खेजड़ला फोर्ट

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खेजड़ला फोर्ट मुख्य शहर जोधपुर से 85 किलोमीटर दूर खेजडला गांव में स्थित है। उसकी स्थापना में 400 साल पहले की गई थी। तेजस्वी लाल बलुआ पत्थर से बनी यह संरचना को आज एक होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यह प्राचीन समय की राजपूती  वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। आगंतुकों को किले के सुरम्य सेटिंग, जालीदार फ़्रीज़ेज़ और जटिल झरोखें मंत्रमुग्ध कर देते हैं। खेजड़ला किला प्राचीन भारत के शाही राजाओं और रानियों के एक शानदार महल के रूप में प्रसिद्ध है जिसे आज होटल का रूप दे दिया गया है।  

फोटोज[संपादित करें]

खेजड़ला किले का इतिहास[संपादित करें]

खेजड़ला किले का इतिहास देखे तो जोधपुर राजस्थान में रेगिस्तान के बीच 400 साल पुराना, लंबा एव गौरवान्वित स्मारक है। 1611 ईस्वी में निर्मित, खेजड़ला के किले की कल्पना जोधपुर के महाराजा गोपाल दास जी ने प्रदान की थी। उनकी वीर सेवाओं का सम्मान करने के लि खेजड़ला गाँव की यह ज़मीन उन्हें दी थी। उसका नाम खेजड़ी पेड़ से पड़ा है। कई सालो से तक इसका जीर्णोद्धार किया गया है। किले पर मुगलो ने गोला-बारूद से तीन बार हमला किया था।

प्राचीन समय में खेजड़ला राजपूत राजघराने का एक समृद्ध केंद्र था। उसमें प्रतिष्ठित अधिकारी, संपत्ति प्रबंधक, नौकर, परिवहन के लिए कई ऊंट और घोड़े रहते थे ,साथ ही कृषि भूमि का क्षेत्र था।यह प्राचीन किला अभी भी अपने गौरवशाली अतीत एव शक्ति की आभा की याद दिलाता है। खेजड़ला किले के एक हिस्से को भंडारी हेरिटेज प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दिया था। हाल के वर्षों में किले को विकसित कर यात्राओं और आवास के लिए जनता के लिए होटल बनाया है। किले के वर्तमान महाराजा ठाकुर दिलीप सिंह के साथ जैसलमेर के शाही परिवार के वंशज भी संरचना में रहते हैं।

खेजड़ला किला की वास्तुकला[संपादित करें]

खेजड़ला किला को चार अलग-अलग विभागों में विभाजित किया गया हैं। उसका विभाजन युग की परंपराओं के अनुरूप किया गया है। प्राचीन काल की यह खूबसूरत संरचना को अब हेरिटेज होटल के पूरक के लिए मनोरंजक स्थानों के रूप में पुनर्निर्मित किया है।

प्रवेश द्वार(Entrance) - यह एक धनुषाकार का महल प्रवेश द्वार है।इसका प्रयोग मुख्य रूप से प्राचीन समय में अदालत, जेल में बंदियों को रखने और घोड़ा-गाड़ी के लिए पार्किंग के रूप में करते थे।

ज़नाना महल (South Block) - राजपूत परंपरा के मुताबिक महल के शाही पुरुषों एव महिलाओं को अलग निवास करना था। ज़नाना महल में शाही महिलाएँ रहती थीं। वह एक लाउंज, सुइट्स, कमरों की दो मंजिलों और उसके साथ घास के मैदानों के दृश्य देखने को मिलते है।

मरदाना महल (West Block) - यह विभाग या ब्लॉक को मूल रूप से शाही पुरुष सदस्यों के लिए बनाया था। यह विभाग में डाइनिंग हॉल, बार और उद्यान क्षेत्र के रूप में नवीनीकृत दिखाई देता है। इसके बचे हुए कमरों को भी भव्यता से सजाया है।

मेन कोर्टयार्ड (East Block) - आज के समय में यह विभाग यात्रिओं और मेहमानों के लिए आम क्षेत्र के रूप में कार्य करता है। इसमें होटल रिसेप्शन, स्विमिंग पूल, एक आयुर्वेदिक केंद्र, जिम और शॉपिंग शामिल हैं।

खेजड़ला किला रिसोर्ट[संपादित करें]

खेजड़ला किला आज के समय में एक रिसॉर्ट के रूप में कार्यरत है। उसमे तीन प्रकार के सुसज्जित कमरे प्रदान किए जाते है। इसको डिज़ाइन आधुनिक भारत में शाही अनुभव प्रदान करने के लिए किया गया है। उसमे मोज़ेक संगमरमर के फर्श, पोस्टर बेड और बारीक बुने हुए कॉटन के आसनों में डिज़ाइन है। खेजड़ला के कमरे भव्यता एवं  आराम बिखेरते हैं। कुछ कमरों के आंगन में दैवीय दृश्य हैं। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण सूर्यास्त है। उसके अलावा सजावट, शिल्प बाजार, हरे-भरे लॉन और मेहमानों के लिए शाही राजस्थानी ठाठ स्वागत किया जाता है।

  1. लक्ज़री सूट (The Luxury Suites)
  2. रीगल कमरे (The Regal Rooms)
  3. रॉयल चेम्बर्स (The Royal Chambers)

खेजड़ला किले की कुछ रोचक बातें[संपादित करें]

  • किला प्राचीन भारतीय वास्तुकला का शानदार उदाहरण है।
  • गोपालदासजी ने खेजड़ला किला की नीव 1695 में रखी एव किला का निर्माण 1705 में पूरा हुआ था।
  • किला एक शानदार विरासत है जो आज एक होटल बन चुकी है।
  • खेजड़ला किला भारत के शाही राजाओं और रानियों के महल के रूप में प्रसिद्ध है।
  • खेजड़ला किला कई फिल्मऔर सीरियल निर्माताओं के लिए पसंदीदा स्थान है।
  • फोर्ट खेजड़ला में बालिका वधू जैसे सोप ओपेरा की शूटिंग की गई है।
  • यह ग्रेनाइट पत्थर और लाल बलुआ पत्थर से बना है।
  • लाल बलुआ पत्थर की भव्य इमारत राजपूतों की असली पहचान है।
  • मनमोहक महल में एक हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग की गई है।

खेजड़ला किला घूमने का सबसे अच्छा समय[संपादित करें]

यहाँ वैसे तो कोई भी समय में घूमने के लिए जा सकते है। लेकिन यह एक रेगिस्तान विस्तार होने के कारन राजस्थान की यात्रा करने के लिए सर्दियों या मॉनसून के मौसम में यानि अगस्त, सितंबर, फरवरी और मार्च जैसे महीनों के समय सही है, क्योंकि उस समय यहाँ भीड़ भी कम होती है और गर्मी का तापमान सहनीय है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

[1]

  1. harshadpatel (2021-11-30). "Khejarla Fort Jodhpur History In Hindi | खेजड़ला फोर्ट के बारे में जानकारी". History of India 1 (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-09-12.