कीनिया का भूगोल
भूगोल
[संपादित करें]अवस्थिति और विस्तार
[संपादित करें]कीनिया अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है और इस प्रकार पूर्वी अफ्रीका का देश कहलाता है। भौगोलिक निर्देशांकों में इसका विस्तार लगभग 5° उत्तरी से 5° दक्षिणी अक्षांशों तक और 34° से 42° पूर्वी देशान्तर के मध्य है। कीनिया का कुल क्षेत्रफल 580,367 वर्ग कि॰मी॰ है और यह क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का 49वाँ बड़ा देश है। इस में स्थलीय भाग 569,140 वर्ग कि॰मी॰ और जलीय क्षेत्र (विक्टोरिया झील और अन्य) 11,227 वर्ग कि॰मी॰ हैं।[1]
कीनिया की स्थलीय सीमा 3,447 कि॰मी॰ लम्बी है जिसमें द॰ सूडान के साथ 232 कि॰मी॰, इथियोपिया के साथ 861 कि॰मी॰, सोमालिया के साथ 682 कि॰मी॰, तंजानिया के साथ 769 कि॰मी॰ और युगांडा के साथ 933 कि॰मी॰ हिस्सा है। समुद्र तट की लम्बाई हिन्द महासागर के सहारे 536 कि॰मी॰ है।[2]
स्थलाकृति
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कीनिया को स्थलाकृतिक विशेषताओं के आधार पर छह प्रमुख भौगोलिक प्रदेशों में बाँटा जाता है।[3]
समुद्र तटीय क्षेत्र हिन्द महासागर के किनारे के सहारे उत्तर से दक्षिण की ओर फैला हुआ है और यहाँ विविध तटीय स्थलरूप पाए जाते हैं। छोटी खाड़ियाँ और मूँगे की चट्टानें तट के सहारे और एक लगभग सतत अवरोधक प्रवाल भित्ति तट के साथ पायी जाती है। उत्तरी हिस्से में लामू द्वीप चाप (Lamu Archipelago) है जो समुद्र तल में वृद्धि के परिणाम स्वरूप समुद्र में डूबे तट का उच्च भूमि वाला हिस्सा है जो समुद्र से ऊपर द्वीप के रूप में उभरा हुआ है।
मैदानी क्षेत्र के अंतर्गत दक्षिण तटीय पश्चभूमि एक उच्चावच विहीन अपरदनात्मक मैदान है जिसमें कहीं कहीं छोटी पहाड़ियां परिलक्षित होती हैं और ताना मैदान, ताना नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों से निर्मित है।
उत्तरी मैदानी-क्षेत्र पश्चिम में युगांडा की सीमा से पूर्व में सोमालिया की सीमा तक फैला है। यह बहुधा लावा निर्मित मैदान है। रुडोल्फ झील और चाल्बी रेगिस्तान इसी क्षेत्र का हिस्सा हैं। यहाँ शुष्क प्रदेशों में पायी जाने वाली स्थल रूप निर्माण के प्रक्रम क्रियाशील हैं क्योंकि यह प्रदेश शुष्क जलवायु वाला है।
कीनियाई उच्च भूमि को यूरोपीयन लोग श्वेत उच्च भूमि भी कहते थे। यह भ्रंश घाटी के पश्चिम और पूर्व दो हिस्सों में विभक्त होकर अवस्थित है। माउंट केन्या पूर्वी हिस्से में स्थित है।
भ्रंशघाटी प्रदेश पूर्वी अफ़्रीकी भ्रंश का हिस्सा है और यह रुडोल्फ झील के इलाके से लेकर दक्षिण में तंजानिया की सीमा तक है। कीनियाई उच्च भूमि इसके द्वारा द्विभाजित की जाती है।
पश्चिमी पठार प्रदेश एक बड़े बेसिन के आकार में विक्टोरिया झील के सहारे स्थित है और बहुधा भ्रन्शित पठारों वाला है।
जलवायु
[संपादित करें]कीनिया की जलवायु इसकी अक्षांशीय स्थिति से काफ़ी प्रभावित है। विषुवत रेखा पर स्थित होने के कारण यहाँ विषुवतीय जलवायु पाई जाती है जिसमें वर्ष भर मौसम लगभग एक सा रहता है। तटीय भागों में वर्ष भर वर्षा इसका प्रमुख उदहारण है और तापमान तथा आर्द्रता में दैनिक चक्र स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। पश्चिमी और भीतरी भागों में उत्तरी हिस्से में रेगिस्तानी जलवायु या अर्ध-शुष्क जलवायु पाई जाती है। कीनिया के लगभग 70% से अधिक भागों में अर्ध-शुष्क जलवायु का ही विस्तार है जहाँ 51 सेमी से कम वार्षिक वर्षा होती है।[4] कम वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा अनियमित भी होती है और वर्षा की मात्रा की औसत से विचारंशीलता अधिक पायी जाती है।
