गंगोलीहाट

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
गंगोलीहाट
Gangolihat
{{{type}}}
गंगोलीहाट नगर का दृश्य
गंगोलीहाट मन्दिर समूह
हाट कलिका मन्दिर
भुवनेश्वर ग्राम से हिमालय पर्वतमाला का दृश्य
गंगोलीहाट is located in उत्तराखंड
गंगोलीहाट
गंगोलीहाट
उत्तराखण्ड में स्थिति
निर्देशांक: 29°39′25″N 80°02′20″E / 29.657°N 80.039°E / 29.657; 80.039निर्देशांक: 29°39′25″N 80°02′20″E / 29.657°N 80.039°E / 29.657; 80.039
देश भारत
प्रान्तउत्तराखण्ड
ज़िलापिथौरागढ़ ज़िला
क्षेत्र7.00 किमी2 (2.70 वर्गमील)
ऊँचाई1760 मी (5,770 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल7,112
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, कुमाऊँनी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

गंगोलीहाट (Gangolihat) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ ज़िले में स्थित एक नगर और तहसील मुख्यालय है, जो हाट कलिका मंदिर नामक सिद्धपीठ के लिये प्रसिद्ध है। इस सिद्ध पीठ की स्थापना आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा की गयी। हाट कलिका देवी रणभूमि में गए जवानों की रक्षक मानी जाती है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से 77 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।[1][2][3][4]

इतिहास[संपादित करें]

जाह्नवी नौले में स्थित १२६४ ई॰ के एक शिलालेख पर मनकोटी राजाओं के नाम अंकित हैं।

सरयू गंगा तथा राम गंगा नदियों के मध्य स्थित होने के कारण इस क्षेत्र को पूर्वकाल में गंगावली कहा जाता था, जो धीरे धीरे बदलकर गंगोली हो गया। तेरहवीं शताब्दी से पहले इस क्षेत्र पर कत्यूरी राजवंश का शासन था। गंगोलीहाट इस गंगोली क्षेत्र का प्रमुख व्यापारिक केंद्र था।

तेरहवीं शताब्दी के बाद यहाँ मनकोटी राजाओं का शासन रहा, जिनकी राजधानी मनकोट में थी। गंगोलीहाट के जाह्नवी नौले से प्राप्त एक शिलालेख पर मनकोटी राजाओं के नाम अंकित हैं। सोलहवीं शताब्दी में कुमाऊँ के राजा बालो कल्याण चन्द ने मनकोट पर आक्रमण कर गंगोली क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। उन्नीसवीं शताब्दी में गंगोली को अल्मोड़ा जनपद का परगना बनाया गया, तथा गंगोलीहाट नगर में ही परगना मुख्यालय स्थापित किये गए। १९६० में पिथौरागढ़ जनपद के गठन के बाद गंगोलीहाट तहसील का भी गठन किया गया, जिसका मख्यालय भी गंगोलीहाट नगर में रखा गया।

गंगोलीहाट नगर की स्थापना ७ जुलाई २०१२ को पिथौरागढ़ जनपद के ११ राजस्व ग्रामों को मिलाकर किया, जिनमें हाट, कूंउप्रेती, खेतीगड़ा, पुनौली, नौढुंगा, चुडिय़ागौर, चौढिय़ार, लाली, खतेड़ा, हनेरा व रावलगांव शामिल हैं।[5]

आवागमन[संपादित करें]

राष्ट्रीय राजमार्ग 309ए यहाँ से गुज़रता है और इसे कई अन्य स्थानों से सड़क द्वारा जोड़ता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "विजयगाथा से हाट कालिका का भी रहा है नाता". अमर उजाला. 16 दिसम्बर 2012. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2014.
  2. "Start and end points of National Highways". मूल से 22 September 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 April 2009.
  3. "Uttarakhand: Land and People," Sharad Singh Negi, MD Publications, 1995
  4. "Development of Uttarakhand: Issues and Perspectives," GS Mehta, APH Publishing, 1999, ISBN 9788176480994
  5. तीन पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी. ७ जुलाई २०१२. देहरादून: दैनिक ट्रिब्यून