काल्पनिक विश्व


काल्पनिक विश्व/ब्रह्मांड , जिसे कल्पित विश्व या निर्मित विश्व के रूप में भी जाना जाता है, एक कथा या कला के काम में इस्तेमाल की जाने वाली आंतरिक रूप से सुसंगत काल्पनिक अभिविन्यास है। यह अवधारणा आमतौर पर स्वैरकल्पना (फंतासी) और विज्ञान कथाओं के कार्यों से जुड़ी होती है, और इसे उपन्यास, कॉमिक्स, फ़िल्म, टेलीविज़न शो, वीडियो गेम और अन्य रचनात्मक कार्यों जैसे विभिन्न रूपों में पाया जाता है।[1]
उदाहरण
[संपादित करें]विज्ञान कथा में, एक काल्पनिक विश्व एक दूरस्थ विदेशी ग्रह या आकाशगंगा हो सकता है जिसका वास्तविक दुनिया से बहुत कम संबंध हो; जैसा कि जॉर्ज लूकस निर्मीत स्टार वॉर्स में है। स्वैरकल्पना में, यह पृथ्वी के सुदूर अतीत या भविष्य का एक बहुत ही काल्पनिक या आविष्कृत संस्करण हो सकता है; जैसा कि जे॰आर॰आर॰ टोल्किन के लिखे हुए द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स में है।[2]
भारतीय साहित्य में, मालगुडी ऐसे काल्पनिक विश्व का सबसे अच्छा उदाहरण है जिसे आर. के. नारायण ने रचा था। यह काल्पनिक शहर अगुम्बे में स्थित है जो भारतीय राज्य कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित है और नारायण के उपन्यासों और लघु कथाओं में इसका उल्लेख होता है। यह नारायण की अधिकांश रचनाओं की पृष्ठभूमि है। अपने पहले उपन्यास, स्वामी एंड फ्रेंड्स से शुरू करते हुए, उनके पंद्रह उपन्यासों में से एक को छोड़कर सभी और उनकी अधिकांश लघु कथाएँ यहीं घटित होती हैं। नारायण ने इस अवधारणा को विकसित किया और इसे विस्तृत रूप में तैयार किया तथा इसमें कई इमारतें, स्कूल (अल्बर्ट मिशन स्कूल), कार्यालय, सड़कें (एलेमन स्ट्रीट, ग्रोव्ह स्ट्रीट), दुकानें (बॉम्बे आनंड भवन), अस्पताल (मालगुडी मेडिकल सेंटर), रेलवे स्टेशन, एक नदी (शरयू) और एक जंगल (मेम्पी) भी शामिल किया।[3][4]
साझा विश्व
[संपादित करें]साझा विश्व, रचनात्मक कार्यों के एक समूह से बना एक काल्पनिक विश्वहै, जहां एक या एक से अधिक लेखक (या अन्य कलाकार) स्वतंत्र रूप से ऐसे कार्यों का योगदान करते हैं, जो अकेले तो खड़े हो सकते हैं, लेकिन समग्र परियोजना की कहानी, पात्रों या दुनिया के संयुक्त विकास में बैठते हैं।[5]
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ Pavel, Thomas G. (1986). Fictional Worlds. Harvard University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780674299665.
- ↑ Schult, Stefanie; Tolkien, J. R. R.; Pratchett, Terry; Williams, Tad (2017). Subcreation: fictional-world construction from J.R.R. Tolkien to Terry Pratchett and Tad Williams. Ernst-Moritz-Arndt-Universität Greifswald. Berlin: Logos Verlag Berlin GmbH. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-8325-4419-5.
- ↑ Khatri, Chote Lal (2006). R.K. Narayan: Reflections and Re-evaluation. India: Sarup & Sons. पृ॰ 3. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788176257138.
- ↑ Narayan, R.K (2000). Memories of Malgudi. Chennai: Penguin India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780141002453.
- ↑ Nielsen, Jakob (1995). Multimedia and Hypertext: The Internet and Beyond. Morgan Kaufmann. पपृ॰ 120–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-12-518408-3. मूल से मार्च 24, 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि अगस्त 5, 2015.