खाटूश्यामजी
| खाटू श्याम जी मंदिर | |
|---|---|
मंदिर के गर्भगृह में श्याम बाबा का विग्रह | |
| धर्म संबंधी जानकारी | |
| सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
| अवस्थिति जानकारी | |
| अवस्थिति | खाटू गांव |
| ज़िला | सीकर |
| राज्य | राजस्थान |
| देश | भारत |
| भौगोलिक निर्देशांक | 27°21′53″N 75°24′12″E / 27.364639361600112°N 75.40331414812842°Eनिर्देशांक: 27°21′53″N 75°24′12″E / 27.364639361600112°N 75.40331414812842°E |
| वास्तु विवरण | |
| निर्माता | राजा रूप सिंह चौहान (माना जाता है) |
| निर्माण पूर्ण | 1027 ईस्वी (अनुमानित) |
| वेबसाइट | |
| http://khatushyam.app/ | |
खाटू श्याम जी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र बर्बरीक को समर्पित है, जिन्हें भगवान कृष्ण द्वारा कलियुग में श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान प्राप्त था।[1][2][3] भगवान बर्बरीक एक असाधारण वीर योद्धा थे और उनके पास तीन अचूक बाण थे।[4]

इतिहास
[संपादित करें]स्थानीय मान्यता के अनुसार, बर्बरीक ने युद्ध में भाग लेने से पहले स्वेच्छा से अपना शीश भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित कर दिया था।[5][6] कहा जाता है कि उनका शीश वर्तमान राजस्थान के खाटू गांव में प्रकट हुआ, जहाँ एक गाय प्रतिदिन एक विशेष स्थान पर दूध गिराती थी।[7][8] खुदाई के दौरान प्राप्त हुए इस शीश को एक ब्राह्मण को सौंपा गया। मान्यता है कि बाद में खाटू के तत्कालीन शासक को स्वप्न में मंदिर निर्माण कर शीश की स्थापना का निर्देश मिला।[7]
मूल मंदिर का निर्माण 1027 ईस्वी में राजा रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर द्वारा करवाया गया माना जाता है।[9] 1720 ईस्वी में, ठाकुर के दीवान अभय सिंह ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।[9]
धार्मिक महत्त्व
[संपादित करें]खाटू श्याम जी को हिंदू धर्म में विशेष रूप से राजस्थान और हरियाणा में महत्वपूर्ण देवता के रूप में पूजा जाता है।[1] उन्हें अक्सर "श्याम बाबा", "हारे का सहारा", और "कलियुग का अवतार" जैसे नामों से संबोधित किया जाता है।[10][2][11] बड़ी संख्या में भक्त उनकी पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर आते हैं।
मेले और उत्सव
[संपादित करें]खाटू श्याम जी मंदिर में प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की एकादशी को एक बड़ा मेला आयोजित होता है, जिसमें दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।[12][13] इसके अतिरिक्त, जन्माष्टमी, ग्यारस, और दीपावली जैसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार भी मंदिर में मनाए जाते हैं।[12]
खाटू श्याम बाबा का जन्मोत्सव देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है, जिसे भक्त उनके प्राकट्य दिवस के रूप में मनाते हैं।[14]
सूरजगढ़ का श्याम ध्वज
[संपादित करें]खाटू श्याम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज, जिसे निशान भी कहा जाता है, का विशेष धार्मिक महत्व है। यह ध्वज प्रतिवर्ष राजस्थान के झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ कस्बे से लाया जाता है।[15][16] सफेद कपड़े पर नीले घोड़े की आकृति वाला यह ध्वज सूरजगढ़ के एक प्राचीन मंदिर में तैयार किया जाता है और फाल्गुन मास के लक्खी मेले के दौरान खाटूधाम लाकर मंदिर के शिखर पर स्थापित किया जाता है।[15][16]
पहुँच मार्ग
[संपादित करें]खाटू श्याम जी मंदिर जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।[3] नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस है, जो खाटू से लगभग 17 किलोमीटर दूर है।[3] रींगस से खाटू के लिए बस, टैक्सी और अन्य स्थानीय परिवहन के साधन आसानी से उपलब्ध हैं।
श्री श्याम मंदिर कमेटी (रजि.)
