खण्डार दुर्ग
खण्डार दुर्ग तारागढ़ दुर्ग | |
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दुर्ग | |
निर्देशांक: 26°1′24″N 76°36′25″E / 26.02333°N 76.60694°Eनिर्देशांक: 26°1′24″N 76°36′25″E / 26.02333°N 76.60694°E | |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
जिला | सवाई माधोपुर |
भाषाएँ | |
• आधिकारिक | हिन्दी |
• अन्य | हाड़ौती, ढूंढ़ा ड़ी |
समय मण्डल | आईएसटी (यूटीसी+5:30) |
पिन कोड | 322025 |
दूरभाष क्रमांक | 07468 |
वाहन पंजीकरण | RJ-25 |
नजदीकी शहर | सवाई माधोपुर |
लोकसभा चुनाव क्षेत्र | सवाई माधोपुर-टोंक |
जलवायु | सामान्य (कोप्पन) |
खण्डार दुर्ग राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की खण्डार तहसील में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह दुर्ग रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर है। किले में तीन बड़े प्रवेश द्वार हैं, लेकिन वे क्षतिग्रस्त हैं। यह दुर्ग 'अजय दुर्ग' या 'तारागढ़' के नाम से जाना जाता है। सवाई माधोपुर से इस दुर्ग की दूरी करीब ४० किलोमीटर है।
राजस्थान में इस किले का अपना अलग ही महत्व है। एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित किले के प्रवेश द्वार पर तीन बड़े दरवाजे है। खतरनाक स्थान पर स्थित होने के कारण किले पर हमलावरों की सेनाओं द्वारा आसानी से विजय प्राप्त करना बेहद कठिन था। कहा जाता है कि खण्डार किले के सतारूड़ राजाओं में से एक राजा जिसने जो भी लड़ाई लड़ी उसमें कभी हार नहीं हुई, इसी कारण इस दुर्ग का नाम पड़ा अजय दुर्ग. मध्य काल में बना यह दुर्ग अर्द्ध चन्द्राकार सा दिखाई देता है। इस किले पर शासन करने वाले राजवंशो में से एक मेवाड़ का सिसौदिया वंश था जो कि बाद में मुगलों द्वारा उखाड़ फेंके गए।
खण्डार किले परिसर के अंदर प्रमुख सात मंदिर माने जाते है :
इन मंदिरों के अलावा दो ओर अन्य मंदिर स्थित है। दुर्ग के भीतर परिसर में दो टैंक और सात तालाबों सहित जल के निकाय बने हुए हैं।
भूगोल
[संपादित करें]यह 26°1′24″N 76°36′25″E / 26.02333°N 76.60694°E.[1] पर स्थित है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ http://wikimapia.org/9690979/Khandar-Fort Wikimapia
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