कूप्पुकई
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कूप्पुकई(मलयालम: കൂപ്പുകൈ) भारत से मलयालम भाषा की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक नालापत बालमणि अम्मा का काव्य संग्रह है, जो 1930 में पहली बार मलयालम भाषा में प्रकाशित हुआ और इसका द्वितीय संस्करण 1970 में आया।[1]
कूप्पुकई(मलयालम: കൂപ്പുകൈ) भारत से मलयालम भाषा की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक नालापत बालमणि अम्मा का काव्य संग्रह है, जो 1930 में पहली बार मलयालम भाषा में प्रकाशित हुआ और इसका द्वितीय संस्करण 1970 में आया।[1]
नालापत बालमणि अम्मा की कृतियाँ | |
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कविता संग्रह | कूप्पुकई | अम्मा | कुटुंबनी | धर्ममर्गथिल | स्त्री हृदयम | प्रभंकुरम | भवनईल | ऊंजलींमेल | कालिकोट्टा | भावनाईल | अवार पेयदुन्नु | प्रणामम | लोकांठरांगलील | सोपनाम | मुथास्सी| अंबलथीलेक्कू| नगरथिल| वाईलारुंम्पोल| अमृथंगमया|संध्या| निवेद्यम| मथृहृदयम| वाला |
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गद्य साहित्य | |
अनुवाद: | छप्पन कविताएं-बालमणि अम्मा (मलयालम भाषा से हिन्दी में अनुवाद,1971)| निवेदया (मलयालम भाषा से हिन्दी में अनुवाद,2003)|"थर्टी पोएम्स-बालमणि अम्मा" (मलयालम भाषा से अँग्रेजी में अनुवाद,1979)|"Chakravalam (Horizon)" हिन्दी अनुवाद: क्षितिज, (मलयालम भाषा से अँग्रेजी में अनुवाद,1940)|Mother हिन्दी अनुवाद: माँ, (मलयालम भाषा से अँग्रेजी में अनुवाद,1950) |