गंभीरनाथ

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गंभीरनाथ, नाथ पंथ के एक प्रख्यात योगी थे जिनका जन्म कश्मीर के एक धनी परिवार में हुआ था। किंतु युवावस्था में ही उन्हें वैराग्य उत्पन्न हुआ और उन्होंने गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ पहुंचकर महन्त बाबा गोपालदास से योग की शिक्षा ली। वाराणसी में गंगातट पर रहकर उन्होंने योगाभ्यास किया। कहा जाता है कि उन्होंने तीनों योगों की सिद्धि प्राप्त की थी। आध्यात्मिक क्षेत्र में उनका उच्च स्थान समझा जाता है।

बाद में उन्होंने झूसी (प्रयागराज) की एक गुफा में तीन वर्ष तक साधना की। कैलाश मानसरोवर भ्रमण के दौरान उन्हें अनेक योगियों के दर्शन हुए थे और उनसे मिलने का मौका मिला था। अमरकंटक में भी रहकर उन्होंने तपस्या की। गया के कपिलधारा तीर्थ में भी काफी समय तक उन्होंने साधना की थी।

गम्भीरनाथ का जन्म कब हुआ था, यह ठीक-ठीक ज्ञात नहीं है। वे 21 मार्च 1917 को ब्रह्मलीन हुए थे।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

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