कीनियाई उच्च भूमि पर ऊंचाई का जलवायु के ऊपर स्पष्ट प्रभाव है और भूमध्य रेखा पर अवस्थिति के कारण वर्ष भर में कोई विशेष ऋत्विकता नहीं पायी जाती।
हिन्द महासागर के तट पर स्थित मोम्बासा शहर की जलवायु सांख्यिकी[5] | |||||||||||||||
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NOAA कूट | सांख्यिकी | Jan | Feb | Mar | Apr | May | Jun | Jul | Aug | Sep | Oct | Nov | Dec | औसत | |
0101 | औसत तापमान F | 81.7 | 82.6 | 82.9 | 81.7 | 79.2 | 76.6 | 75.2 | 75.2 | 76.5 | 78.3 | 80.4 | 81.3 | 79.3 | |
0201 | उच्च॰ तापमान F | 91.8 | 92.7 | 92.7 | 90.5 | 87.6 | 84.9 | 83.7 | 83.8 | 85.5 | 86.9 | 88.9 | 91 | 88.3 | |
0301 | न्यून॰ तापमान F | 71.6 | 72.5 | 73.2 | 72.9 | 70.9 | 68.2 | 66.7 | 66.7 | 67.5 | 69.6 | 71.8 | 71.6 | 70.3 | |
0615 | वर्षा (इंच में)[5] | 1.4 | 0.6 | 2.3 | 6.3 | 9.7 | 3.6 | 2.9 | 2.8 | 2.8 | 4.2 | 4.3 | 3.1 | 3.7 | |
0101 | औसत तापमानC | 27.6 | 28.1 | 28.3 | 27.6 | 26.2 | 24.8 | 24.0 | 24.0 | 24.7 | 25.7 | 26.9 | 27.4 | 26.27 | |
0201 | उच्च॰ तापमान C | 33.2 | 33.7 | 33.7 | 32.5 | 30.9 | 29.4 | 28.7 | 28.8 | 29.7 | 30.5 | 31.6 | 32.8 | 31.29 | |
0301 | न्यून॰ तापमान C | 22.0 | 22.5 | 22.9 | 22.7 | 21.6 | 20.1 | 19.3 | 19.3 | 19.7 | 20.9 | 22.1 | 22.0 | 21.26 | |
0615 | वर्षा (मि॰ मी॰)[5] | 33.9 | 14.0 | 55.6 | 154.3 | 246 | 88.3 | 71.8 | 68.2 | 67.2 | 103.4 | 104.7 | 75.8 | 89.39 | |
1109 | अधि॰ आर्द्रता % | 76.0 | 76.0 | 78.0 | 82.0 | 85.0 | 84.0 | 86.0 | 85.0 | 82.0 | 81.0 | 80.0 | 78.0 | 81.08 | |
1110 | न्यून॰ आर्द्रता[5]% | 62.0 | 59.0 | 61.0 | 66.0 | 70.0 | 67.0 | 67.0 | 66.0 | 65.0 | 66.0 | 68.0 | 65.0 | 65.17 |
प्राकृतिक वनस्पतियाँ
[संपादित करें]कीनिया में प्राकृतिक वनस्पतियों का वितरण जलवायु और उच्चावच का अनुसरण करता है। समुद्र तटीय भागों में मैंग्रोव वनस्पति पायी जाती है और तटीय मैदानों में आर्द्र भागों में पाम और अन्य उष्ण कटिबंधीय वनस्पतियाँ प्रमुख हैं।
अंदरूनी क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा क्रमशः कम होते जाने के कारण यहाँ घास के मैदान और खुले वन का फैलाव है। और अधिक शुष्क भागों में कटीली झाडियाँ और मरुस्थली वनस्पतियाँ पायी जाती हैं। चूँकि कीनिया का 70% से अधिक भाग अर्धशुष्क या शुष्क है अतः यहाँ झाडियों वाले घास के मैदानों की बहुलता है जिनमें छिटपुट बड़े वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसे मैदानों को wooded and bushed grassland अथवा woodland and bushland कहा जाता है।
