केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य | |
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य (बाएं) और श्री दिनेश शर्मा उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू से भेंट करते हुए। | |
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 19 मार्च 2017 | |
मुख्यमंत्री | योगी आदित्यनाथ |
पद बहाल मई 2014 – सितम्बर 2017 | |
उत्तरा धिकारी | नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल |
चुनाव-क्षेत्र | फूलपुर |
जन्म | 7 मई 1969 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
निवास | उत्तर प्रदेश |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
केशव प्रसाद मौर्य वे सोलहवीं लोकसभा के सांसद थे। २०१४ के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। 19 मार्च 2017 को इन्होंने उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।[1][2] sharvan kumar maurya
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]केशव प्रसाद मौर्य का जन्म कौशाम्बी जनपद के सिराथू में मौर्य परिवार में हुआ में हुआ। अपने माता पिता के साथ कृषि कार्यों में हाथ बटाते हुए हुए इन्होने चाय की दुकान भी चलायी और समाचार पत्र का विक्रय तक किया।[2]
राजनीतिक जीवन
[संपादित करें]केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक जीवन की शुरुआत इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से हुई जब वह 2002 में स्थानीय माफिया अतीक़ अहमद के खिलाफ भाजपाउम्मीदवार के तौर चुनाव लड़े यद्यपि सात हजार मत पाकर चौथे स्थान पर रहे उसके बाद वर्ष 2007 का उत्तर प्रदेश विधानसभा उसी सीट से लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र सिराथू से पहली बार विधायक चुने गए। उस समय वह इलाहाबाद मंडल के चारों जिलों इलाहाबाद प्रतापगढ़ कौशाम्बी और फतेहपुर से एकलौते भाजपा विधायक चुने गए थे, वर्ष में 2013 इलाहाबाद के केपी कॉलेज में ईसाई धर्मप्रचारक के आगमन के विरोध का नेतृत्व करते हुए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हुए। फिर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनको फूलपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वह 3 लाख से अधिक वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मराज सिंह पटेल को पराजित करके संसद पहुंचे। अप्रैल 2016 में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। केशव प्रसाद मौर्य भाजपा की प्रदेश इकाई के पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता के तौर पर जाना जाता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आने के बाद विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और भाजपा में करीब 18 साल तक प्रचारक रहे हैं।[2] साथ ही श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा व हिन्दू हित के लिए अनेकों आन्दोलन किया और इसके लिए जेल भी गये। फूलपुर से भाजपा प्रत्याषी के रूप में तीन लाख आठ हजार तीन सौ आठ (308308) वोटो से ऐतिहासिक जीत हासिल की। इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में जो उपहार मिला, उसमें भी इन्होने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।[3]
इन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार इन पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं।[2] उन्होंने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री की शपथ ली।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 मे केशव प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पल्लवी पटेल ने 6 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया[4] | लेकिन भाजपा ने एक बार फिर उन्हें योगीराज 2.0 मे उप मुख्यमंत्री बनाया हैं |
योगीराज 1.0 में लोक निर्माण विभाग केशव के पास था जबकि योगीराज 2.0 में उनको ग्राम विकास एवं समग्र विकास, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रभार दिया गया है[5].
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ https://web.archive.org/web/20191030104349/https://keshavprasadmaurya.com/welcome/mkpm
- ↑ अ आ इ ई कभी पीएम मोदी की तरह चाय बेचते थे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य Archived 2017-03-19 at the वेबैक मशीन - एनडीटीवी - 18 मार्च 2017
- ↑ "भारतीय चुनाव आयोग की अधिसूचना, नई दिल्ली" (PDF). मूल से 30 जून 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 5 अक्तूबर 2014.
- ↑ "UP Election: सिराथू से डिप्टी CM केशव मौर्य चुनाव हारे, कहा- चार राज्यों में BJP सरकार बनने की है खुशी". आज तक. अभिगमन तिथि 2022-05-02.
- ↑ "UP: डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का विभाग बदला, PWD अब जितिन प्रसाद के पास". आज तक. अभिगमन तिथि 2022-05-02.