गणेश प्रसाद श्रीवास्तव

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गणेश प्रसाद श्रीवास्तव

गणेश प्रसाद श्रीवास्तव दिल्ली विश्वविद्यालय के एक सेमिनार में
जन्म 16 जून 1933
वाराणसी, भारत
मौत 26 मई 2011(2011-05-26) (उम्र 77)
आगरा
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा की जगह इलाहबाद विश्वविद्यालय
धर्म हिन्दू
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

डॉ गणेश प्रसाद श्रीवास्तव (१९३३ - २०११), भौतिक विज्ञान के भारतीय प्रोफेसर और कई पुस्तकों के लेखक थे। 50 साल के प्रतिष्ठित शैक्षिक कैरियर के बाद वह इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोफेसर के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए जहाँ उन्होंने 35 साल से भी ज़्यादा माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स पढ़ाया।[1]

शिक्षा और कैरियर[संपादित करें]

उन्होंने अपनी पीएचडी (डॉक्टोरल डिग्री)1957 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्णा जी के मार्गदर्शन में माइक्रोवेव प्रेशर ब्रोडेनिंग स्टडी में की। उन्होंने प्रो कृष्णा जी और डॉ प्रेम स्वरुप के साथ गैसो में माध्यम प्रेशर पर माइक्रोवेव अब्सॉर्प्शन पर भी अनुसन्धान किया जिसका कई अनुसन्धान प्रकाशनों में सराहना के साथ प्रकाशन हुआ।

डॉ गणेश ने 180 अनुसन्धान पत्र अंतराष्ट्रीय अनुसन्धान पत्रिकाओं में स्पेक्ट्रोस्कोपी, सेमीकंडक्टर भौतिक विज्ञान, मैग्नेटिस्म, क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स, और माइक्रोवेव सुपरकंडक्टिविटी पर प्रकाशित किये। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बड़े माइक्रोवेव रिसर्च समूह की स्थापना भी की। उन्होंने भौतिक विज्ञान से अलग इलेक्ट्रॉनिक्स शिक्षा की नींव रखी और इलेक्ट्रॉनिक्स के शिक्षा कार्यक्रमों के भारतीय कॉलेज और विश्वविद्यालयों में शुरुआत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस में इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभाग के पहले अध्यक्ष थे और अंतःविषय तथा एप्लाइड विज्ञान फैकल्टी के पहले डीन भी थे। 1974 में वो भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर बने और 1980 में विभाग अध्यक्ष और फैकल्टी ऑफ़ साईन्स, दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन भी बने। इसके अतिरिक्त उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के समकुलपति का भी कार्यभार संभाला। उन्होंने नोबेल पुरुस्कार विजेता प्रोफेसर गेरहार्ड हर्ज़बर्ग के साथ नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ़ कनाडा में 1960 से 1962 तक माइक्रोवेव स्पेक्ट्रोस्कोपी में अग्रवर्ती अनुसन्धान भी किया। वह हाइड्रोजन बॉउंडेड अणुओं में घूर्णाकर ट्रांजीशन का निरिक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे।

इसके अलावा उन्होंने शेफील्ड विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम ; क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया; पिएर्रे एंड मेरी क्यूरी विश्वविद्यालय, फ्रांस; और टोक्यो इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी , जापान में भी कार्य किया।

पुस्तकें और प्रकाशन[संपादित करें]

उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें हैं-

  1. Microwave Devices and Circuit Designs; Srivastava, Ganesh Prasad; Gupta, Vijay Laxmi, Prentice-Hall of India, 2006 ISBN 81-203-2195-2
  2. Recent Advances in Microwaves; Cardiff Academic Press, 1994 ISBN 978-81-7319-000-1,
  1. Microwave technology and applications: Proceedings of the first Asia-Pacific Microwave Conference, New Delhi, India; Srivastava G P; Nair PG; 1998 ISBN 978-0-07-460340-6
  2. Surface Meteorological Instruments and Measurement Practice;Srivastava G P; Atlantic Publishers & Distributors Pvt Ltd, 2009, | ISBN 978-8126909681

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "PHI Learning - ISBN 9788120321953 - MICROWAVE DEV..." www.phindia.com. अभिगमन तिथि 2022-06-02.