किराँत मुन्धुम

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पशुपतिनाथ में किरातेश्वर महादेव या बिरुपक्ष्य
सकेला पर्व मनाते हुए किरात खम्बू राई लोग

किराँत मुन्धुम या किराँत धर्म एक लोकधर्म है। नेपाल, दार्जिलिंग और सिक्किम के किराती जातीय समूह इसके अनुयायी हैं। इन क्षेत्रों के यक्खा, लिम्बु, सुनुवर, राय, थामी, जिरेल हायु तथा पूर्वोत्तर भारत के सुरेल लोग इस धर्म के अनुयायी हैं। [1] इस धर्म को 'किराँत वेद', [2] [3] ''किरात को वेद' [4] आदि नामों से भी जाना जाता है। [5] टॉम वुडहैच जैसे कुछ विद्वानों के अनुसार, यह शमनवाद, जीववाद (जैसे, युमा सम्मंग / तगेरा निंगवाफुमंग और परुहांग / सुमनिमा की पूर्वज पूजा ), [6] और शैववाद का मिश्रण है। [7] सन् 2011 की नेपाल की जनगणना के अनुसार नेपाल के लगभग 3.1% लोग इस धर्म के अनुयायी हैं। [8]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "final layout pdf.p65" (PDF). मूल (PDF) से 2009-09-02 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-01-22.
  2. p. 56 Kiratese at a Glance By Gopal Man Tandukar
  3. p. xxv A Grammar of Limbu By Geordefine sungge van Driem
  4. Problems of Modern Indian Literature by Statistical Pub. Society: distributor, K. P. Bagchi
  5. p. 323 Kiratas in Ancient India By G. P. Singh, Dhaneswar Kalita, V Sudarsen, M A Kalam
  6. "History and Culture of the Kirat" by I.S.Chemjong
  7. p. 535 Nepal By Tom Woodhatch
  8. "Archived copy" (PDF). मूल (PDF) से 2013-04-18 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-11-01.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)