क्रांतिक वेग

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क्रांतिक वेग (critical Velocity) कई अर्थों में प्रयुक्त होता है।

  • (१) धारा रेखीय प्रवाह के महत्तम वेग को क्रांतिक वेग कहते हैं। अर्थात धारारेखीय प्रवाह कि वह उच्च सीमा जिसके बाद द्रव का प्रभाव धारा रेखीय न होकर विक्षुबध हो जाए वह वेग क्रांतिक कहलाता है। यदि द्रव्य प्रवाह का वेग क्रांतिक वेग से कम होता है तो उसका प्रभाव उसकी श्यानता पर निर्भर करता है। यदि द्रव्य प्रवाह का वेग उसके क्रांतिक वेग से अधिक होता है तो उसका प्रभाव मुख्यतः उसके घनत्व पर निर्भर करता है, जैसे ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा बहुत अधिक गाढ़ा होने पर भी तेजी से बहता है क्योंकि उसका घनत्व अपेक्षाकृत कम होता है और घनत्व ही उसके वेग को निर्धारित करता है।
  • (२) क्रांतिक वेग वह चाल है जिससे किसी गिरती हुई वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण और वायु प्रतिरोध बराबर होता हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]