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कोरी

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कोरी (अथवा कोली) एक भारतीय जाति है ।[1] कोरी लोग हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में वर्गीकृत किये गये हैं।

कोरी जाति के लोगों का मुख्य व्यवसाय कपड़े बुनने का था। कालांतर में विदेशी कपड़ों के प्रचलन और पसंद के कारण इनका व्यवसाय बंद हो गया। कोरी जाति के लोग जीवन यापन के लिए तरह तरह के व्यवसाय करने पर मजबूर हो गए जैसे खेती,मजदूरी,पशुपालन, दासता आदि। धीरे धीरे इनकी पीढ़ियां अपने मुख्य व्यवसाय और इतिहास को ही भूल गई।

वर्तमान में कई संगठन कोरी समाज को जगाने का बेहतरीन कार्य कर रहें हैं और उनके खोये इतिहास को दुबारा विश्व के सामने ला रहे है।

नाम "कोरी" की व्युत्पति शब्द "कोरा" (बिना किसी भेदभाव के अपने देश के लिए सुरक्षित नियत से कार्य को अपना धर्म मानना) से हुई है जो उनके पारम्परिक देश के प्रति निष्ठा को निरूपित करता है कोरी वंश की कुछ झलक इतिहास के पन्नो में झलकारी बाई मे देखी जा सकती है।

2011 की जनगणना के अनुसार कोरी अनुसुचित जाति की उत्तर प्रदेश में कुल आबादी 4,589308 है

सन्दर्भ

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  1. M. P. S. Chandel (1991). Democratic Transformation of a Social Class. मित्तल पब्लिकेशन्स. पृ॰ 49. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-314-8.