कार्ल ऑरटविन सावर
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कार्ल ऑरटविन सावर | |
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जन्म |
24 दिसम्बर 1889[1] |
मृत्यु |
18 जुलाई 1975[1] ![]() बर्कली, कैलिफोर्निया[1] ![]() |
नागरिकता |
संयुक्त राज्य अमेरिका ![]() |
शिक्षा |
शिकागो विश्वविद्यालय,[2] नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय[2] ![]() |
नियोक्ता |
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले[2] ![]() |
कार्ल ऑरटविन सावर प्रसिद्ध अमेरिकन सांस्कृतिक भूगोलवेत्ता थे।
●यह मिसौरी राज्य(usa) के रहने वाले थे।
●1915 में शिकागो विवि में शोध उपाधि ली।
●मिशिगन विवि में प्रथम नियुक्ति प्रोफेसर के पद पर हुई।
●1923 में केलिफोर्निया विवि में प्रोफेसर बने।
●1923-1970 तक बर्क़ेले सम्प्रदाय से जुड़े रहे।
●1925 में क्षेत्रीय विभिन्नता शब्द का प्रयोग किया,जिसकी विस्तृत विवेचना आगे चलकर हार्टशोर्न ने की।।
●मुख्य योगदान - सांस्कृतिक भूगोल में।
●इन्हें सांस्कृतिक भूगोल का पिता कहा जाता है।।
●बूक -1. "द मोरफोलॉजी ऑफ लैंडस्केप"(1925)
2. "एग्रीकल्चर ओरिजन एंड दिसपरज"(1952)
प्रमुख पुस्तकें[संपादित करें]
- जैविक विश्व का मानवीय उपयोग
- उत्तरी पश्चिमी मैक्सिको की आदिम जनसंख्या
- कृषि के उदगम प्रदेश और प्रकिर्डन
- सांस्कृतिक भूगोल
- दृष्यभूमी का आकृति विज्ञान
- ओजार्क उच्च भूमि
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सावर संभव वाद का समर्थक था, परन्तु आधुनिक युग के निश्चय वाद को मानते हुए उसने प्रकृति और मानव के बीच समायोजन को ही प्रमुख माना था।