कालीरामणा
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कालीरावणा | |
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जाट गोत्र | |
स्थिति | हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश |
हिन्दू वर्ण व्यवस्था | क्षत्रिय |
वंश | नागवंशी |
शाखा | कालीरामणा, कालीरमन, कालीरमना, कालीरमने, कालीधामन, कालखण्डे, कालीरावण, कालीरावणा, कालेरावणा, कालीरावत, कालु |
भाषा | हरियाणवी, हिन्दी, पंजाबी और राजस्थानी |
धर्म | हिन्दू धर्म और सिख धर्म |
कालीरामणा या कालीरमन या 'कालेरावने हरियाणा और पंजाब की एक जाट गोत्र है।
कालीरावणा राजस्थान की एक जाट गोत्र है। यह जयपुर के मुण्डोता गाँव में निवास करती है।
उदय[संपादित करें]
उनका उद्भव कालिय से हुआ जो मथुरा के रामंका द्विप क्षेत्र के निकट के एक नागवंशी क्षत्रिय राजा थे।[1]
कालस कालशोक के वंशज हैं जो शिशुनाग के पुत्र थे।[2]
इतिहास[संपादित करें]
उन्होंने कालकुता पर भी विजय प्राप्त कर ली। इस गोत्र के लोग पंजाब में सिंहपुरा और भागोवाला इनके गणराज्य थे।[2]