[संपादित करें]श्री श्याम मंदिर कमेटी (रजि.), खाटूश्यामजी मंदिर के प्रबंधन और व्यवस्थापन के लिए जिम्मेदार एक पंजीकृत संस्था है।[17] यह कमेटी मंदिर की दैनिक गतिविधियों, मेले और उत्सवों के आयोजन, और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के रखरखाव का कार्य करती है।[17] समय-समय पर कमेटी के चुनाव होते हैं, और वर्तमान में श्री पृथ्वी सिंह चौहान अध्यक्ष हैं, श्री मानवेन्द्र सिंह चौहान मंत्री हैं, और श्री कालू सिंह चौहान कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।[17][18][19]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- 1 2 "Khatu Shyam Ji Birthday: The legend of Khatu Shyam and why he is the most revered form of Krishna". The Times of India (अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 2023-10-20.
- 1 2 "Know the mysterious story of Barbarik becoming Khatu Shyam". Patrika. अभिगमन तिथि: 2023-10-20.
- 1 2 3 "Khatu Shyam Temple: जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य". Navbharat Times. अभिगमन तिथि: 2023-10-20.
- ↑ Ji, Khatu Shyam (2025-11-09). "Khatu Shyam". अभिगमन तिथि: 2025-11-12.
- ↑ "Khatu Wale Shyam: बर्बरीक ने क्यों दिया था अपना शीश दान, जानें महाभारत की ये कथा". Aaj Tak. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "Khatu Shyam Ji: कैसे बर्बरीक बने खाटू श्याम, जानें कब मनाई जाती है 'हारे के सहारे' की जयंती". Jagran. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 "Khatu Shyam Baba Ke Chamatkar: खाटू श्याम बाबा को क्यों चढ़ाया जाता है कच्चा दूध, जानें इसके पीछे की कहानी". TV9 Hindi. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "Khatu Wale Shyam Baba: सीकर, राजस्थान में है खाटू श्याम बाबा का मंदिर, जानें इतिहास और कैसे बना बाबा का मंदिर". Aaj Tak. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 "Temple Profile: Mandir Shri Khatu Shyam Ji" (अंग्रेज़ी भाषा में). Devasthan Department, Government of Rajasthan. अभिगमन तिथि: 2023-10-20.
- ↑ "Khatu Shyam Ji Birthday Date 2024: इस दिन है खाटू श्याम जी का जन्मदिन, जानें उनकी पूरी कहानी". Times Now Hindi. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के सीकर जिले में है खाटू श्याम मंदिर, जानें बाबा के नामों का अर्थ". Jagran. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 "Khatu Shyam Ji Birthday 2024: साल में दो बार क्यों मनाते हैं खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन, जानें इसके पीछे की वजह". Navbharat Times. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "Khatu Shyam Birthday 2024: खाटू श्याम का जन्मदिन कब है? देवउठनी एकादशी पर लगता है लक्खी मेला". News18 Hindi. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "Hare Ka Sahara Khatu Shyam Baba Birthday: आज है 'हारे का सहारा' खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन, देवउठनी एकादशी पर ऐसे करें पूजा". ABP Live. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 "Khatu Shyam Lakhi Mela 2025: खाटू श्याम लक्खी मेले में सूरजगढ़ के ध्वज का इतिहास". Navbharat Times. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 "Khatu Shyam Temple: खाटू श्याम मंदिर में चढ़ाया जाने वाला यह निशान पहले 12 महीने मंदिर के शिखर पर रहता है, जानें इतिहास और कारण". News18 Hindi. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- 1 2 3 "shrishyammandir – Khatu shyam". अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "श्री श्याम मंदिर कमेटी के चुनाव सम्पन्न, प्रताप सिंह चौहान बने अध्यक्ष". NDTV Rajasthan. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.
- ↑ "खाटू श्याम मंदिर के पुनर्विकास के लिए ₹87.87 करोड़ की योजना स्वीकृत". Navbharat Times. अभिगमन तिथि: 2025-04-29.