कुश (बहुविकल्पी)

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  • (२) एक पौराणिक प्रदेश जिसमें कुशस्तंब नामक पर्वत था। वायु पुराण के अनुसार यह जंबुद्वीप के निकट था। यहाँ का राजा हिरण्यरेतस् का पुत्र था। उसने अपने राज्य को अपने सात पुत्रों में बाँट दिया। भागवत पुराण के अनुसार इस प्रदेश में अग्निपूजा प्रचलित थी और वहाँ कुशल नामक मानवसमाज रहता था। आधुनिक विद्वानों की धारणा है कि हिंदूकुश पर्वत के उत्तर कास्पियन सागर और अरल सागर के बीच की भूमि का नाम कुशद्वीप था। कुछ विद्वान् कुशद्वीप के अंतर्गत सहारा, सूडान, गिनी, कामरेन, कांग तथा पश्चिमी और दक्षिणी अफ्रका को सम्मिलित बताते हैं।
  • (३) राम के सीता से उत्पन्न यमज पुत्रों में कनिष्ठ पुत्र। लोकापवाद के भय से जब राम ने गर्भवती सीता का परित्याग कर दिया। लक्ष्मण उन्हें तमसा तट पर वाल्मीकि आश्रम के निकट छोड़ आए तब वाल्मीकि के आश्रम में कुश और लव का जन्म हुआ था। वाल्मीकि ने उनका पालन-पोषण किया, वेद आदि की शिक्षा दी और रामायण कंठस्थ कराया। धनुर्विद्या आदि में भी उन्हें निष्णात किया। जब अश्वमेध के निमित्त राम ने अश्व छोड़ा तो कुश-लव ने उसे पकड़ लिया। शत्रुघ्न अश्व की रक्षा के लिये नियुक्त थे। उन्हें इन दोनों भाइयों ने युद्ध में मूर्छित कर दिया। तब लक्ष्मण से उनका युद्ध हुआ। वे पराजित हुए। तब स्वयं राम को कुश-लव के अपना पुत्र होने की बात ज्ञात हुई। उन्होंने उन बालकों को अश्व का संरक्षक नियुक्त किया।
  • (५) स्कंद पुराण के अनुसार एक दैत्य जिसे शंकर ने अमरत्व प्रदान किया था। इस कारण विष्णु उसका वध करने में असमर्थ रहे। तब उन्होंने उसका सिर जमीन में गाड़कर उस पर शिवलिंग की स्थापना की, इस प्रकार वह वशीभूत हो पाया।