पहाड़ी इलाकों में जहाँ वर्षा की मात्रा आधिक होती है वहाँ काफ़ी लम्बी घास के क्षेत्र पाए जाते हैं। ऐसे क्षेत्रों में बाँस (Arundinalia alpina) लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई तक मिलता है। अन्य वृक्षों में कैम्फर, जैतून, पोडो और सीडर इत्यादि हैं।[6]
वर्तमान समय में वनों का तेजी से हो रहा दोहन कीनिया की कुछ प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। नोबल पुरस्कार प्राप्त कार्यकत्री वंगारी मथाई ने इन वनों के संरक्षण के लिये काफ़ी काम किया और उनके जैसे अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता अब भी यहाँ के वनों को संरक्षित करने हेतु जनांदोलन चला रहे हैं।
भूगर्भिक संरचना
[संपादित करें]कीनिया का नवीनकालिक भूगर्भिक परिदृश्य मुख्यतः ज्वालामुखीयता द्वारा प्रभावित रहा है। यहाँ प्लेट विवर्तनिकी की सक्रियता रिफ्ट घाटियों के रूप में इस पूरे क्षेत्र की संरचना को निर्धारित करती है। यहाँ पूर्वी अफ़्रीकी रिफ्ट कीनिया की सबसे उत्तरी झील तुरकाना से लेकर, माउंट केन्या होते हुए दक्षिण में किलिमांजारो पर्वत तक और आगे तंजानिया में फैली है।
कीनिया के पश्चिमी भाग का ज्यादातर हिस्सा प्लायोसीन-प्लीस्टोसीन काल के ज्वालामुखियों द्वारा आच्छादित है जिसके नीचे प्रीकैम्ब्रियन चट्टानें पायी जाती है।[7] वहीं कीनिया का दक्षिणी-पूर्वी हिस्सा कारू नदी तन्त्र द्वारा जमा किये तलछट से निर्मित है जो पर्मियन से लेकर बाद के ट्रियासिक काल के अवसाद हैं। अन्जा द्रोणी का दिग्विन्यास उतर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है और यह रिफ्ट गोंडवानालैण्ड के विभाजन के समय उत्पन्न हुयी थी।[8][9]
- ↑ सीआइए- वर्ल्ड फैक्टबुक Archived 2018-02-13 at the वेबैक मशीन, (अभिगमन तिथि 06-08-2014)
- ↑ सीआइए- वर्ल्ड फैक्टबुक Archived 2018-02-13 at the वेबैक मशीन, (अभिगमन तिथि 06-08-2014)
- ↑ Kenya -- Geography on East Africa Living Encyclopedia Archived 2014-07-17 at the वेबैक मशीन, अफ्रीकन अध्ययन केन्द्र, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, (अभिगमन तिथि 06-08-2014)
- ↑ Kenya -- Geography on East Africa Living Encyclopedia Archived 2014-07-17 at the वेबैक मशीन, अफ्रीकन अध्ययन केन्द्र, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, (अभिगमन तिथि 06-08-2014)
- ↑ अ आ इ ई "Mombasa, Kenya: Climate, Global Warming, and Daylight Charts and Data", Climate-Charts.com, 2008, web: CC820 Archived 2014-11-01 at the वेबैक मशीन: May precipitation was reset as "246" mm, converting 9.7 in.
- ↑ Raphael W. Kareri, SOME ASPECTS OF THE GEOGRAPHY OF KENYA Archived 2012-09-13 at the वेबैक मशीन, Moi University, Eldoret, Kenya, (अभिगमन तिथि 07-08-2014)
- ↑ Bernard Kipsang Rop, Petroleum Potential of NW-Kenya Rift Basins: A Synopsis of Evidence and Issues Archived 2015-02-11 at the वेबैक मशीन
- ↑ Bernard Kipsang Rop, Petroleum Potential of NW-Kenya Rift Basins: A Synopsis of Evidence and Issues Archived 2015-02-11 at the वेबैक मशीन
- ↑ L.C. Greene, D.R. Richards, R.A. Johnson, (1991), Crustal structure and tectonic evolution of the anza rift, northern Kenya, Tectonophysics 197 (2–4): 203–211.