केप ऑफ़ गुड होप
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केप ऑफ गुड होप (पुर्तगाली: Cabo da Boa Esperança) अफ्रीका के सुदूर दक्षिणी कोने पर एक स्थान है। यह क्षेत्र इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहाँ से बहुत से जहाज़ पूर्व की ओर अटलांटिक महासागर से हिन्द महासागर में जाते हैं। यह स्थान दक्षिण अफ्रीका में है।
इस स्थान का एतिहासिक महत्व भी है। इस स्थान तक पहुँचने वाला सर्वप्रथम यूरोपीय व्यक्ति था पुर्तगाल का बारटोलोमीयु डियास। उसने इस स्थान को 1487 में देखा और इसका नाम "केप ऑफ़ स्टॉर्मस" (तूफ़ानों का केप) (पुर्तगाली: Cabo das Tormentas) रखा।
इसी स्थान से होकर पुर्तगाली अन्वेषक वास्को द गामा भारत पहुँचा था।
१६वीं सदी में हॉलैंड और फ्रांस जैसी सक्तियो ने अन्य मार्ग पर कब्जा कर लेने से अंग्रेज व डच व्यापारी केप आफ गुड होप होकर भारत जाना पड़ता था।