केदार सम्मान
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वर्ष | कवि | कृति |
---|---|---|
१९९६ | नासिर अहमद सिकंदर | जो कुछ भी घट रहा है दुनिया में |
१९९७ | एकांत श्रीवास्तव | अन्न हैं शब्द मेरे |
१९९८ | कुमार अंबुज | क्रूरता एवं अनंतिम |
१९९९ | विनोद दास | वर्णमाला से बाहर |
२००० | गगन गिल | यह आकांक्षा का समय नहीं |
२००१ | हरीशचन्द पाण्डे | एक बुरुश कहीं खिलता है |
२००२ | अनिल कुमार सिंह | पहला उपदेश |
२००३ | हेमन्त कुकरेती | चाँद पर नाव |
२००४ | नीलेश रघुवंशी | पानी का स्वाद |
२००५ | आशुतोष दुबे | असंभव सारांश |
२००६ | बद्री नारायण | शब्द पदीयम |
२००७ | अनामिका (हिंदी कवयित्री) | खुरदुरी हथेलियाँ |
२००८ | दिनेश कुमार शुक्ल | लालमुनियाँ की दुनिया |
2009 | अष्टभुजा शुक्ल | दु:स्वप्न भी आते हैं |
2010 | पंकज राग | यह भूमंडल की रात है |
केदार सम्मान प्रगतिशील हिंदी कविता के शीर्षस्थ कवि केदारनाथ अग्रवाल की स्मृति में केदार शोध पीठ की ओर से प्रति वर्ष दिया जाने वाला एक प्रमुख साहित्य सम्मान है। यह साहित्य सम्मान सृजन की उत्कृष्टता को रेखांकित करने के लिए केदार की परम्परा में लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, आधुनिक, विवेकसम्मत, वैज्ञानिक चिंतन के पक्षधर, सृजन धर्मियों को प्रदान किया जाता है। यह सम्मान मुख्यत: हिन्दी कविता के लिए हैं, जिसमें १९६० के बाद जन्मे रचनाकार के पिछले ५ वर्षों में प्रकाशित संकलन-विशेष को चयन करते समय रचनाकार के कृतित्व के समग्र योगदान को ध्यान में रखा जाता है। पुस्कार का निर्णय एक चयन तथा निर्णायक समिति द्वारा किया जाता है। प्रतिवर्ष अगस्त के महीने में आयोजित एक भव्य समारोह में यह सम्मान प्रदान किया जाता है।[1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "केदार सम्मान २००८ और लालमुनियाँ की दुनिया". देशबन्धु. मूल से 20 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अक्तूबर 2014. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद)