कैमरा ल्यूसिडा

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कैमरा ल्यूसिडा की सहायता से चित्रांकन करते हुए

प्रकाशचित्रक या कैमेरा ल्यूसिडा (Camera Lucida) एक प्रकाशीय उपकरण (Optical instrument) है, जिससे किसी वस्तु का रेखाचित्र सरलतापूर्वक बनाया जा सकता है। इसका अविष्कार वुलैस्टन (Wollaston, W.H.) ने १८०७ ई. में किया था।

इसका मुख्य भाग एक पूर्ण परावर्तक प्रिज्म (Prism) होता है जिसमें चार प्रकाशीय फलक (पार्श्व फलक) होते हैं। इस प्रिज्म का एक कोण समकोण होता है। इसके सामने का कोण १३५ डिग्री और शेष प्रत्येक कोण ६७.५० डिग्री का होता है। इस प्रिज्म के द्वारा बगल की किसी वस्तु का प्रतीयमान प्रतिबिंब (Virtual image) नीचे रखे कागज पर दिखाई पड़ता है। आँख प्रिज्म के एक कोने पर इस प्रकार रखी जाती है कि पुतली के आधे भाग से प्रिज्म में होकर जानेवाला प्रकाश दिखाई देता है और शेष आधे भाग से नीचे रखा हुआ कागज दिखाई पड़ता है। लेंस ल द्वारा कागज और वस्तु का प्रतिबिंब एक ही तल में दिखाई देते हें। इससे लंबन दोष (Parallax) के कारण त्रुटि नहीं होती, अन्यथा आँख थोड़ा इधर उधर हिलने से पेंसिल और बिंब में विस्थापन हो जायगा। इस प्रकार प्रतिबिंब, कागज और पेंसिल सब एक साथ ही दिखाई पड़ते हैं। चित्रकार को ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह किसी चित्र पर पेंसिल चला रहा हो।

ऐबि (Abbe) का प्रकाशचित्रक सूक्षमदर्शी (Microscope) में लगाया जाता है। इसमें एक अर्धपारदर्शक (Semi-transparent) दर्पण होता है, जो सूक्ष्मदर्शी के ऊपर लगाया जाता है। एक दूसरा दर्पण कागज के ऊपर रहता है। इस उपकरण में सूक्ष्मदर्शी को इस प्रकार ठीक करते हैं कि कागज और वस्तु का प्रतिबिंब एक ही तल में दिखाई दे।

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