कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण

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कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की स्थापना दिसंबर, 1985 में भारतीय संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई। इस अधिनियम (1986 का 2) को गजट असाधारण भाग – II (खण्ड 3 (II) में 13.02.1986 से लागू किया गया। प्राधिकरण ने संसाधित खाद्य निर्यात प्रोत्साहन परिषद का स्थान लिया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में , अध्यक्ष Dr.M.Agamuthu हैं। अधीन कार्य -ministry of commerce and industry

निर्दिष्ट कार्य[संपादित करें]

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम 1985, (1986 का 2) के अनुसार प्राधिकरण को निम्नलिखित कार्य सौंपे गये हैं-

  • वित्तीय सहायता प्रदान कर या सर्वेक्षण तथा संभाव्यता अध्ययनों, संयुक्त उद्यमों के माध्यम से साम्या पूँजी लगाकर तथा अन्य राहतों व आर्थिक सहायता योजनाओं के द्वारा अनुसूचित उत्पादों के निर्यात से संबद्ध उद्योगों का विकास करना।
  • निर्धारित शुल्क के भुगतान पर अनुसूचित उत्पादों के निर्यातकों के रूप में व्यक्तियों का पंजीकरण करना।
  • निर्यात उद्देश्य के लिए अनुसूचित उत्पादों के लिए मानक और विनिर्देश तय करना।
  • बूचड़खानों, संसाधन संयंत्रों, भंडारण परिसर, वाहनों या अन्य स्थानों में जहाँ ऐसे उत्पाद रखे जाते हैं या उन पर कार्य किया जाता है, उन उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निरीक्षण करना।
  • अनुसूचित उत्पादों की पैकेजिंग में सुधार लाना।
  • भारत से बाहर अनुसूचित उत्पादों के विपणन में सुधार लाना।
  • निर्यातोन्मुख उत्पादन का प्रोत्साहन और अनुसूचित उत्पादों का विकास।
  • उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन या अनुसूचित उत्पादों के निर्यात में लगे संगठनों या कारखानों के मालिकों या अनुसूचित उत्पादों से सम्बद्ध मामलों के लिए निर्धारित ऐसे अन्य व्यक्तियों से आंकड़े एकत्र करना तथा इस प्रकार एकत्रित किए गए आंकड़ों या उनके किसी एक भाग या उनके उद्धरण प्रकाशित करना।
  • अनुसूचित उत्पादों से जुड़े उद्योगों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण देना।
  • निर्धारित किए गए अन्य मामले।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]