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कैलादेवी मंदिर

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कैलादेवी मंदिर
कैलादेवी मंदिर का दृश्य
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवतालक्ष्मी / योगमाया
त्यौहारकैलादेवी वार्षिक मेला
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिकैलादेवी
ज़िलाकरौली
राज्यराजस्थान
देशभारत
कैलादेवी मंदिर is located in राजस्थान
कैलादेवी मंदिर
राजस्थान में स्थिति
कैलादेवी मंदिर is located in भारत
कैलादेवी मंदिर
कैलादेवी मंदिर (भारत)
भौगोलिक निर्देशांक26°20′6.3″N 76°53′37.7″E / 26.335083°N 76.893806°E / 26.335083; 76.893806निर्देशांक: 26°20′6.3″N 76°53′37.7″E / 26.335083°N 76.893806°E / 26.335083; 76.893806
वास्तु विवरण
निर्माताश्री भोमपाल जी
निर्माण पूर्ण1600 ई.
वेबसाइट
आधिकारिक वेबसाइट

कैलादेवी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के करौली जिले के कैलादेवी गांव में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी कैलादेवी को समर्पित है, जिन्हें महालक्ष्मी और महायोगिनी के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों में स्थित है और कालिसिल नदी (जो बाणगंगा नदी की सहायक है) के किनारे बसा है।

कैलादेवी का उल्लेख स्कन्द पुराण के 65वें अध्याय में मिलता है, जिसमें कहा गया है कि कलियुग में देवी का नाम "कैल" होगा और वे 'कैलेश्वरी' के रूप में पूजी जाएंगी। मान्यता है कि देवी कैलादेवी वही दिव्य शक्ति हैं जो नन्द बाबा और यशोदा की कन्या के रूप में प्रकट हुई थीं और कंस द्वारा मारे जाने से पूर्व अपने दिव्य रूप में प्रकट होकर उसे चेताया।

ऐसी मान्यता है कि यह मूर्ति एक योगी बाबा द्वारा नगरकोट से एक बैलगाड़ी पर लाई जा रही थी। रास्ते में बैल जंगल के मध्य एक स्थान पर रुक गया और आगे नहीं बढ़ा। इसे देवी की इच्छा मानकर वहीं मंदिर की स्थापना की गई।

मंदिर का निर्माण कार्य 1723 में करौली रियासत के शासक महाराजा गोपाल सिंह ने प्रारंभ करवाया और 1730 में पूर्ण हुआ। बाद में महाराजा भोम पाल और महाराजा गणेश पाल सहित अन्य शासकों ने मंदिर में कई सुधार कार्य करवाए। वर्तमान में महाराजा कृष्ण चंद्र पाल द्वारा मंदिर परिसर में कई आधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं।

वास्तुकला

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मंदिर संगमरमर से निर्मित है, जिसके फर्श पर चेकर्ड डिजाइन की टाइल्स हैं। गर्भगृह में दो मूर्तियाँ स्थापित हैं – एक देवी कैलादेवी की और दूसरी चामुंडा देवी की। कैलादेवी की मूर्ति अपेक्षाकृत बड़ी है और उसका सिर थोड़ा झुका हुआ है।

यहां प्रतिवर्ष चैत्र (मार्च - अप्रैल) मास में दो सप्ताह तक चलने वाला विशाल मेला आयोजित होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। मंदिर परिसर में भैरव और हनुमान जी के मंदिर भी स्थित हैं, हनुमान जी को स्थानीय भाषा में 'लंगूरिया' कहा जाता है।

निकटतम रेलवे स्टेशन गंगापुर सिटी है, जबकि हिंडौन सिटी और श्री महावीर जी अन्य नजदीकी स्टेशन हैं। सड़क मार्ग से मंदिर करौली, हिंडौन, गंगापुर सिटी और श्री महावीरजी से जुड़ा हुआ है। मेला अवधि में राजस्थान राज्य परिवहन निगम (RSRTC) और निजी बसें सेवाएं प्रदान करती हैं।

निकटतम हवाई अड्डा जयपुर हवाई अड्डा (लगभग 170 कि.मी.) है।

स्थापत्य

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मंदिर एक संगमरमर की संरचना है जिसमें एक विशाल प्रांगण और चेकर्ड (शतरंजी) डिजाइन वाला फर्श है। मंदिर के गर्भगृह में दो मूर्तियाँ स्थापित हैं - एक देवी कैलादेवी की और दूसरी देवी चामुंडा की। ये दोनों मूर्तियाँ साथ में विराजमान हैं, जिनमें से कैलादेवी की मूर्ति बड़ी है और उसका सिर थोड़ा झुका हुआ दिखाई देता है।

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बाहरी कड़ियाँ

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