खुद्दार (1994 फ़िल्म)
खुद्दार | |
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खुद्दार का पोस्टर | |
निर्देशक | इकबाल दुर्रानी |
अभिनेता |
गोविन्दा, करिश्मा कपूर, शक्ति कपूर, कादर ख़ान, श्रीराम लागू, अंजना मुमताज़, राजू श्रेष्ठ |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
25 मार्च, 1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
खुद्दार इकबाल दुर्रानी द्वारा निर्देशित और गोविंदा, करिश्मा कपूर और कादर ख़ान अभिनीत 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। अन्य कलाकारों में शक्ति कपूर, श्रीराम लागू, अंजना मुमताज़, और अनिल धवन शामिल हैं। यह सत्यराज अभिनीत तमिल फिल्म वाल्टर वीट्रिवल की रीमेक है।
संक्षेप
[संपादित करें]शास्त्री सूरी (श्रीराम लागू) ईमानदार मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से आते है। उन्होंने अपने बेटे, पुलिस निरीक्षक सिद्धांत सूरी (गोविंदा) और बेटी बिंदीया और दूसरे पुत्र नंदू (राजू श्रेष्ठ) को भी इसी तरह पाला है। लेकिन नंदू बुरी संगत में पड़ गया है। वह कर्ज में है और अपना कर्ज चुकाने में असमर्थ है। इसलिए, वह पूजा (करिश्मा कपूर) के घर पर लूटपाट करने का फैसला करता है। जब पूजा उसे ऐसा करते देख लेती है, तो वह उस पर हमला करता है और नतीजतन पूजा अपनी दृष्टि खो देती है। बाद में अंधी पूजा सिद्धात से शादी करती है। वह यह नहीं जानती कि उसका हमलावर उसका देवर है।
शास्त्री का कर्मचारी कन्हैयालल (कादर खान) लालची और महत्वाकांक्षी हैं। जब शास्त्री चुनाव के लिए खड़े होते हैं, तो उनका भ्रष्ट और अपमानजनक आदर्श वर्धन (शक्ति कपूर) द्वारा दृढ़ता से विरोध किया जाता है। बेईमानी द्वारा, आदर्श चुनाव जीतता है और सूरी परिवार को अपमानित करने का फैसला करता है। वह अपने लिये अंगरक्षक सिद्धांत सूरी को ही माँगता है। सिद्धांत को अब पुलिस बल के साथ रहने और भ्रष्ट नेता की सेवा करने के बीच चयन करना होगा। सिद्धांत सेवा करने का विकल्प चुनता है, लेकिन केवल इसलिये कि वह भ्रष्ट मंत्री और उसके व्यवहार के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकता है और उसे जनता के सामने प्रकट कर सकता है। अंततः सिद्धांत ने रैली में इकट्ठे लोगों के लिए इसका खुलासा किया और मंत्री को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूजा की आँखें संचालित होती हैं और उनकी दृष्टि बहाल होती है। वह नंदू को पहचानती है और सिद्धांत अपने भाई पर बदला लेता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- गोविन्दा - इंस्पेक्टर सिद्धांत सूरी
- करिश्मा कपूर - पूजा
- शक्ति कपूर - आदर्शवर्धन
- कादर ख़ान - कन्हैयालाल
- श्रीराम लागू - सिद्धांत व नंदू के पिता
- अंजना मुमताज़ - सिद्धांत व नंदू की माता
- राजू श्रेष्ठ - नंदू
- महेश आनन्द - बाबूजान
- विकास आनन्द - डॉक्टर
- अनिल धवन - संपादक
- जैक गॉड - कपाली
- रमी रेड्डी - स्वामी
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "खत लिखना हमें खत लिखना" | राहत इन्दौरी | सोनू निगम, अलका याज्ञिक | 4:48 |
2. | "रात क्या माँगे एक सितारा" | ज़फ़र गोरखपुरी | अलका याज्ञनिक | 7:03 |
3. | "सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोले" | इन्दीवर | अलीशा चिनॉय, अनु मलिक | 7:54 |
4. | "तेरे दीवान ने तेरा नाम" | देव कोहली | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 6:34 |
5. | "तुम मानो या ना मनो" | राहत इन्दौरी | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 7:34 |
6. | "तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम" | राहत इन्दौरी | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:42 |
7. | "वो आँख ही क्या तेरी सूरत" | ज़मीर काज़मी | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 7:01 |
8. | "वो आँख ही क्या तेरी सूरत" (II) | ज़मीर काज़मी | सोनू निगम | 7:46 |
कुल अवधि: | 54:22 |