खबर लहरिया

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खबर लहरिया हिन्दी की उपबोली बुन्देली में प्रकाशित एक आंचलिक समाचार पत्र है। इस पत्र को सन् २००९ के यूनेस्को साक्षरता पुरस्कार के लिये चुना गया है। यह पत्र दलित ग्रामीण महिलाओं द्वारा निरन्तर नामक अशासकीय संस्था के प्रोत्साहन से निकाला जाता है। इस अखबार को इलाके की बेहद गरीब, आदिवासी और कम-पढ़ी लिखी महिलाओं की मदद से निकाला जा रहा है।

पत्र के कर्ता-धर्ता[संपादित करें]

संपादन और समाचार का पूरा काम महिलाएं करती हैं। अखबार बांटने के काम में पुरुष हॉकर मदद करते हैं। ग्रामीण महिलाओं के इस अखबार में काम करने के लिए कम से कम आठवीं कक्षा पास होना जरूरी है, लेकिन नवसाक्षर भी जुड़ सकते हैं।

कौन सी खबरें[संपादित करें]

इस अखबार में सभी तरह की खबरें होती हैं लेकिन पंचायत, महिला सशक्तीकरण, ग्रामीण विकास की खबरों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। समाचार स्थानीय बुंदेली बोली में और बड़े अक्षरों में छापे जाते हैं ताकि नवसाक्षर महिलाएं आसानी से पढ़ सकें। राजनीतिशास्त्र से मास्टर डिग्री ले चुकीं मीरा ने कहा कि संवाददाता के रूप में गांव की गरीब महिलाओं के जुड़ने का उनके परिवार व समाज के लोग ही विरोध करते हैं। लेकिन अब यह कम हो गया है।

अन्य जानकारी[संपादित करें]

प्रकाशन - बुंदेलखंडी बोली में चित्रकूट से आठ वर्षो से, बांदा से तीन वर्षो से

कौन कर रहा है- स्वयंसेवी संस्था निरंतर

प्रसार संख्या - 4500

पाठक संख्या - 20000

मूल्य - दो रुपए

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]