कुक्के सुब्रमण्या मंदिर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर
चित्र:Kukke Subramanya Swami.jpg
Main entrance
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिSubramanya, Karnataka, भारत
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर is located in पृथ्वी
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 42 पर: The name of the location map definition to use must be specified। के मानचित्र पर अवस्थिति
कुक्के सुब्रह्मण्य मंदिर

कुक्के सुब्रह्मण्य (टुलु/कन्नड़: ಕುಕ್ಕೆ ಸುಬ್ರಹ್ಮಣ್ಯ) एक हिन्दू मंदिर है जो भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड जिले, मैंगलोर के पास, के सुल्लिया तालुक के सुब्रमण्या के एक छोटे से गांव में अवस्थित है। यह मंदिर भारत के प्राचीन तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां भगवान सुब्रह्मण्य की सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। महाकाव्यों में यह सन्दर्भ आता है कि गरूड़ द्वारा डरने पर परमात्मा सर्प वासुकी और अन्य सर्प भगवान सुब्रह्मण्य के तहत सुरक्षा महसूस करते हैं।

मंदिर[संपादित करें]

मंदिर में भगवान के पवित्र दर्शन के पहले यात्रियों को कुमारधारा नदी पार कर और उसमें एक पवित्र स्नान करना पड़ता है।

भक्त पीछे की तरफ से आंगन में प्रवेश करते हैं और मूर्ति के सामने जाने से पहले उसकी प्रदक्षिणा करते हैं। वहां गर्भगृह और बरामदा प्रवेश द्वार के बीच गरूड़ स्तंभ है जो चांदी से ढका हुआ है। ऐसा माना जाता है कि स्तंभ में निवास करने वाले वासुकी के सांस से आ रहे जहर आग प्रवाह से भक्तों को बचाने के लिए इसे आभूषण से मढ़ा और गाड़ा गया था। भक्त स्तंभ के चारों ओर खड़े होकर एक वृत बनाते हैं। स्तंभ के आगे एक बाहरी हॉल है और फिर एक अंतरीय हॉल और उसके बाद श्री सुब्रमण्या का गर्भगृह है। गर्भगृह के केंद्र में एक आसन है। उच्च मंच पर श्री सुब्रह्मण्य की मूर्ति खड़ी है और फिर वासुकी की मूर्ति और कुछ ही नीचे शेषनाग की मूर्ति. इन देवताओं की पूजा प्रतिदिन होती है। [1]

सर्प संस्कार / सर्प-दोष निवारण हेतु पूजा[संपादित करें]

सर्प-संस्कार/सर्प-दोष एक प्रकार की पूजा है जो भक्तों द्वारा सर्प-दोष(विश्वास के अनुसार एक व्यक्ति या तो इस जन्म या उसके पिछले जन्म में सर्प (या नागिन) दोष (शापित) से या तो जानबूझकर या अनजाने में कई तरीके से शापित रहता है) से मुक्ति की कामना से किया जाता है। जो लोग इस दोष से शापग्रस्त है, उन्हें ज्योतिषियों/ कुंडली लेखकों द्वारा यह पूजा करने की सलाह दी जाती है। यह पूजा या तो शापित व्यक्ति, अगर वह पुरुष हो और विवाहित हो, कर सकता है या फिर एक पुजारी द्वारा की जा सकती है। इसका कारण यह है कि इस पूजा के रिवाज़ श्राद्ध (मृत्यु संस्कार) में किए जाने वाले पूजा के समान है। सर्प-संस्कार सेवा वाले भक्तों को यहां दो दिनों तक रहने की जरूरत होती है । मंदिर (देवस्थानम) द्वारा प्रति सेवा केवल चार व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था के तहत कथित भक्तों को उपलब्ध कराई जाती है।

कर्नाटक और केरल के तुलु नाडू क्षेत्र में नाग देवता में व्यापक आस्था के कारण यह पूजा सभी धर्मों के लोगों द्वारा की जाती है।

कैसे पहुंचे[संपादित करें]

बैंगलोर और बंगलूर सड़क के मार्ग से कुक्के सुब्रह्मण्य पहुंचा जा सकता है। इन दो स्थानों से KSRTC दैनिक रूप से बस का परिचालन करती है। सबसे पास का हवाई अड्डा बाजपे हवाई अड्डा है, मैंगलोर का अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, जो 115 किमी की दूरी पर है[2]। मैंगलोर-बैंगलोर रेल मार्ग पर निकटतम रेलवे स्टेशन सुब्रह्मण्य रोड (SBHR) है जो कुक्के सुब्रह्मण्य से 7 कि॰मी॰ दूर है। मैंगलोर से वहां एक दैनिक यात्री सेवा (ट्रेन नं 061/0652) है। ट्रेन सुबह 10:30 पर मैंगलोर से रवाना होती है और सुब्रह्मण्य रोड रेलवे स्टेशन पर रात 1:00 बजे तक पहुंच जाती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्री स्थानीय परिवहन (लगभग 20 रुपया प्रति आदमी) पकड़ सकते है जो 15 मिनट का रास्ता है। बैंगलोर से कुक्के सुब्रह्मण्य (ट्रेन नंबर: 6517 और 6515) तक ट्रेन सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।

ज्ञान-शक्ति-धर स्कन्द वल्ली-कल्याण सुन्दर । देवसेना-मनोकांत सुब्रह्मण्य नमोऽस्तु ते ।।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Kukke Subrahmanya Temple". मूल से 28 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-09-13.
  2. "कुक्के सुब्रमण्या यात्रा". मूल से 1 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 सितम्बर 2013. कुक्के सुब्रमण्या यात्रा