षक और राजसी इमारतें के सह अस्तित्व का प्रतीक है। शिछण कार्य आधुनिक सभागारों और अच्छी तरह से सुसज्जित विशेष प्रयोगशालाओं में होता है।

विश्वविद्यालय परिसर के भीतर  आधुनिक शिक्षा और अनुसंधान केन्द्रों एवं उनसे सम्बंधित इकाइयों का  विवरण निम्नलिखित हैं:

नैनो केंद्र जिसमे २५ आधुनिक प्रयोगशालाएं जो कि अद्वितीय उपकरणों और परमाणुओं के स्तर के परीक्षण के साथ सुसज्जित हैं।

LINTE ^ अभिनव विद्युत पावर टेक्नोलॉजीज और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण के साथ लैस २ प्रयोगशालाएं।

गणित और दूरस्थ शिक्षा केंद्र- जो कि गणितीय मॉडलिंग और डेटा के दृश्य के लिए आधुनिक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करता है।

आईसीटी शैक्षिक और अनुसंधान केंद्र जो कि पोमेरानिया में स्थित १००  से अधिक कंपनियों एवं उनके Kuyavia और Mazovia क्षेत्रों के साथियों के साथ सहयोग करता है।

शैक्षिक खेल केंद्र - खेल सुविधाओं के साथ सभी छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुलभ : दो स्विमिंग पूल : 25 मीटर और 12,5 मीटर; एक पूर्ण आकार फुटबॉल पिच 64M एक्स 105m ; एक खेल हॉल

एक  वॉलीबॉल पिच, आउटडोर टेनिस कोर्ट ; एक फिटनेस जिम, शरीर सौष्ठव जिम, एक नौकायन जिम और एक जूडो जिम।

विश्वविद्यालय परिसर में आधुनिक छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है जिसके अंतर्गत शहर में तीन आकर्षक स्थानों में स्थित १३ भवनो में २,५०० से अधिक छात्रों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध है।

ग्दांस्क प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यूरोपीय इरास्मस कार्यक्रम में भाग लेता है: इरास्मस प्लस, एलएलपी इरास्मस , एलएलपी इरास्मस गहन कार्यक्रम , इरास्मस मुंडुस, जीन मोनेट , CEEPUS , Tempus और लियोनार्डो दा विंसी।

दुनिया भर से  विश्वविद्यालय में  आने वाले विदेशी छात्रों और आगंतुकों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह - स्पेन, यूक्रेन और चीन से आते हैं।

जी यू टी  इरो फोरम एवं बाल्टिक सी रीजनल यूनिवर्सिटी नेटवर्क की गतिविधियों में निरंतर भाग लेता है जिसका मुख्य उद्देश्य  विश्वविद्यालयों के बीच अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए छेत्रों जैसे विश्वविद्यालयों के अंतर्राष्ट्रीयकरण, छात्रों के

आदान-प्रदान, इंटरकल्चरल कम्युनिकेशन, संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों एवं घर अथवा विदेश में अंतर्राष्ट्रीयकरण को  बढ़ावा देना है।

विश्वविद्यालय  की 110 वीं वर्षगांठ

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संन २०१४ में  विश्वविद्यालय ने अपने अस्तित्व के 110 साल पूरे होने का जश्न मनाया। जयंती वर्ष का आधिकारिक उद्घाटन जनवरी २०१४ में था। समारोह  का आयोजन शैक्षणिक प्रोन्नति के अवसर पर सीनेट की सार्वजनिक सत्र के दौरान किया गया था। ठीक जयंती वषगांठ के उद्घाटन के समय पर जो की ६ अक्टूबर संन २०१४ को था। विश्वविद्यालय के शैक्छिक सत्र की जयंती का भी उद्घाटन किया गया। यह उल्लेखनीय है कि जयंती वषगांठ के उद्घाटन के समय पर राष्ट्रपति लेक वालेसा, और विज्ञान के मंत्री और उच्च शिक्षा सहित प्रख्यात हस्तियां मानद समिति के मुख्य सदस्य के रूप में उपस्थित थे। समारोह का परिणति बिंदु  प्रिंसटन विश्वविद्यालय से विश्व प्रसिद्ध रसायनशास्त्री प्रोफेसर रॉबर्ट कावा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान किया जाना था।

बाहरी कड़ियाँ

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