गणदेवता (उपन्यास)
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लेखक | ताराशंकर बंद्योपाध्याय |
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भाषा | बांग्ला |
शैली | उपन्यास |
प्रकाशन स्थान | भारत |
गणदेवता (शाब्दिक अर्थ : भगवान के रूप में लोग, पहली बार 1942 में प्रकाशित), ताराशंकर बंद्योपाध्याय द्वारा लिखित एक बांग्ला उपन्यास है। इस उपन्यास के लिए उनको 1966 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। [1] इसमें उन्होंने भारतीय/बंगाल के गांवों के जीवन और गरीबी, अज्ञानता और आदिम प्रवृत्ति से प्रभावित ग्रामीणों के जीवन का वर्णन किया। [2] इस उपन्यास का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। [3] तरुण मजूमदार ने 1978 में इस उपन्यास पर आधारित गणदेवता नामक फिल्म बनायी थी।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ R. P. Malhotra 2005, p. 281.
- ↑ K. M. George 1992, p. 89.
- ↑ Jasbir Jain 2000, p. 239.